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नागपुर में बच्चाें पर कोवैक्सीन टीके का ट्रायल शुरू

महाराष्ट के नागपुर (Nagpur) में आज से छोटे बच्चों पर कोवैक्सीन (Covaxin ) ट्रायल शुरू कर दिया गया है. पहले चरण में 12 से 18 आयु के बच्चों को पहला टीका दिया जा रहा है.

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Published : Jun 6, 2021, 2:09 PM IST

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नागपुर : महाराष्ट के नागपुर (Nagpur) में आज से छोटे बच्चों पर कोवैक्सीन (Covaxin) टीके का ट्रायल शुरू हुआ. देश में केवल चार शहरों में यह ट्रायल हो रहा है, उसमें महाराष्ट्र का नागपुर भी शामिल है.

नागपुर शहर के मेडिट्रिना हॉस्पिटल (meditrina hospital) में बच्चों के लिए ट्रायल वैक्सीनेशन शुरू हो गया है. पहले चरण में 12 से 18 आयु के बच्चों को पहला टीका दिया जा रहा है. आज लगभग 50 बच्चे अपने अभिभावकों के साथ ट्रायल टीकाकरण के लिए आए.

इन बच्चों काे ट्रायल टीकाकरण अभियान से पहले और टीकाकरण करने के बाद क्या सावधानी बरतनी चाहिए इसकी पूरी जानकारी दी गई.

इस दाैरान बच्चों को कोई रोग या अस्वस्थता नहीं है, इसका ख्याल रखा गया. उन्हें पहले कोरोना का संक्रमण तो नहीं हुआ था, इसकी जानकारी भी ली गई. साथ ही एंटीबॉडी (antibodies) का भी चेकअप किया गया.

इसे भी पढ़ें : बिना वैक्सीन लगे ही जारी हाे गया सर्टिफिकेट, जानें पूरा मामला

बता दें कि यह ट्रायल टीकाकरण प्रक्रिया 208 दिनों चलने वाली है. ट्रायल के लिए पहुंचे सभी बच्चाें की काउंसिलिंग (councelling) की जा चुकी है. बच्चाें ने ईटीवी भारत के साथ बातचीत में कहा कि उन्हें किसी बात का डर नहीं हैं बल्कि उन्हें इस बात की बहुत खुशी है कि वे इस ट्रायल का हिस्सा बन रहे हैं.

नागपुर : महाराष्ट के नागपुर (Nagpur) में आज से छोटे बच्चों पर कोवैक्सीन (Covaxin) टीके का ट्रायल शुरू हुआ. देश में केवल चार शहरों में यह ट्रायल हो रहा है, उसमें महाराष्ट्र का नागपुर भी शामिल है.

नागपुर शहर के मेडिट्रिना हॉस्पिटल (meditrina hospital) में बच्चों के लिए ट्रायल वैक्सीनेशन शुरू हो गया है. पहले चरण में 12 से 18 आयु के बच्चों को पहला टीका दिया जा रहा है. आज लगभग 50 बच्चे अपने अभिभावकों के साथ ट्रायल टीकाकरण के लिए आए.

इन बच्चों काे ट्रायल टीकाकरण अभियान से पहले और टीकाकरण करने के बाद क्या सावधानी बरतनी चाहिए इसकी पूरी जानकारी दी गई.

इस दाैरान बच्चों को कोई रोग या अस्वस्थता नहीं है, इसका ख्याल रखा गया. उन्हें पहले कोरोना का संक्रमण तो नहीं हुआ था, इसकी जानकारी भी ली गई. साथ ही एंटीबॉडी (antibodies) का भी चेकअप किया गया.

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बता दें कि यह ट्रायल टीकाकरण प्रक्रिया 208 दिनों चलने वाली है. ट्रायल के लिए पहुंचे सभी बच्चाें की काउंसिलिंग (councelling) की जा चुकी है. बच्चाें ने ईटीवी भारत के साथ बातचीत में कहा कि उन्हें किसी बात का डर नहीं हैं बल्कि उन्हें इस बात की बहुत खुशी है कि वे इस ट्रायल का हिस्सा बन रहे हैं.

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