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डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ कितनी प्रभावी है COVAXIN, भारत बायोटेक ने दी जानकारी

इससे पहले बुधवार को द लैंसेट इन्फेक्शियस डिजीज जर्नल में भारत के स्वदेशी टीके कोवैक्सीन को लेकर बड़ा दावा किया गया. द लैंसेट इन्फेक्शियस डिजीज जर्नल में बुधवार को प्रकाशित भारतीय वैक्सीन के रियल वर्ल्ड असेसमेंट में खुलासा किया गया कि कोवैक्सीन की दो खुराक ने भारत में महामारी की दूसरी लहर के दौरान कोरोना से केवल 50 प्रतिशत सुरक्षा प्रदान की.

भारत बायोटेक
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Published : Nov 25, 2021, 9:23 AM IST

नई दिल्ली: फार्मा क्षेत्र की अग्रणी कंपनी भारत बायोटेक ने कोरोना वायरस (Corona Virus) के बीच डेल्टा वैरियंट के खिलाफ कोवैक्सीन की प्रभाविता को लेकर बयान जारी किया है. भारत बायोटेक (Bharat Biotech) ने कहा कि सामान्य आबादी के बीच कोवैक्सीन (COVAXIN) के तीसरे चरण के ट्रायल के परिणाम डेल्टा संस्करण के खिलाफ 65.2 प्रतिशत प्रभावकारिता को दर्शाते हैं.

भारत बायोटेक ने बयान में कहा कि अध्ययन से यह भी पता चलता है कि कोवैक्सीन खतरनाक डेल्टा वैरिएंट (Delta variant) के लिए कोविड टीकों के लिए WHO प्रभावकारिता मानदंड को पूरा करती है.

इससे पहले बुधवार को द लैंसेट इन्फेक्शियस डिजीज जर्नल में भारत के स्वदेशी टीके कोवैक्सीन को लेकर बड़ा दावा किया गया. द लैंसेट इन्फेक्शियस डिजीज जर्नल में बुधवार को प्रकाशित भारतीय वैक्सीन के रियल वर्ल्ड असेसमेंट में खुलासा किया गया कि कोवैक्सीन की दो खुराक ने भारत में महामारी की दूसरी लहर के दौरान कोरोना से केवल 50 प्रतिशत सुरक्षा प्रदान की.

द लैंसेट इंफेक्शियस डिजीज जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, भारत बायोटेक द्वारा विकसित वैक्सीन BBV152 (बीबीवी152) का पहला वास्तविक-विश्व मूल्यांकन बताता है कि दो खुराक वाली वैक्सीन का परिणाम रोगसूचक कोविड संक्रमण के खिलाफ 50 प्रतिशत प्रभावी है. अध्ययन में 15 अप्रैल से 15 मई 2021 तक दिल्ली एम्स में 2,714 अस्पताल कर्मियों का आकलन किया, जो रोगसूचक थे और कोविड-19 का पता लगाने के लिए आरटी-पीसीआर परीक्षण किया गया था.

बता दें कि कोवैक्सीन को हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक द्वारा नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी, इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (एनआईवी-आईसीएमआर), पुणे के सहयोग से विकसित किया गया है. यह 28 दिनों के अलावा दो खुराक वाले आहार में प्रशासित एक निष्क्रिय संपूर्ण वायरस टीका है. इस साल जनवरी में कोवैक्सीन को भारत में 18 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों के लिए आपातकालीन उपयोग के लिए अनुमति दी गई थी.

पढ़ें: Covaxin उत्पादन : भारत बायोटेक निदेशक बोले- बड़ी चुनौती थी 10 महीने में उत्पादन, मिली सफलता

डब्ल्यूएचओ ने इस महीने की शुरुआत में स्वीकृत आपातकालीन उपयोग कोविड-19 टीकों की अपनी सूची में वैक्सीन को जोड़ा. नवीनतम अध्ययन भारत के दूसरे कोविड-19 उछाल के दौरान और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं में आयोजित किया गया था, जिन्हें मुख्य रूप से कोवैक्सीन की पेशकश की गई थी.

नई दिल्ली: फार्मा क्षेत्र की अग्रणी कंपनी भारत बायोटेक ने कोरोना वायरस (Corona Virus) के बीच डेल्टा वैरियंट के खिलाफ कोवैक्सीन की प्रभाविता को लेकर बयान जारी किया है. भारत बायोटेक (Bharat Biotech) ने कहा कि सामान्य आबादी के बीच कोवैक्सीन (COVAXIN) के तीसरे चरण के ट्रायल के परिणाम डेल्टा संस्करण के खिलाफ 65.2 प्रतिशत प्रभावकारिता को दर्शाते हैं.

भारत बायोटेक ने बयान में कहा कि अध्ययन से यह भी पता चलता है कि कोवैक्सीन खतरनाक डेल्टा वैरिएंट (Delta variant) के लिए कोविड टीकों के लिए WHO प्रभावकारिता मानदंड को पूरा करती है.

इससे पहले बुधवार को द लैंसेट इन्फेक्शियस डिजीज जर्नल में भारत के स्वदेशी टीके कोवैक्सीन को लेकर बड़ा दावा किया गया. द लैंसेट इन्फेक्शियस डिजीज जर्नल में बुधवार को प्रकाशित भारतीय वैक्सीन के रियल वर्ल्ड असेसमेंट में खुलासा किया गया कि कोवैक्सीन की दो खुराक ने भारत में महामारी की दूसरी लहर के दौरान कोरोना से केवल 50 प्रतिशत सुरक्षा प्रदान की.

द लैंसेट इंफेक्शियस डिजीज जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, भारत बायोटेक द्वारा विकसित वैक्सीन BBV152 (बीबीवी152) का पहला वास्तविक-विश्व मूल्यांकन बताता है कि दो खुराक वाली वैक्सीन का परिणाम रोगसूचक कोविड संक्रमण के खिलाफ 50 प्रतिशत प्रभावी है. अध्ययन में 15 अप्रैल से 15 मई 2021 तक दिल्ली एम्स में 2,714 अस्पताल कर्मियों का आकलन किया, जो रोगसूचक थे और कोविड-19 का पता लगाने के लिए आरटी-पीसीआर परीक्षण किया गया था.

बता दें कि कोवैक्सीन को हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक द्वारा नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी, इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (एनआईवी-आईसीएमआर), पुणे के सहयोग से विकसित किया गया है. यह 28 दिनों के अलावा दो खुराक वाले आहार में प्रशासित एक निष्क्रिय संपूर्ण वायरस टीका है. इस साल जनवरी में कोवैक्सीन को भारत में 18 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों के लिए आपातकालीन उपयोग के लिए अनुमति दी गई थी.

पढ़ें: Covaxin उत्पादन : भारत बायोटेक निदेशक बोले- बड़ी चुनौती थी 10 महीने में उत्पादन, मिली सफलता

डब्ल्यूएचओ ने इस महीने की शुरुआत में स्वीकृत आपातकालीन उपयोग कोविड-19 टीकों की अपनी सूची में वैक्सीन को जोड़ा. नवीनतम अध्ययन भारत के दूसरे कोविड-19 उछाल के दौरान और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं में आयोजित किया गया था, जिन्हें मुख्य रूप से कोवैक्सीन की पेशकश की गई थी.

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