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भारत बायोटेक बनाएगी 'वेरिएंट प्रूफ' वैक्सीन, कंपनी को मिली 149 करोड़ रुपए की फंडिंग - भारत बायोटेक के एमडी कृष्णा एला

कोवैक्सीन बनाने वाली कंपनी भारत बायोटेक को कोएलिशन फॉर एपिडेमिक प्रिपेयर्डनेस इनोवेशन (CEPI) 19.3 मिलियन अमेरिकी डॉलर यानी करीब 149 करोड़ रुपये देगा. यह राशि वेरिएंट प्रूफ वैक्सीन के विकास के लिए दी जाएगी. पढ़िए पूरी खबर...

Bharat Biotech to make variant proof vaccine
भारत बायोटेक बनाएगी 'वेरिएंट प्रूफट वैक्सीन
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Published : May 11, 2022, 3:48 PM IST

Updated : May 11, 2022, 4:16 PM IST

हैदराबाद : कोएलिशन फॉर एपिडेमिक प्रिपेयर्डनेस इनोवेशन (CEPI) ने कहा कि वह कोवैक्सीन बनाने वाली कंपनी भारत बायोटेक इंटरनेशनल, सिडनी यूनिवर्सिटी और स्विट्जरलैंड स्थित एक्सेलजीन एसए (ExcellGene SA) को 19.3 मिलियन अमेरिकी डॉलर यानी करीब 149 करोड़ रुपये देगा. सीईपीआई 'वेरिएंट प्रूफ' वैक्सीन के विकास के लिए यह राशि देगा.

सीईपीआई अपने 200 मिलियन अमेरीकी डॉलर के प्रोग्राम के तहत टीकों के विकास को आगे बढ़ाने के लिए पहल करेगा, जो कि कोविड-19 वेरिएंट और अन्य बीटा कोरोना वायरस के खिलाफ व्यापक सुरक्षा प्रदान करता है. सीईपीआई फंडिंग का समर्थन करेगी क्योंकि यह एक सहायक सब यूनिट वैक्सीन के लिए अवधारणा के प्री क्लिनिकल और क्लिनिकल प्रूफ को स्थापित करना चाहती है, जिसे चिंता के सभी कोरोना वेरिएंट के साथ-साथ वायरस के भविष्य के वैरिएंट के खिलाफ व्यापक सुरक्षा प्रदान करने के लिए डिजाइन किया गया है.

सीईपीआई शोधकर्ताओं को इम्युनोजेन डिजाइन, प्रीक्लिनिकल स्टडीज, मैन्युफैक्चरिंग प्रोसेस डेवलपमेंट और फेज 1 क्लिनिकल ट्रायल सहित गतिविधियों का संचालन करने के लिए फंड देगा. CEPI के सीईओ रिचर्ड हैचेट ने बताया कि जैसा कि कोरोना संक्रमण की बार-बार लहरें हमें याद दिलाती हैं, हम आने वाले कई वर्षों तक वायरस के साथ रहना होगा. एक नए वेरिएंट के उभरने का खतरा जो हमारे वर्तमान टीकों की सुरक्षा से बच सकता है. इसलिए वेरिएंट प्रूफ SARS-CoV-2 टीकों के लिए R&D में निवेश करना एक वैश्विक स्वास्थ्य सुरक्षा अनिवार्यता है.

उन्होंने आगे कहा कि भारत बायोटेक, सिडनी यूनिवर्सिटी और एक्सेलजीन के साथ हमारी साझेदारी COVID-19 के भविष्य के रूपों से बचाने के लिए एक वैक्सीन उम्मीदवार के विकास को आगे बढ़ाएगी, जो संभावित रूप से वायरस के दीर्घकालिक नियंत्रण में योगदान कर रही है. वहीं भारत बायोटेक के एमडी कृष्णा एला (Dr. Krishna Ella, Managing Director bharat-biotech) ने कहा कि मौजूदा टीके वर्तमान में अब तक सामने आ चुके वैरिएंट के खिलाफ सुरक्षित और प्रभावी हैं, यह जरूरी है कि मल्टी-एपिटोप टीकों के लिए नवाचार पर ध्यान केंद्रित किया जाए, जहां एक एकल टीका भविष्य के सभी रूपों से रक्षा कर सके.

ये भी पढ़ें - ब्लड क्लॉटिंग का रिस्क, अमेरिका ने जॉनसन एंड जॉनसन की कोरोना वैक्सीन के उपयोग को किया सीमित

वहीं सिडनी विश्वविद्यालय के संक्रामक रोग संस्थान के प्रोफेसर जेम्स ट्रिकास ने कहा कि हमारा मिशन मौजूदा और भविष्य के सार्स-कोव-टू वेरिएंट का मुकाबला करन के लिए सुरक्षित, सस्ते और अत्यधिक प्रभावी टीका देना है और हमारा अंतरराष्ट्रीय संघ इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अच्छी तरह से तैयार है. एक्सेलजीन के सीईओ डॉ.मारिया जे वर्म ने कहा कि वर्तमान में कोविड-19 के लिए हम सार्स-कोव-टू के प्रोटीन वेरिएंट से प्राप्त कई एंटीजन तैयारियों को उत्पन्न करने के लिए समान दृष्टिकोण का उपयोग कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि सिडनी विश्वविद्यालय और भारत बायोटेक के साथ कोएलिशन फॉर एपिडेमिक प्रिपेयर्डनेस इनोवेशन (CEPI) से वित्त पोषण और वैज्ञानिक सलाह प्राप्त करना है. हम आशा करते हैं और प्रोटीन आधारित टीकों के लिए विज्ञान में योगदान देंगे.

हैदराबाद : कोएलिशन फॉर एपिडेमिक प्रिपेयर्डनेस इनोवेशन (CEPI) ने कहा कि वह कोवैक्सीन बनाने वाली कंपनी भारत बायोटेक इंटरनेशनल, सिडनी यूनिवर्सिटी और स्विट्जरलैंड स्थित एक्सेलजीन एसए (ExcellGene SA) को 19.3 मिलियन अमेरिकी डॉलर यानी करीब 149 करोड़ रुपये देगा. सीईपीआई 'वेरिएंट प्रूफ' वैक्सीन के विकास के लिए यह राशि देगा.

सीईपीआई अपने 200 मिलियन अमेरीकी डॉलर के प्रोग्राम के तहत टीकों के विकास को आगे बढ़ाने के लिए पहल करेगा, जो कि कोविड-19 वेरिएंट और अन्य बीटा कोरोना वायरस के खिलाफ व्यापक सुरक्षा प्रदान करता है. सीईपीआई फंडिंग का समर्थन करेगी क्योंकि यह एक सहायक सब यूनिट वैक्सीन के लिए अवधारणा के प्री क्लिनिकल और क्लिनिकल प्रूफ को स्थापित करना चाहती है, जिसे चिंता के सभी कोरोना वेरिएंट के साथ-साथ वायरस के भविष्य के वैरिएंट के खिलाफ व्यापक सुरक्षा प्रदान करने के लिए डिजाइन किया गया है.

सीईपीआई शोधकर्ताओं को इम्युनोजेन डिजाइन, प्रीक्लिनिकल स्टडीज, मैन्युफैक्चरिंग प्रोसेस डेवलपमेंट और फेज 1 क्लिनिकल ट्रायल सहित गतिविधियों का संचालन करने के लिए फंड देगा. CEPI के सीईओ रिचर्ड हैचेट ने बताया कि जैसा कि कोरोना संक्रमण की बार-बार लहरें हमें याद दिलाती हैं, हम आने वाले कई वर्षों तक वायरस के साथ रहना होगा. एक नए वेरिएंट के उभरने का खतरा जो हमारे वर्तमान टीकों की सुरक्षा से बच सकता है. इसलिए वेरिएंट प्रूफ SARS-CoV-2 टीकों के लिए R&D में निवेश करना एक वैश्विक स्वास्थ्य सुरक्षा अनिवार्यता है.

उन्होंने आगे कहा कि भारत बायोटेक, सिडनी यूनिवर्सिटी और एक्सेलजीन के साथ हमारी साझेदारी COVID-19 के भविष्य के रूपों से बचाने के लिए एक वैक्सीन उम्मीदवार के विकास को आगे बढ़ाएगी, जो संभावित रूप से वायरस के दीर्घकालिक नियंत्रण में योगदान कर रही है. वहीं भारत बायोटेक के एमडी कृष्णा एला (Dr. Krishna Ella, Managing Director bharat-biotech) ने कहा कि मौजूदा टीके वर्तमान में अब तक सामने आ चुके वैरिएंट के खिलाफ सुरक्षित और प्रभावी हैं, यह जरूरी है कि मल्टी-एपिटोप टीकों के लिए नवाचार पर ध्यान केंद्रित किया जाए, जहां एक एकल टीका भविष्य के सभी रूपों से रक्षा कर सके.

ये भी पढ़ें - ब्लड क्लॉटिंग का रिस्क, अमेरिका ने जॉनसन एंड जॉनसन की कोरोना वैक्सीन के उपयोग को किया सीमित

वहीं सिडनी विश्वविद्यालय के संक्रामक रोग संस्थान के प्रोफेसर जेम्स ट्रिकास ने कहा कि हमारा मिशन मौजूदा और भविष्य के सार्स-कोव-टू वेरिएंट का मुकाबला करन के लिए सुरक्षित, सस्ते और अत्यधिक प्रभावी टीका देना है और हमारा अंतरराष्ट्रीय संघ इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अच्छी तरह से तैयार है. एक्सेलजीन के सीईओ डॉ.मारिया जे वर्म ने कहा कि वर्तमान में कोविड-19 के लिए हम सार्स-कोव-टू के प्रोटीन वेरिएंट से प्राप्त कई एंटीजन तैयारियों को उत्पन्न करने के लिए समान दृष्टिकोण का उपयोग कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि सिडनी विश्वविद्यालय और भारत बायोटेक के साथ कोएलिशन फॉर एपिडेमिक प्रिपेयर्डनेस इनोवेशन (CEPI) से वित्त पोषण और वैज्ञानिक सलाह प्राप्त करना है. हम आशा करते हैं और प्रोटीन आधारित टीकों के लिए विज्ञान में योगदान देंगे.

Last Updated : May 11, 2022, 4:16 PM IST
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