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कोवैक्सीन की बूस्टर डोज में Omicron, Delta वेरिएंट के संक्रमण को रोकने की क्षमता : भारत बायोटेक

भारत बायोटेक के कोविड रोधी टीका 'कोवैक्सीन' (BBV152) की बूस्टर खुराक में कोरोना वायरस के Omicron और Delta स्वरूप से संक्रमण को रोकने की क्षमता है. वैक्सीन निर्माता कंपनी ने यह जानकारी दी है.

COVAXIN बूस्टर डोज
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Published : Jan 12, 2022, 6:30 PM IST

Updated : Jan 12, 2022, 9:10 PM IST

नई दिल्ली : भारत बायोटेक ने बुधवार को कहा कि एक अध्ययन से यह प्रदर्शित हुआ है कि कोवैक्सीन की बूस्टर खुराक में कोविड-19 के ओमीक्रोन (Omicron) और डेल्टा (Delta) स्वरूपों से संक्रमण को रोकने की क्षमता है. भारत बायोटेक ने एक बयान में कहा कि एमोरी यूनिवर्सिटी में किए गए अध्ययन में यह प्रदर्शित हुआ है कि जिन लोगों को कोवैक्सीन (BBV152) की बूस्टर डोज शुरुआती दो खुराक के छह महीने बाद दी गई, उनमें सार्स-कोवी-2 (यानी कोरोना वायरस) के ओमीक्रोन और डेल्टा स्वरूपों के खिलाफ प्रतिरक्षा क्षमता बनती नजर आई.

पूर्व के अध्ययनों में सार्स-कोवी-2 के अन्य स्वरूपों- अल्फा, बीटा, डेल्टा, जीटा और कप्पा को रोकने में कोवैक्सीन की प्रभाव क्षमता प्रदर्शित हुई थी. अध्ययन के नतीजों का जिक्र करते हुए भारत बायोटेक ने कहा कि जिन लोगों को कोवैक्सीन की बूस्टर खुराक दी गई, उनमें से 90 प्रतिशत से अधिक में संक्रमण को रोकने वाली एंटीबॉडी प्रदर्शित हुई.

प्रयोगशाला विश्लेषण का नेतृत्व करने वाले एमोरी वक्सीन सेंटर के सहायक प्राध्यापक मेहुल सुथार ने कहा, 'विश्व भर में ओमीक्रोन ने एक गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य चिंता पैदा की है. प्राथमिक विश्लेषण से प्राप्त डेटा से प्रदर्शित होता है कि कोवैक्सीन की बूस्टर खुराक लेने वाले व्यक्ति में ओमीक्रोन और डेल्टा स्वरूपों के खिलाफ एक महत्वपूर्ण प्रतिरक्षा क्षमता पैदा हुई.'

यह भी पढ़ें- कोवैक्सीन की तीसरी डोज देती है संक्रमण से सुरक्षा का वादा : ICMR

उन्होंने कहा कि इन नतीजों से यह पता चलता है कि बूस्टर खुराक में रोग की गंभीरता और अस्पताल में भर्ती होने की संभावना को घटाने की क्षमता है. भारत बायोटेक के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक कृष्णा एल्ला ने कहा कि कंपनी निरंतर नवोन्मेष कर रही है और कोवैक्सीन उत्पाद को बेहतर बना रही है.

नई दिल्ली : भारत बायोटेक ने बुधवार को कहा कि एक अध्ययन से यह प्रदर्शित हुआ है कि कोवैक्सीन की बूस्टर खुराक में कोविड-19 के ओमीक्रोन (Omicron) और डेल्टा (Delta) स्वरूपों से संक्रमण को रोकने की क्षमता है. भारत बायोटेक ने एक बयान में कहा कि एमोरी यूनिवर्सिटी में किए गए अध्ययन में यह प्रदर्शित हुआ है कि जिन लोगों को कोवैक्सीन (BBV152) की बूस्टर डोज शुरुआती दो खुराक के छह महीने बाद दी गई, उनमें सार्स-कोवी-2 (यानी कोरोना वायरस) के ओमीक्रोन और डेल्टा स्वरूपों के खिलाफ प्रतिरक्षा क्षमता बनती नजर आई.

पूर्व के अध्ययनों में सार्स-कोवी-2 के अन्य स्वरूपों- अल्फा, बीटा, डेल्टा, जीटा और कप्पा को रोकने में कोवैक्सीन की प्रभाव क्षमता प्रदर्शित हुई थी. अध्ययन के नतीजों का जिक्र करते हुए भारत बायोटेक ने कहा कि जिन लोगों को कोवैक्सीन की बूस्टर खुराक दी गई, उनमें से 90 प्रतिशत से अधिक में संक्रमण को रोकने वाली एंटीबॉडी प्रदर्शित हुई.

प्रयोगशाला विश्लेषण का नेतृत्व करने वाले एमोरी वक्सीन सेंटर के सहायक प्राध्यापक मेहुल सुथार ने कहा, 'विश्व भर में ओमीक्रोन ने एक गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य चिंता पैदा की है. प्राथमिक विश्लेषण से प्राप्त डेटा से प्रदर्शित होता है कि कोवैक्सीन की बूस्टर खुराक लेने वाले व्यक्ति में ओमीक्रोन और डेल्टा स्वरूपों के खिलाफ एक महत्वपूर्ण प्रतिरक्षा क्षमता पैदा हुई.'

यह भी पढ़ें- कोवैक्सीन की तीसरी डोज देती है संक्रमण से सुरक्षा का वादा : ICMR

उन्होंने कहा कि इन नतीजों से यह पता चलता है कि बूस्टर खुराक में रोग की गंभीरता और अस्पताल में भर्ती होने की संभावना को घटाने की क्षमता है. भारत बायोटेक के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक कृष्णा एल्ला ने कहा कि कंपनी निरंतर नवोन्मेष कर रही है और कोवैक्सीन उत्पाद को बेहतर बना रही है.

Last Updated : Jan 12, 2022, 9:10 PM IST
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