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न्यायालय ने वाणु गुणवत्ता में हल्के सुधार पर लिया संज्ञान, पाबंदियों में छूट की दी अनुमति - दिल्ली एनसीआर की वायु गुणवत्ता

उच्चतम न्यायालय (Supreme court) ने दिल्ली-एनसीआर की वायु गुणवत्ता (Delhi-NCR air quality) में हुए हल्के सुधार का शुक्रवार को संज्ञान लिया और वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग को अनुमति दी कि वह निर्माण गतिविधियों सहित अन्य पाबंदियों में छूट देने के संबंध में मिली अर्जियों पर एक सप्ताह के भीतर फैसला ले सकता है.

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सुप्रीम कोर्ट फाइल फोटो
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Published : Dec 10, 2021, 9:30 PM IST

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) ने दिल्ली-एनसीआर की वाणु गुणवत्ता (Delhi-NCR air quality) में हल्के सुधार पर संज्ञान लिया है. प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना, न्यायमूर्ति डीवाई चन्द्रचूड़ और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की विशेष पीठ ने उत्तर प्रदेश और राजस्थान से अपने पुराने आदेश का पालन करने का निर्देश दिया.

याचिकाकर्ता की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह (Senior Advocate Vikas Singh) ने अदालत को सूचित किया कि स्थिति में सुधार हुआ है. महत्वपूर्ण अवधि समाप्त हो गई है और अब पराली जलाने के मुद्दे व दिल्ली द्वारा पालन किए जाने वाले मानकों पर विस्तृत सुनवाई की आवश्यकता है.

वहीं आदेश में जिसमें न्यायालय ने एनसीआर क्षेत्र में आने वाले राज्यों से कहा था कि वे रियल एस्टेट फर्मों से वसूले जाने वाले उपकर से निर्माण क्षेत्र के मजदूरों को न्यूनतम दिहाड़ी देते रहें क्योंकि पाबंदियों के कारण उनकी जीविका प्रभावित हुई है. पीठ ने कहा कि राजस्थान और उत्तर प्रदेश की सरकारों को निर्माण क्षेत्र के मजदूरों को दिहाड़ी भुगतान के संबंध में अनुपालन हलफनामा दायर करना होगा.

पीठ ने कहा कि हम आयोग (एनसीआर और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग) को निर्देश देते हैं कि वह विभिन्न उद्योगों और संगठनों की ओर से हमारे आदेशों या अन्य सर्कुलर के कारण लागू पाबंदियों में छूट के लिए मिली अर्जियों पर फैसला लें.

यह भी पढ़ें- SBI के उपभोक्ता ध्यान दें: 300 मिनट बंद रहेगी ऑनलाइन सर्विस, पहले कर लें जरूरी ट्रांजेक्शन

कोर्टन ने कहा कि हम आशा करते हैं कि आयोग इस संबंध में एक सप्ताह में फैसला लेगा. पीठ ने इस संबंध में विभिन्न बिल्डरों, गन्ना, चावल और कागज मिलों तथा अन्य की ओर से पाबंदियों से छूट देने का अनुरोध करने वाली याचिकाओं का निपटारा कर दिया है.

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) ने दिल्ली-एनसीआर की वाणु गुणवत्ता (Delhi-NCR air quality) में हल्के सुधार पर संज्ञान लिया है. प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना, न्यायमूर्ति डीवाई चन्द्रचूड़ और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की विशेष पीठ ने उत्तर प्रदेश और राजस्थान से अपने पुराने आदेश का पालन करने का निर्देश दिया.

याचिकाकर्ता की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह (Senior Advocate Vikas Singh) ने अदालत को सूचित किया कि स्थिति में सुधार हुआ है. महत्वपूर्ण अवधि समाप्त हो गई है और अब पराली जलाने के मुद्दे व दिल्ली द्वारा पालन किए जाने वाले मानकों पर विस्तृत सुनवाई की आवश्यकता है.

वहीं आदेश में जिसमें न्यायालय ने एनसीआर क्षेत्र में आने वाले राज्यों से कहा था कि वे रियल एस्टेट फर्मों से वसूले जाने वाले उपकर से निर्माण क्षेत्र के मजदूरों को न्यूनतम दिहाड़ी देते रहें क्योंकि पाबंदियों के कारण उनकी जीविका प्रभावित हुई है. पीठ ने कहा कि राजस्थान और उत्तर प्रदेश की सरकारों को निर्माण क्षेत्र के मजदूरों को दिहाड़ी भुगतान के संबंध में अनुपालन हलफनामा दायर करना होगा.

पीठ ने कहा कि हम आयोग (एनसीआर और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग) को निर्देश देते हैं कि वह विभिन्न उद्योगों और संगठनों की ओर से हमारे आदेशों या अन्य सर्कुलर के कारण लागू पाबंदियों में छूट के लिए मिली अर्जियों पर फैसला लें.

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कोर्टन ने कहा कि हम आशा करते हैं कि आयोग इस संबंध में एक सप्ताह में फैसला लेगा. पीठ ने इस संबंध में विभिन्न बिल्डरों, गन्ना, चावल और कागज मिलों तथा अन्य की ओर से पाबंदियों से छूट देने का अनुरोध करने वाली याचिकाओं का निपटारा कर दिया है.

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