श्रीनगर : पीडीपी नेता वाहिद पर्रा (PDP leader Waheed Parra) की जमानत याचिका यहां एक विशेष अदालत ने खारिज कर दी और उनके खिलाफ दाखिल आरोपपत्र पर शुक्रवार को दलीलें सुनने का फैसला किया. अधिकारियों ने यह जानकारी दी.
पांच महीने में दूसरी बार उनकी जमानत याचिका खारिज हुई है.
पर्रा जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती (chief minister Mehbooba Mufti) के एक करीबी सहयोगी माने जाते हैं.
विशेष अदालत के बंद कमरे में हो रही सुनवाई में पर्रा के खिलाफ मामले के गुणदोष पर बचाव पक्ष और अभियोजन अपनी दलील पेश कर रहे हैं.
पर्रा को राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण ने आतंकवाद को वित्त पोषण से जुड़े एक अलग मामले में शुरूआत में गिरफ्तार किया था.
अधिकारियों ने बताया कि जमानत याचिका के खारिज किये जाने का पूरा फैसला शुक्रवार को उपलब्ध हो पाएगा.
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इससे जुड़े एक अन्य घटनाक्रम में अदालत ने यह भी कहा कि वह पर्रा के खिलाफ दाखिल आरोपपत्र पर दलीलें सुनना शुक्रवार से शुरू करेगी.
पर्रा को आपराधिक जांच विभाग (कश्मीर) ने हिरासत में लिया था और नौ जनवरी को एनआईए अदालत द्वारा उन्हें रिहा किये जाने के बाद ट्रांजिट रिमांड पर जम्मू से लाया गया था. एनआईए ने पिछले साल 25 नवंबर को पर्रा को आतंकवाद से जुड़े एक अन्य मामले में गिरफ्तार किया था.
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने केंद्र शासित प्रदेश में नेताओं और आतंकी समूहों के बीच कथित सांठगांठ से जुड़े एक मामले में पर्रा के खिलाफ पिछले महीने आरोपपत्र दाखिल किया था.
आपराधिक जांच कश्मीर शाखा ने पिछले साल अज्ञात नेताओं ने अन्य के खिलाफ विश्वसनीय सूत्रों के आधार पर अज्ञात नेताओं और अन्य के खिलाफ एक मामला दर्ज किया था, जिन्होंने कहा था कि कुछ राजनीतिक पदाधिकारी अपनी शक्तियों का दुरूपयोग कर रहे हैं और आतंकवादियों की मदद कर रहे हैं.
इस साल जनवरी में पर्रा को एनआईए अदालत ने जमानत दे दी थी.
हालांकि, उन्हें सीआईके शाखा ने मुख्यधारा के नेताओं और अलगाववादियों के बीच सांठगांठ होने से जुड़े एक मामले में गिरफ्तार कर लिया और तब से वह जेल में हैं.
(पीटीआई भाषा)