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कोर्ट ने माना रिपब्लिक टीवी के खिलाफ सबूत पेश करने में पुलिस नाकाम

बॉम्बे हाईकोर्ट ने टीआरपी घोटाला मामले की सुनवाई करते हुए माना कि मुंबई पुलिस ने दो चार्जशीट दाखिल करने के बावजूद रिपब्लिक टीवी के खिलाफ कोई सबूत पेश नहीं किया.

बॉम्बे हाईकोर्ट
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Published : Mar 17, 2021, 8:46 PM IST

मुंबई : बॉम्बे हाईकोर्ट ने माना कि तीन महीने से अधिक समय तक टेलीविजन रेटिंग पॉइंट्स (टीआरपी) घोटाला मामले की जांच करने के बावजूद मुंबई पुलिस रिपब्लिक टीवी के खिलाफ कोई सबूत पेश नहीं कर पाई है.

जस्टिस एसएस शिंदे और मनीष पितले की खंडपीठ ने एआरजी आउटलेयर मीडिया (रिपब्लिक टीवी चैनलों की होल्डिंग कंपनी) द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई की .याचिका में टीआरपी घोटाले में अपने चैनल और कर्मचारियों के खिलाफ शुरू की गई आपराधिक कार्यवाही को चुनौती दी गई थी.

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पाया कि मुंबई पुलिस ने दो चार्जशीट दाखिल करने के बावजूद रिपब्लिक टीवी के खिलाफ कोई सबूत पेश नहीं किया.

न्यायालय ने यह भी कहा की कि याचिकाकर्ताओं जिसमें चैनल के एडिटर-इन-चीफ अर्नब गोस्वामी या किसी भी रिपब्लिक टीवी पत्रकार सहित अन्य लोग शामिल हैं को अभी तक मामले में आरोपी क्यों नहीं बनाया गया है?

वहीं, रिपब्लिक टीवी ने कोर्ट को बताया कि मुंबई पुलिस ने जानबूझकर गोस्वामी और अन्य को अभी तक आरोपी नहीं बनाया है, ताकि वे मामले को निपटाने के लिए अदालत का रुख न कर सकें.

पढ़ें- कोविड-19 के नए मामलों पर स्वास्थ मंत्रालय ने जताई चिंता

जब विशेष लोक अभियोजक (SPP) ने निर्देश जारी करने के लिए समय मांगा, तो अदालत ने सुनवाई स्थगित कर दी. ऐसा करते समय कोर्ट ने यह टिप्पणी की कि वह राज्य से शीघ्र प्रतिक्रिया की अपेक्षा करते हैं.

मुंबई : बॉम्बे हाईकोर्ट ने माना कि तीन महीने से अधिक समय तक टेलीविजन रेटिंग पॉइंट्स (टीआरपी) घोटाला मामले की जांच करने के बावजूद मुंबई पुलिस रिपब्लिक टीवी के खिलाफ कोई सबूत पेश नहीं कर पाई है.

जस्टिस एसएस शिंदे और मनीष पितले की खंडपीठ ने एआरजी आउटलेयर मीडिया (रिपब्लिक टीवी चैनलों की होल्डिंग कंपनी) द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई की .याचिका में टीआरपी घोटाले में अपने चैनल और कर्मचारियों के खिलाफ शुरू की गई आपराधिक कार्यवाही को चुनौती दी गई थी.

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पाया कि मुंबई पुलिस ने दो चार्जशीट दाखिल करने के बावजूद रिपब्लिक टीवी के खिलाफ कोई सबूत पेश नहीं किया.

न्यायालय ने यह भी कहा की कि याचिकाकर्ताओं जिसमें चैनल के एडिटर-इन-चीफ अर्नब गोस्वामी या किसी भी रिपब्लिक टीवी पत्रकार सहित अन्य लोग शामिल हैं को अभी तक मामले में आरोपी क्यों नहीं बनाया गया है?

वहीं, रिपब्लिक टीवी ने कोर्ट को बताया कि मुंबई पुलिस ने जानबूझकर गोस्वामी और अन्य को अभी तक आरोपी नहीं बनाया है, ताकि वे मामले को निपटाने के लिए अदालत का रुख न कर सकें.

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जब विशेष लोक अभियोजक (SPP) ने निर्देश जारी करने के लिए समय मांगा, तो अदालत ने सुनवाई स्थगित कर दी. ऐसा करते समय कोर्ट ने यह टिप्पणी की कि वह राज्य से शीघ्र प्रतिक्रिया की अपेक्षा करते हैं.

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