ETV Bharat / bharat

दिल्ली दंगों के मामले में अदालत आज सुनाएगी फैसला

दिल्ली दंगों (Delhi riots) से जुड़े एक मामले में आज अदालत फैसला सुना सकती है. फरवरी 2020 में उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए दंगे में करीब 53 लोगों की जान गई थी.

अदालत दिल्ली दंगों के मामले में आज सुनाएगी फैसला
अदालत दिल्ली दंगों के मामले में आज सुनाएगी फैसला
author img

By

Published : Jul 20, 2021, 3:29 AM IST

Updated : Jul 20, 2021, 8:15 AM IST

नई दिल्ली : दिल्ली की एक अदालत फरवरी 2020 में शहर के उत्तर पूर्वी हिस्से में हुए दंगों से संबंधित एक मामले में मंगलवार को फैसला (judgment) सुनाएगी. इस मामले में एक शख्स पर दंगा करने, डकैती करने और अवैध भीड़ का हिस्सा होने का आरोप है.

पुलिस के अनुसार 25 फरवरी 2020 की शाम को आरोपी सुरेश ने लोहे की रॉड और लाठियों से लैस दंगाइयों की बड़ी भीड़ के साथ दिल्ली के बाबरपुर रोड पर स्थित एक दुकान का ताला तोड़कर उसमें कथित रूप से लूटपाट की थी.

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत ने 21 अप्रैल को फैसला सुरक्षित रख लिया था और तब से सात बार फैसला टाला जा चुका है. नौ मार्च 2021 को अदालत ने सुरेश के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 143 (गैरकानूनी सभा का सदस्य होने), 147 (दंगा करने), 427 (नुकसान पहुंचाना) के तहत आरोप तय किए थे.

उसपर भारतीय दंड संहिता की धारा 454 (घर में अनाधिकार प्रवेश) के साथ धारा 149 और 394 (डकैती) के तहत भी आरोप लगाया गया था. उसने जुर्म कबूल नहीं किया है.

पढ़ें- अश्लील फिल्में बनाने से जुड़े मामले में अभिनेत्री शिल्पा के पति राज कुंद्रा गिरफ्तार
दुकान भगत सिंह की थी और आसिफ को किराए पर दी गई थी, जो इस मामले में शिकायतकर्ता है. जांच के दौरान, सिंह ने पुलिस को बताया कि 'दंगाई आक्रामक थे और उक्त दुकान को लूटना चाहते थे क्योंकि यह एक मुस्लिम की थी और उसने उन्हें रोकने की कोशिश की लेकिन सफल नहीं हो सका.'

53 लोगों की हुई थी मौत

उत्तर पूर्वी दिल्ली में 23 फरवरी को संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के समर्थकों और विरोधियों को बीच हुई झड़प ने अगले दिन सांप्रदायिक दंगे का रूप ले लिया था जिसमें कम से कम 53 लोगों की मौत हो गई थी और 700 से ज्यादा जख्मी हो गए थे.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : दिल्ली की एक अदालत फरवरी 2020 में शहर के उत्तर पूर्वी हिस्से में हुए दंगों से संबंधित एक मामले में मंगलवार को फैसला (judgment) सुनाएगी. इस मामले में एक शख्स पर दंगा करने, डकैती करने और अवैध भीड़ का हिस्सा होने का आरोप है.

पुलिस के अनुसार 25 फरवरी 2020 की शाम को आरोपी सुरेश ने लोहे की रॉड और लाठियों से लैस दंगाइयों की बड़ी भीड़ के साथ दिल्ली के बाबरपुर रोड पर स्थित एक दुकान का ताला तोड़कर उसमें कथित रूप से लूटपाट की थी.

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत ने 21 अप्रैल को फैसला सुरक्षित रख लिया था और तब से सात बार फैसला टाला जा चुका है. नौ मार्च 2021 को अदालत ने सुरेश के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 143 (गैरकानूनी सभा का सदस्य होने), 147 (दंगा करने), 427 (नुकसान पहुंचाना) के तहत आरोप तय किए थे.

उसपर भारतीय दंड संहिता की धारा 454 (घर में अनाधिकार प्रवेश) के साथ धारा 149 और 394 (डकैती) के तहत भी आरोप लगाया गया था. उसने जुर्म कबूल नहीं किया है.

पढ़ें- अश्लील फिल्में बनाने से जुड़े मामले में अभिनेत्री शिल्पा के पति राज कुंद्रा गिरफ्तार
दुकान भगत सिंह की थी और आसिफ को किराए पर दी गई थी, जो इस मामले में शिकायतकर्ता है. जांच के दौरान, सिंह ने पुलिस को बताया कि 'दंगाई आक्रामक थे और उक्त दुकान को लूटना चाहते थे क्योंकि यह एक मुस्लिम की थी और उसने उन्हें रोकने की कोशिश की लेकिन सफल नहीं हो सका.'

53 लोगों की हुई थी मौत

उत्तर पूर्वी दिल्ली में 23 फरवरी को संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के समर्थकों और विरोधियों को बीच हुई झड़प ने अगले दिन सांप्रदायिक दंगे का रूप ले लिया था जिसमें कम से कम 53 लोगों की मौत हो गई थी और 700 से ज्यादा जख्मी हो गए थे.

(पीटीआई-भाषा)

Last Updated : Jul 20, 2021, 8:15 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.