कोच्चि : केरल की एक अदालत ने एक निजी खनिज कंपनी और मुख्यमंत्री पिनराई विजयन (Kerala Chief Minister Pinarayi Vijayan) की बेटी की आईटी फर्म के बीच कथित वित्तीय लेनदेन के संबंध में विजयन, उनकी बेटी और अन्य के खिलाफ सतर्कता जांच के अनुरोध वाली याचिका शनिवार को खारिज कर दी. सूत्रों ने बताया कि मुवत्तुपुझा में विशेष सतर्कता अदालत ने सबूतों के अभाव में सामाजिक कार्यकर्ता गिरीश बाबू द्वारा दायर याचिका खारिज कर दी.
याचिका में कोचिन मिनरल्स एंड रूटाइल लिमिटेड (सीएमआरएल) के खनन और अन्य व्यावसायिक हितों के संबंध में 'आरोपी व्यक्तियों के बीच रिश्वतखोरी के दायरे में आने वाले अवैध वित्तीय लेनदेन' की जांच का अनुरोध किया गया था. याचिका में विजयन और उनकी बेटी वीना टी. के अलावा राज्य विधानसभा में विपक्ष के पूर्व नेता एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता रमेश चेन्निथला, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के नेता पी.के. कुन्हालीकुट्टी और वी.के. इब्राहिमकुंजू, वीना की आईटी फर्म, सीएमआरएल और अन्य पर आरोप लगाए गए थे.
हाल ही में सीएमआरएल और वीना तथा उनकी फर्म के बीच कुछ वित्तीय लेनदेन को लेकर विवाद खड़ा हो गया था. यह मुद्दा तब सामने आया, जब हाल में एक मलयालम दैनिक ने खबर दी कि सीएमआरएल ने 2017 और 2020 के बीच मुख्यमंत्री की बेटी को कुल 1.72 करोड़ रुपये का भुगतान किया था. इसमें समझौते के लिए अंतरिम बोर्ड के हालिया फैसले का हवाला देते हुए कहा गया है कि कोच्चि स्थित कंपनी ने पहले परामर्श और सॉफ्टवेयर सहायता सेवाओं के लिए वीना की आईटी फर्म के साथ एक समझौता किया था.
खबर में दावा किया गया है कि इस तथ्य के बावजूद कि वीना की फर्म द्वारा कोई सेवा प्रदान नहीं की गई थी, 'एक प्रमुख व्यक्ति के साथ उनके संबंधों के कारण' मासिक आधार पर राशि का भुगतान किया गया.
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(पीटीआई-भाषा)