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न्यायालय ने अहमदाबाद में पीएनजी, सीएनजी आपूर्ति की बोली प्रक्रिया पर अडाणी गैस की याचिका खारिज की

सुप्रीम कोर्ट ने अहमदाबाद जिले में पीएनजी और सीएनजी की आपूर्ति के लिए बोली प्रक्रिया को चुनौती देने वाली अडाणी गैस की याचिका को खारिज कर दिया.

सुप्रीम कोर्ट
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Published : Sep 28, 2021, 10:47 PM IST

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को गुजरात के अहमदाबाद जिले में पीएनजी और सीएनजी की आपूर्ति के लिए बोली प्रक्रिया को चुनौती देने वाली अडाणी गैस की याचिका को खारिज कर दिया.

पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस नियामक बोर्ड (पीएनजीआरबी) ने यह बोली प्रक्रिया 2016 में आयोजित की थी. इसमें अडाणी गैस को साणंद, बावला और ढोलका क्षेत्रों में पीएनजी और सीएनजी की आपूर्ति के लिए सार्वजनिक क्षेत्र की गुजरात गैस लि. से हार का सामना करना पड़ा था.

न्यायमूर्ति यू यू ललित की अगुवाई वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ ने अपने फैसले में कहा कि पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस नियामक बोर्ड अधिनियम के तहत नियमन 18 न तो मनमाना है और न ही 'कानूनी अधिकार के दायरे से बाहर' है.

पीठ में न्यायमूर्ति रविंदर भट और न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय भी शामिल थे. पीठ ने कहा, 'नियमन 18 किसी भी तरीके से अधिनियम के विशेष प्रावधानों का विरोधाभास नहीं है. इसके अलावा क्षेत्र का नियामक होने के नाते पीएनजीआरबी के पास उपयुक्त नियमन तय करने का अधिकार है. ऐसे में नियमन 18 को चुनौती को स्वीकार नहीं किया जा सकता.'

पढ़ें - अदालतों में पर्याप्त सुरक्षा की मांग वाली याचिका पर HC ने पुलिस से मांगी रिपोर्ट

शीर्ष अदालत ने अडाणी द्वारा गुजरात उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज करते हुए कंपनी पर 10 लाख रुपये की लागत भी लगाई है.

(भाषा)

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को गुजरात के अहमदाबाद जिले में पीएनजी और सीएनजी की आपूर्ति के लिए बोली प्रक्रिया को चुनौती देने वाली अडाणी गैस की याचिका को खारिज कर दिया.

पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस नियामक बोर्ड (पीएनजीआरबी) ने यह बोली प्रक्रिया 2016 में आयोजित की थी. इसमें अडाणी गैस को साणंद, बावला और ढोलका क्षेत्रों में पीएनजी और सीएनजी की आपूर्ति के लिए सार्वजनिक क्षेत्र की गुजरात गैस लि. से हार का सामना करना पड़ा था.

न्यायमूर्ति यू यू ललित की अगुवाई वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ ने अपने फैसले में कहा कि पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस नियामक बोर्ड अधिनियम के तहत नियमन 18 न तो मनमाना है और न ही 'कानूनी अधिकार के दायरे से बाहर' है.

पीठ में न्यायमूर्ति रविंदर भट और न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय भी शामिल थे. पीठ ने कहा, 'नियमन 18 किसी भी तरीके से अधिनियम के विशेष प्रावधानों का विरोधाभास नहीं है. इसके अलावा क्षेत्र का नियामक होने के नाते पीएनजीआरबी के पास उपयुक्त नियमन तय करने का अधिकार है. ऐसे में नियमन 18 को चुनौती को स्वीकार नहीं किया जा सकता.'

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शीर्ष अदालत ने अडाणी द्वारा गुजरात उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज करते हुए कंपनी पर 10 लाख रुपये की लागत भी लगाई है.

(भाषा)

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