चेन्नई: मद्रास उच्च न्यायालय ने मंगलवार को ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) से निष्कासित नेता ओ पनीरसेल्वम के पार्टी का नाम, झंडा, चुनाव चिह्न और लेटरहेड इस्तेमाल करने पर रोक लगा दी. न्यायमूर्ति एन सतीशकुमार ने अन्नाद्रमुक महासचिव और पूर्व मुख्यमंत्री ई.के.पलानीस्वामी द्वारा दाखिल याचिका पर यह अंतरिम राहत दी.
पलानीस्वामी ने अपनी याचिका में पनीरसेल्वम द्वारा अन्नाद्रमुक का नाम, झंडा, चुनाव चिह्न और लेटरहेड के इस्तेमाल किए जाने पर रोक लगाने का अनुरोध किया था. पलानीस्वामी ने याचिका में कहा कि निर्वाचन आयोग और उच्च न्यायालय ने उन्हें अन्नाद्रमुक का महासचिव माना है और ऐसे में पनीरस्वामी का पार्टी समन्वयक होने का दावा कार्यकर्ताओं में भ्रम पैदा कर रहा है.
इससे पहले पनीरसेल्वम ने दो बार जवाबी हलफनामा दाखिल करने के लिए अदालत से समय देने का अनुरोध किया था. मद्रास उच्च न्यायालय में शुक्रवार को जब मामला सुनवाई के लिए आया तो पलानीस्वामी की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता विजय नारायण ने कहा कि यह तीसरी बार है जब मामले की सुनवाई हो रही है, लेकिन अबतक जवाबी हलफनामा दाखिल किया नहीं किया गया.
पनीरसेल्वम की ओर से पेश अधिवक्ता पी. राजलक्ष्मी ने कहा कि उनके मुवक्किल ने उच्चतम न्यायालय में एक विशेष अनुमति याचिका दायर की है, जिसमें महासचिव के रूप में पलानीस्वामी के निर्वाचन को बरकरार रखने के मद्रास उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती दी गई है जिसे अब सूचीबद्ध किया गया है.