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कोर्ट ने ओडिशा सरकार से हरित पटाखों के इस्तेमाल पर फैसला करने को कहा

याचिकाकर्ताओं के वकील ने उच्च न्यायालय से कहा कि कोविड-19 महामारी में 'बहुत गिरावट आयी' है तथा यह दर्शाने के लिए कोई वैज्ञानिक अध्ययन नहीं है कि हरित पटाखों, जिन्हें उनके मुवक्किल बेचना चाहते हैं, से वायरस फैलेगा.

कोर्ट ने ओडिशा सरकार को दिया आदेश
कोर्ट ने ओडिशा सरकार को दिया आदेश
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Published : Nov 1, 2021, 8:27 AM IST

कटक (ओडिशा): ओडिशा उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को दीपावली के दौरान हरित पटाखों की बिक्री एवं इस्तेमाल पर पटाखा विक्रेताओं के साथ चर्चा कर एक नवंबर तक निर्णय लेने को कहा है.

अदालत का निर्देश ऑल ओडिशा फायरवर्क्स डीलर्स एसोसिएशन एवं अन्य की याचिका पर आया है. एसोसिएशन एवं अन्य ने आम लोगों के स्वास्थ्य की रक्षा एवं कोविड-19 संक्रमण के प्रसार पर रोक लगाने को लेकर एक अक्टूबर से एक नवंबर तक त्योहार सीजन में पटाखों की बिक्री एवं इस्तेमाल पर विशेष राहत आयुक्त (एसआरसी) द्वारा 30 सितंबर को लगायी गयी पाबंदी को चुनौती दी है.

याचिकाकर्ताओं के वकील ने उच्च न्यायालय से कहा कि कोविड-19 महामारी में 'बहुत गिरावट आयी' है तथा यह दर्शाने के लिए कोई वैज्ञानिक अध्ययन नहीं है कि हरित पटाखों, जिन्हें उनके मुवक्किल बेचना चाहते हैं, से वायरस फैलेगा. वकील ने कहा कि चूंकि ओडिशा के ज्यादातर हिस्सों में वायु गुणवत्ता अच्छी है इसलिए हरित पटाखों की बिक्री एवं इस्तेमाल पर भी राज्य सरकार द्वारा रोक लगाना युक्तिसंगत नहीं है.

राज्य सरकार पहले ही इन याचिकाओं का विरोध करते हुए अपना पक्ष उच्च न्यायालय के सामने रख चुकी है.

संबंधित पक्षों के विचारों एवं इस तथ्य को, कि उच्चतम न्यायालय भी समान विषय पर अपना आदेश सुना सकता है, ध्यान में रखते हुए मुख्य न्यायाधीश एस मुरलीधर और न्यायमूर्ति डी के मोहंती की पीठ ने एसआरसी से शनिवार को अपने कार्यालय में याचिकाकर्ताओं से बात करने एवं सोमवार को दस बजे तक इस मुद्दे पर अपना फैसला करने को कहा है.

वैसे शीर्ष अदालत ने बाद में अपने आदेश में कहा कि किसी भी प्राधिकारी को हमारे निर्देशों के उल्लंघन की अनुमति नहीं दी जा सकती है और उत्सव की आड़ में प्रतिबंधित पटाखों के इस्तेमाल की इजाजत नहीं है. उसने कहा कि पटाखों के इस्तेमाल पर पूर्ण प्रतिबंध नहीं है, सिर्फ बेरियम लवण वाले पटाखे प्रतिबंधित है.

पीटीआई-भाषा

कटक (ओडिशा): ओडिशा उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को दीपावली के दौरान हरित पटाखों की बिक्री एवं इस्तेमाल पर पटाखा विक्रेताओं के साथ चर्चा कर एक नवंबर तक निर्णय लेने को कहा है.

अदालत का निर्देश ऑल ओडिशा फायरवर्क्स डीलर्स एसोसिएशन एवं अन्य की याचिका पर आया है. एसोसिएशन एवं अन्य ने आम लोगों के स्वास्थ्य की रक्षा एवं कोविड-19 संक्रमण के प्रसार पर रोक लगाने को लेकर एक अक्टूबर से एक नवंबर तक त्योहार सीजन में पटाखों की बिक्री एवं इस्तेमाल पर विशेष राहत आयुक्त (एसआरसी) द्वारा 30 सितंबर को लगायी गयी पाबंदी को चुनौती दी है.

याचिकाकर्ताओं के वकील ने उच्च न्यायालय से कहा कि कोविड-19 महामारी में 'बहुत गिरावट आयी' है तथा यह दर्शाने के लिए कोई वैज्ञानिक अध्ययन नहीं है कि हरित पटाखों, जिन्हें उनके मुवक्किल बेचना चाहते हैं, से वायरस फैलेगा. वकील ने कहा कि चूंकि ओडिशा के ज्यादातर हिस्सों में वायु गुणवत्ता अच्छी है इसलिए हरित पटाखों की बिक्री एवं इस्तेमाल पर भी राज्य सरकार द्वारा रोक लगाना युक्तिसंगत नहीं है.

राज्य सरकार पहले ही इन याचिकाओं का विरोध करते हुए अपना पक्ष उच्च न्यायालय के सामने रख चुकी है.

संबंधित पक्षों के विचारों एवं इस तथ्य को, कि उच्चतम न्यायालय भी समान विषय पर अपना आदेश सुना सकता है, ध्यान में रखते हुए मुख्य न्यायाधीश एस मुरलीधर और न्यायमूर्ति डी के मोहंती की पीठ ने एसआरसी से शनिवार को अपने कार्यालय में याचिकाकर्ताओं से बात करने एवं सोमवार को दस बजे तक इस मुद्दे पर अपना फैसला करने को कहा है.

वैसे शीर्ष अदालत ने बाद में अपने आदेश में कहा कि किसी भी प्राधिकारी को हमारे निर्देशों के उल्लंघन की अनुमति नहीं दी जा सकती है और उत्सव की आड़ में प्रतिबंधित पटाखों के इस्तेमाल की इजाजत नहीं है. उसने कहा कि पटाखों के इस्तेमाल पर पूर्ण प्रतिबंध नहीं है, सिर्फ बेरियम लवण वाले पटाखे प्रतिबंधित है.

पीटीआई-भाषा

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