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1984 Anti Sikh Riots: जगदीश टाइटलर के खिलाफ CBI की सप्लीमेंट्री चार्जशीट को कोर्ट ने दी मंजूरी - 1984 सिख विरोधी दंगे

कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर के खिलाफ CBI की सप्लीमेंट्री चार्जशीट को कोर्ट की मंजूरी मिल गई है. टाइटलर पर 1984 सिख विरोधी दंगा में एक भीड़ का नेतृत्व करने का आरोप है.

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Published : Jun 2, 2023, 12:06 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने 1984 सिख विरोधी दंगा मामले में कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर को करारा झटका दिया है. अदालत ने शुक्रवार को सीबीआई द्वारा दाखिल की गई सप्लीमेंट्री चार्जशीट को मंजूरी दे दी है. मामले की अगली सुनवाई 8 जून को होगी. टाइटलर के पूर्व सांसद और केंद्रीय मंत्री होने के कारण मामले को एमपी-एमएलए कोर्ट में मुकदमा चलाने के लिए ट्रांसफर किया गया है.

20 मई को सीबीआई ने दाखिल की थी चार्जशीट: सीबीआई ने बीते महीने 20 मई को 1984 के सिख विरोधी दंगों के दौरान पुल बंगश गुरुद्वारा आगजनी मामले में जगदीश टाइटलर के खिलाफ राउज एवेन्यू कोर्ट में चार्जशीट दायर की थी. टाइटलर पर 1984 के पुल बंगश मामले में एक भीड़ का नेतृत्व करने का आरोप है जिसमें तीन सिख ठाकुर सिंह, बादल सिंह और गुरु चरण सिंह की जान चली गई थी.

कांग्रेस नेता को मामले में पहले मिली थी क्लीन चिट: सीबीआई द्वारा इस मामले में कांग्रेस नेता को पहले क्लीन चिट दे दी गई थी, लेकिन चार दिसंबर 2015 के आदेश के बाद सिख दंगे की जांच फिर से शुरू कर दी गई. टाइटलर के खिलाफ मामला उन तीन मामलों में से एक था, जिन्हें न्यायमूर्ति जीटी नानावती आयोग ने 2005 में सीबीआई द्वारा फिर से खोलने का आदेश दिया था.

ये भी पढ़ें: Central Ordinance Issue: अध्यादेश का बहाना 2024 पर निशाना, देश के कोना-कोना घूम रहे केजरीवाल

भीड़ का नेतृत्व करने का आरोप: नानावती आयोग ने टाइटलर को 1984 के सिख विरोधी दंगों के आयोजकों में से एक के रूप में नामित किया था. आधिकारिक रिकॉर्ड के अनुसार, तत्कालीन प्रधानमंत्री के बाद हुए नरसंहार के दौरान दिल्ली में 2,100 सहित पूरे भारत में लगभग 2,800 सिख मारे गए थे. इंदिरा गांधी की हत्या उनके सिख अंगरक्षकों ने की थी, जिसके विरोध स्वरूप ये दंगे भड़के थे. बता दें कि सिख दंगा मामले में दिल्ली कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद रहे सज्जन कुमार को साल 2018 में उम्रकैद की सजा हो चुकी है. सज्जन कुमार पर भी भीड़ का नेतृत्व करने और उकसाने का आरोप था.

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नई दिल्ली: दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने 1984 सिख विरोधी दंगा मामले में कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर को करारा झटका दिया है. अदालत ने शुक्रवार को सीबीआई द्वारा दाखिल की गई सप्लीमेंट्री चार्जशीट को मंजूरी दे दी है. मामले की अगली सुनवाई 8 जून को होगी. टाइटलर के पूर्व सांसद और केंद्रीय मंत्री होने के कारण मामले को एमपी-एमएलए कोर्ट में मुकदमा चलाने के लिए ट्रांसफर किया गया है.

20 मई को सीबीआई ने दाखिल की थी चार्जशीट: सीबीआई ने बीते महीने 20 मई को 1984 के सिख विरोधी दंगों के दौरान पुल बंगश गुरुद्वारा आगजनी मामले में जगदीश टाइटलर के खिलाफ राउज एवेन्यू कोर्ट में चार्जशीट दायर की थी. टाइटलर पर 1984 के पुल बंगश मामले में एक भीड़ का नेतृत्व करने का आरोप है जिसमें तीन सिख ठाकुर सिंह, बादल सिंह और गुरु चरण सिंह की जान चली गई थी.

कांग्रेस नेता को मामले में पहले मिली थी क्लीन चिट: सीबीआई द्वारा इस मामले में कांग्रेस नेता को पहले क्लीन चिट दे दी गई थी, लेकिन चार दिसंबर 2015 के आदेश के बाद सिख दंगे की जांच फिर से शुरू कर दी गई. टाइटलर के खिलाफ मामला उन तीन मामलों में से एक था, जिन्हें न्यायमूर्ति जीटी नानावती आयोग ने 2005 में सीबीआई द्वारा फिर से खोलने का आदेश दिया था.

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भीड़ का नेतृत्व करने का आरोप: नानावती आयोग ने टाइटलर को 1984 के सिख विरोधी दंगों के आयोजकों में से एक के रूप में नामित किया था. आधिकारिक रिकॉर्ड के अनुसार, तत्कालीन प्रधानमंत्री के बाद हुए नरसंहार के दौरान दिल्ली में 2,100 सहित पूरे भारत में लगभग 2,800 सिख मारे गए थे. इंदिरा गांधी की हत्या उनके सिख अंगरक्षकों ने की थी, जिसके विरोध स्वरूप ये दंगे भड़के थे. बता दें कि सिख दंगा मामले में दिल्ली कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद रहे सज्जन कुमार को साल 2018 में उम्रकैद की सजा हो चुकी है. सज्जन कुमार पर भी भीड़ का नेतृत्व करने और उकसाने का आरोप था.

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