हैदराबाद : कहावत है कि प्यार अंधा होता है, लेकिन आज के दौर में यह अब धंधा होता जा रहा है. खासतौर पर ऑनलाइन प्यार में लोगों को फंसाकर लाखों करोड़ों रुपयों का चुना लगाने के कई मामले सामने आ रहे हैं. ऐसा ही एक मामला तेलंगाना के सिकंदराबाद का भी है, जिसमें एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर शिकार बन बैठा.
जानकारी के मुताबिक, सिकंदराबाद के सॉफ्टवेयर इंजीनियर विजय (40) यहां के एक एमएनसी कंपनी में काम करते हैं. अविवाहित विजय पिछले तीन सालों से फेसबुक में कई युवतियों को फ्रेंड रिक्वेस्ट दे रहा था. डेढ़ साल पहले यारलागड्डा दासु ने कल्याणी श्री नामक फर्जी एकाउंट से विजय को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजा था. कल्याणी श्री ने खुद को विजयवाड़ा के एक पारंपरिक परिवार से बताया था.
इस कुकर्म में उनकी पत्नी ज्योति ने भी मदद की. जब भी विजय कल्याणी श्री को कॉल करते, उनकी पत्नी ज्योति फोन उठाकर कहती कि वह यहां फोन न करे और न ही उससे मिलने विजयवाड़ा आए.
कल्याणी श्री ने विजय के सामने शर्त रखी थी कि केवल वे चैटिंग ही करेंगे. बिना मिले सिर्फ चैटिंग और तस्वीरें देखकर विजय को कल्याणीश्री से प्रेम हो गया. दोनों शादी करने वाले थे, लेकिन उससे पहले कल्याणी श्री ने प्यार का खेल खेला. उसने विजय से कहा कि उसकी 50 करोड़ की संपत्ति है जिस पर कुछ विवाद लगा हुआ हैं. इसलिए उसकी जरूरत को पूरी करने के लिए विजय उसे पैसे भेजा करे.
विजय ने उसकी बातों पर आंख मुंदकर भरोसा किया और कल्याणीश्री यानी दासु की पत्नी ज्योति बैंक अकाउंट पर पैसे भेजने लगा. इस तरह एक साल तक दासु और ज्योति ने विजय से एक करोड़ रुपये लेते रहे.
सूत्रों के मुताबिक, दासु आईआईआईटी छात्र है, जिसने विजय को फर्जी एकाउंट के जरिये ठगा है. उसने बीटेक खत्म करने के बाद सात साल पहले हैदराबाद के टीसीएस में छह महीने तक काम किया था. वह आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले का मूल निवासी है.
अपने ऑनलाइन रमी गेम की लत के कारण उसने अपनी नौकरी खो दी थी. उसने क्रिकेट सट्टा भी लगाया और कर्जदार हो गया था. बाद में उसने अपनी आजीविका के लिए फल बेचना शुरू किया, लेकिन साथ ही कुछ इस तरह से भी लोगों को ठगने लगा. हालांकि, विजय से ठगे गए रुपये इस दंपती ने सट्टेबाजी में गंवा दिये हैं.
अब यह दंपती आंध्र प्रदेश के सत्तनापल्ली में एक छोटे से कमरे में रहता है. साइबर क्राइम पुलिस ने धोखाधड़ी के आरोप में दासु को गिरफ्तार कर लिया है.