श्रीहरिकोटा: ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी) के जरिए सिंगापुर के दो उपग्रहों का प्रक्षेपण करने के लिए शुक्रवार को यहां सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र में 22.5 घंटे की उलटी गिनती शुरू हो गई. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने यह जानकारी दी.
यह न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (एनएसआईएल) के माध्यम से प्राथमिक उपग्रह के रूप में 'टेलीओएस-2' और सह-यात्री उपग्रह के रूप में 'ल्यूमलाइट-4' के साथ एक समर्पित वाणिज्यिक मिशन है, जिसे इसरो के भरोसेमंद पीएसएलवी-सी 55 द्वारा पृथ्वी की निचली कक्षा में भेजा जाएगा. मिशन के तहत 44.4 मीटर लंबा रॉकेट प्रथम लॉन्च पैड से शनिवार को अपराह्न 2.19 बजे चेन्नई से लगभग 135 किलोमीटर दूर स्थित अंतरिक्ष केंद्र से प्रक्षेपण के लिए तैयार है.
पीएसएलवी रॉकेट (पीएसएलवी-सी55 के रूप में नामित कोड) का कोर अलोन वेरिएंट सिंगापुर के दो पृथ्वी अवलोकन उपग्रहों - टीएलईओएस-2 का वजन 741 किलो और 16 किलो लुमिलाइट-4 ले जाएगा. इन दोनों के अलावा, सात गैर-वियोज्य प्रायोगिक पेलोड होंगे जो रॉकेट के अंतिम चरण (PS4) का हिस्सा होंगे.
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सौर पैनलों की तैनाती ग्राउंड कमांड के जरिए होगी. प्लेटफॉर्म यह सुनिश्चित करेगा कि तैनात सौर पैनल उपयुक्त सन पॉइंटिंग मोड का उपयोग करके सूर्य की ओर इष्टतम रूप से इंगित करता है, जिससे प्लेटफॉर्म की बिजली उत्पादन क्षमता में वृद्धि होगी. इसरो ने कहा कि पेलोड और एवियोनिक पैकेज को उनकी जरूरतों के आधार पर बिजली मुहैया कराई जाएगी.
आज का मिशन पीएसएलवी की 57वीं उड़ान और 'पीएसएलवी कोर अलोन कॉन्फिगरेशन' का इस्तेमाल करने वाला 16वां मिशन होगा. दिसंबर 2015 में इसरो ने सिंगापुर के पांच अन्य उपग्रहों के साथ पीएसएलवी-सी29 मिशन में टेलीओएस-1 उपग्रह को सफलतापूर्वक 550 किलोमीटर की वृत्ताकार कक्षा में स्थापित किया था.
(एजेंसी इनपुट)