नई दिल्ली : भारत में कोरोना के 2,11,298 नए मामले आने के बाद कुल पॉजिटिव मामलों की संख्या 2,73,69,093 हुई. 3,847 नई मौतों के बाद कुल मौतों की संख्या 3,15,235 हो गई है. 2,83,135 नए डिस्चार्ज के बाद कुल डिस्चार्ज की संख्या 2,46,33,951 हुई. देश में सक्रिय मामलों की कुल संख्या 24,19,907 है.
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देश में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस की 18,85,805 वैक्सीन लगाई गईं, जिसके बाद कुल वैक्सीनेशन का आंकड़ा 20,26,95,874 हुआ.
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के मुताबिक, भारत में कल कोरोना वायरस के लिए 21,57,857 सैंपल टेस्ट किए गए, कल तक कुल 33,69,69,353 सैंपल टेस्ट किए जा चुके हैं.
26 मई तक देशभर में कोरोना के 2,08,921 नए मामले आने के बाद कुल पॉजिटिव मामलों की संख्या 2,71,57,795 थी. 4,157 नई मौतों के बाद कुल मौतों की संख्या 3,11,388 हो गई थी. 2,95,955 नए डिस्चार्ज के बाद कुल डिस्चार्ज की संख्या 2,43,50,816 हुई. देश में बीते दिन सक्रिय मामलों की कुल संख्या 24,95,591 थी.
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दूसरी लहर में फंगस के केस क्यों आ रहे हैं सामने
कोरोना की पहली लहर में ऐसे किसी फंगस के मामले सामने नहीं आए थे, लेकिन इस बार फंगस डिजीज की शिकायत आने के सवाल पर डॉ. मोहनीश ग्रोवर ने कहा कि फिलहाल इस पर गंभीर शोध चल रहा है, लेकिन अब तक जो तथ्य सामने आए हैं, उनके अनुसार पहली स्ट्रेन और दूसरी स्ट्रेन में फर्क है. दूसरी लहर में कई लोगों ने घर पर रहकर उपचार करवाया और घर पर रहकर स्टेरॉइड का भी इस्तेमाल किया. चूंकि वो घर पर रहकर दवाई ले रहे थे, ऐसे में शुगर लेवल की मॉनिटरिंग नहीं हो पाई. यही नहीं ह्यूमेडिफायर ऑक्सिजनेशन ज्यादा करना पड़ा, जिसका पानी भी यदि पुराना हो या उसने भी कोई इंफेक्शन है तो वो भी एक वजह हो सकता है और एक बड़ा कारण कोरोना संक्रमण के दूसरे स्ट्रेन से कम होने वाली इम्यूनिटी भी हो सकती है.