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भारत में ही विकसित हुआ कोरोना का नया वेरिएंट

आंध्र प्रदेश के अमरावती में कोरोना टास्क फोर्स के सदस्य शशांक जोशी ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि कोरोना वायरस ने भारत में खुद को परिवर्तित कर लिया है और यह संस्करण तेजी से फैल रहा है. हालांकि इससे घबराने की जरूरत नहीं है, बल्कि अधिक सावधानी बरतने की जरूरत है.

कोरोना वैरिएंट
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Published : Feb 20, 2021, 7:09 PM IST

Updated : Feb 20, 2021, 7:46 PM IST

अमरावती : आंध्र प्रदेश के अमरावती और यवतमाल में नया कोरोना स्ट्रेन पाया गया है. हैरान करने वाली बात यह है कि यह वेरिएंट कोई विदेशी संस्करण नहीं है बल्कि भारतीय है. राज्य में कोरोना टास्क फोर्स के सदस्य शशांक जोशी ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि कोरोना वायरस ने भारत में खुद को परिवर्तित कर लिया है और यह संस्करण तेजी से फैल रहा है. हालांकि इससे घबराने की जरूरत नहीं है, बल्कि अधिक सावधानी बरतने की जरूरत है.

महाराष्ट्र के मुंबई में कोरोना के रोगियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, जो स्वास्थ्य मशीनरी की रातों की नींद हराम कर सकता है.

कोरोना टास्क फोर्स के सदस्य शशांक जोशी ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि अमरावती और यवतमाल में एक नया कोरोना संस्करण पाया गया है, लेकिन यह स्ट्रेन विदेशी नहीं है और वायरस ने खुद को बदल लिया है. अब समय की जरूरत यह है कि ज्यादा एहतियात बरतें और इससे घबराने की जरूरत नहीं है.म्यूटिड वेरिएंट E384K है.

जैसे ही अमरावती में चार लोग और अकोला में कोरोना के नए स्ट्रेन से संक्रमित केस सामने आए, पूरे विदर्भा में लोग विचलित हो गए. फिलहाल इन मरीजों का इलाज किया जा रहा है और प्रशासन आवश्यक सावधानी बरत रहा है.

जोशी ने कहा कि अमरावती और यवतमाल में पाया जाने वाला संस्करण पूरी तरह से भारतीय है और इसका नाम E384K है.

विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि एक नया संस्करण भारत में पाया जा रहा है और यह निश्चित रूप से चिंता का कारण है. इस बीच, दुनिया में कोरोना वायरस के 5000 से अधिक वेरिएंट पाए गए हैं.

वायरस अपनी आनुवंशिक संरचना और लक्षणों को लगातार बदल रहा है. इसलिए, नए वेरिएंट मिल रहे हैं. E384K नया भारतीय संस्करण है.

डॉ जोशी का कहना है कि भारतीय संस्करण अधिक खतरनाक है और यह तेजी से फैल रहा है. लेकिन, घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि भारत में सभी उपचार उपलब्ध हैं. जोशी ने चेतावनी देते हुए कहा कि नागरिकों को अब एक समय में दो मास्क के साथ अपने चेहरे को ढंकना होगा.

नमूने NIV को भेजे गए

अमरावती, यवतमाल, सतारा और पुणे में 4 रोगियों के स्वाब नमूनों को बी जे मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में परीक्षण के लिए भेजा गया था. रिपोर्ट से पता चलता है कि, ये वैरिएंट ब्रिटेन, अफ्रीका, ब्राजील या किसी भी अन्य विदेशी देश में पाए जाने वेरिएंट के नहीं हैं. यह भारतीय कोरोना वायरस में उत्परिवर्तन का प्रकार है.

अब इन नमूनों को परीक्षण के लिए पुणे में नेशनल वायरोलॉजी इंस्टीट्यूशन (एनआईवी) और नेशनल सेल्स साइंस इंस्टीट्यूट में भेजा गया है. एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट सौंपे जाने की उम्मीद है. रिपोर्ट की जांच के बाद, विशेषज्ञों की राय में सच्चाई का अंदाजा लगाया जा सकता है.

पढ़ें - टीकाकरण अभियान : भारत ने पार किया 1 करोड़ का आंकड़ा

भारतीय चिकित्सा संघ के अध्यक्ष डॉ अविनाश भोनवे का कहना है कि अमरावती, नागपुर और विदर्भा क्षेत्र के अन्य हिस्सों में कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं. मुंबई शहर की तुलना में यहां मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. दो दिन पहले सोशल मीडिया पर एक पोस्टर शेयर हो रहा था, जिसमें दावा किया गया था कि अमरावती और नागपुर में मरीजों में कोविड वायरस का स्ट्रेन मिला है.

लोगों का मानना था कि इस स्ट्रेन के कारण कोविड के मामले बढ़ रहे हैं और अंतरराष्ट्रीय यात्रियों द्वारा भारत में ब्राजील का स्ट्रेन भी आया, लेकिन महाराष्ट्र सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह सच नहीं है. टीकाकरण को कम प्रतिक्रिया मिल रही है. विदर्भ क्षेत्र में बढ़ते कोविड मामलों के बारे में अधिक जानकारी प्रकाशित करने की आवश्यकता है.

अमरावती : आंध्र प्रदेश के अमरावती और यवतमाल में नया कोरोना स्ट्रेन पाया गया है. हैरान करने वाली बात यह है कि यह वेरिएंट कोई विदेशी संस्करण नहीं है बल्कि भारतीय है. राज्य में कोरोना टास्क फोर्स के सदस्य शशांक जोशी ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि कोरोना वायरस ने भारत में खुद को परिवर्तित कर लिया है और यह संस्करण तेजी से फैल रहा है. हालांकि इससे घबराने की जरूरत नहीं है, बल्कि अधिक सावधानी बरतने की जरूरत है.

महाराष्ट्र के मुंबई में कोरोना के रोगियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, जो स्वास्थ्य मशीनरी की रातों की नींद हराम कर सकता है.

कोरोना टास्क फोर्स के सदस्य शशांक जोशी ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि अमरावती और यवतमाल में एक नया कोरोना संस्करण पाया गया है, लेकिन यह स्ट्रेन विदेशी नहीं है और वायरस ने खुद को बदल लिया है. अब समय की जरूरत यह है कि ज्यादा एहतियात बरतें और इससे घबराने की जरूरत नहीं है.म्यूटिड वेरिएंट E384K है.

जैसे ही अमरावती में चार लोग और अकोला में कोरोना के नए स्ट्रेन से संक्रमित केस सामने आए, पूरे विदर्भा में लोग विचलित हो गए. फिलहाल इन मरीजों का इलाज किया जा रहा है और प्रशासन आवश्यक सावधानी बरत रहा है.

जोशी ने कहा कि अमरावती और यवतमाल में पाया जाने वाला संस्करण पूरी तरह से भारतीय है और इसका नाम E384K है.

विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि एक नया संस्करण भारत में पाया जा रहा है और यह निश्चित रूप से चिंता का कारण है. इस बीच, दुनिया में कोरोना वायरस के 5000 से अधिक वेरिएंट पाए गए हैं.

वायरस अपनी आनुवंशिक संरचना और लक्षणों को लगातार बदल रहा है. इसलिए, नए वेरिएंट मिल रहे हैं. E384K नया भारतीय संस्करण है.

डॉ जोशी का कहना है कि भारतीय संस्करण अधिक खतरनाक है और यह तेजी से फैल रहा है. लेकिन, घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि भारत में सभी उपचार उपलब्ध हैं. जोशी ने चेतावनी देते हुए कहा कि नागरिकों को अब एक समय में दो मास्क के साथ अपने चेहरे को ढंकना होगा.

नमूने NIV को भेजे गए

अमरावती, यवतमाल, सतारा और पुणे में 4 रोगियों के स्वाब नमूनों को बी जे मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में परीक्षण के लिए भेजा गया था. रिपोर्ट से पता चलता है कि, ये वैरिएंट ब्रिटेन, अफ्रीका, ब्राजील या किसी भी अन्य विदेशी देश में पाए जाने वेरिएंट के नहीं हैं. यह भारतीय कोरोना वायरस में उत्परिवर्तन का प्रकार है.

अब इन नमूनों को परीक्षण के लिए पुणे में नेशनल वायरोलॉजी इंस्टीट्यूशन (एनआईवी) और नेशनल सेल्स साइंस इंस्टीट्यूट में भेजा गया है. एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट सौंपे जाने की उम्मीद है. रिपोर्ट की जांच के बाद, विशेषज्ञों की राय में सच्चाई का अंदाजा लगाया जा सकता है.

पढ़ें - टीकाकरण अभियान : भारत ने पार किया 1 करोड़ का आंकड़ा

भारतीय चिकित्सा संघ के अध्यक्ष डॉ अविनाश भोनवे का कहना है कि अमरावती, नागपुर और विदर्भा क्षेत्र के अन्य हिस्सों में कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं. मुंबई शहर की तुलना में यहां मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. दो दिन पहले सोशल मीडिया पर एक पोस्टर शेयर हो रहा था, जिसमें दावा किया गया था कि अमरावती और नागपुर में मरीजों में कोविड वायरस का स्ट्रेन मिला है.

लोगों का मानना था कि इस स्ट्रेन के कारण कोविड के मामले बढ़ रहे हैं और अंतरराष्ट्रीय यात्रियों द्वारा भारत में ब्राजील का स्ट्रेन भी आया, लेकिन महाराष्ट्र सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह सच नहीं है. टीकाकरण को कम प्रतिक्रिया मिल रही है. विदर्भ क्षेत्र में बढ़ते कोविड मामलों के बारे में अधिक जानकारी प्रकाशित करने की आवश्यकता है.

Last Updated : Feb 20, 2021, 7:46 PM IST
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