नई दिल्ली : राजधानी में कोरोना टेस्ट का आंकड़ा एक करोड़ पार कर गया है. इनमें से आधे यानी करीब 50 लाख टेस्ट बीते ढाई महीने में ही हुए हैं. स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक दिल्ली में अब तक 1 करोड़ 59 हजार 193 लोगों का कोरोना टेस्ट किया जा चुका है.
आधी आबादी के हुए टेस्ट
दिल्ली में कोरोना संक्रमण की रफ्तार अब धीमी पड़ती जा रही है. यहां करीब दो करोड़ की आबादी है. इनमें से एक करोड़ से ज्यादा लोगों के कोरोना टेस्ट हो चुके हैं. यानी दिल्ली में आधी आबादी के बराबर कोरोना टेस्ट किए जा चुके हैं. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसे लेकर कहा है कि टेस्टिंग और ट्रीटमेंट पर फोकस कर कोरोना वायरस के प्रसार को काबू में किया है.
'स्वास्थ्य मंत्री ने बताया बड़ी उपलब्धि'
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने इसे बड़ी उपलब्धि बताया है. उन्होंने कहा कि आधी आबादी का टेस्ट कर देना, बड़ी बात है. आज भी हर दिन 70-80 हजार टेस्ट किया जा रहा है. प्रति 10 लाख पर दिल्ली के टेस्ट का आंकड़ा देखें, तो यह 5,29,431 है. हालांकि, कोरोना की शुरुआत में टेस्टिंग के मामले में दिल्ली इतनी आगे नहीं थी.
'बीते ढाई महीने में 50 लाख टेस्ट'
7 नवंबर तक दिल्ली में कोरोना के कुल 50,49,020 टेस्ट हुए थे. इसके बाद के 75 दिन, यानी ढाई महीने में ही इतने टेस्ट किए जा चुके हैं. बता दें कि दिल्ली सरकार द्वारा जारी 20 जनवरी के कोरोना हेल्थ बुलेटिन के अनुसार, दिल्ली में अब तक 1,00,59,193 टेस्ट किए जा चुके हैं. बीते 24 घंटे में ही 63,161 टेस्ट हुए हैं. गौरतलब है कि जून के बाद से दिल्ली में कोरोना टेस्टिंग के आंकड़े में इजाफा हुआ.
15 जून की मीटिंग में बड़ा फैसला
जून में जब दिल्ली में कोरोना की पहली लहर आई और हालात बिगड़ते दिखे, तब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मोर्चा संभाला. लगातार कई दौर की मीटिंग्स हुई. कोरोना के मद्देनजर दिल्ली के हालात पर चर्चा के लिए गृह मंत्री ने ऐसी ही एक सर्वदलीय बैठक 15 जून को बुलाई थी. उसमें यह फैसला हुआ कि अब हर दिन 18-20 हजार कोरोना टेस्ट होंगे. तब तक यह आंकड़ा 10-12 हजार था.
'18 जून से शुरू हुआ एंटीजन टेस्ट'
इसी बीच 18 जून से दिल्ली में कोरोना का रैपिड एंटीजन टेस्ट भी शुरू हो गया. इससे करीब आधे घंटे में ही कोरोना की रिपोर्ट मिलने लगी. तब तक केवल RTPCR माध्यम से ही टेस्ट किए जा रहे थे. एंटीजन टेस्टिंग ने आंकड़े बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. हालांकि, एक समय में RTPCR की तुलना में एंटीजन की बढ़ती संख्या पर सवाल खड़े हुए और मामला दिल्ली हाई कोर्ट तक गया.
'सितंबर में होने लगे 60 हजार टेस्ट'
कोरोना की पहली लहर खत्म होने तक टेस्टिंग का आंकड़ा 20 हजार के आस-पास ही बना रहा. इसमें बढ़ोतरी दिखी, कोरोना की दूसरी लहर आने के बाद अगस्त महीने के अंतिम सप्ताह में जब दिल्ली में कोरोना की दूसरी लहर आई. उसी दौरान 26 अगस्त को सीएम केजरीवाल ने घोषणा की कि एक सप्ताह में टेस्टिंग को 20 से बढ़ाकर 40 हजार किया जाएगा. हालांकि, सितंबर में यह आंकड़ा 60 हजार को पार कर गया.
'एंटीजन से आगे निकल गया RTPCR'
इसके बाद के करीब दो महीनों में कोरोना टेस्टिंग का आंकड़ा घटते-बढ़ते हुए 50-60 हजार के आस-पास ही रहा. फिर इसमें बड़ी बढ़ोतरी दिखी. नवंबर में जब दिल्ली में कोरोना की तीसरी लहर आई. इस दौरान यह भी दिखा कि RTPCR टेस्ट का आंकड़ा एंटीजन टेस्ट से आगे निकल गया. नवंबर-दिसंबर में टेस्टिंग का आंकड़ा 70-80 हजार तक पहुंचता दिखा और 17 दिसंबर को तो यह 90 हजार को पार कर गया.
'जब एक दिन में हुए 90 हजार टेस्ट'
यह दिल्ली में अब तक किसी भी एक दिन में होने वाले कोरोना टेस्ट का सबसे बड़ा आंकड़ा है. इस दिन RTPCR टेस्ट का आंकड़ा भी अब तक का रिकॉर्ड है. तब 24 घंटे के दौरान 90,354 टेस्ट किए गए थे. इनमें से 49,102 टेस्ट RTPCR माध्यम और 41,252 टेस्ट एंटीजन माध्यम से हुए थे. नवंबर-दिसंबर में लगातार बड़ी संख्या में हुए टेस्ट ने ही इस आंकड़े को एक करोड़ के पार पहुंचा दिया.