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गुजरात: फेफड़े के प्रत्यारोपण के लिए मरीज को राजकोट से किया एयरलिफ्ट

राजकोट का 30 वर्षीय व्यक्ति कोविड पॉजिटिव था, फेफड़ों में बढ़ते संक्रमण के चलते उसे सांस लेने में दिक्कत थी. युवक के फेफड़े के प्रत्यारोपण के लिए उसे चेन्नई के एमजीएम अस्पताल भेजा गया.

lung transplant
प्रतीकात्मक फोटो
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Published : Dec 13, 2020, 10:15 PM IST

गुजरात: राजकोट का एक 30 वर्षीय व्यक्ति कोरोना संक्रमित था. संक्रमण के कारण उसके फेफड़ों ने काम करना बंद कर दिया. युवक के फेफड़े के प्रत्यारोपण करने के लिए उसे राजकोट से चेन्नई ले जाया गया. इस दौरान एक ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया, जिसके बाद उसे अस्पताल से राजकोट हवाई अड्डे पर ले जाया गया.

दरअसल, युवक के फेफड़े में संक्रमण के हो गया था, जिसके चलते उन्हें उच्च इलाज के लिए चेन्नई के एमजीएम अस्पताल ले जाया गया. मरीज को लेने के लिए एक एयर एम्बुलेंस आई. इसके साथ ही विद्यानगर अस्पताल से राजकोट हवाई अड्डे तक उसे पहुंचाने के लिए पुलिस की मदद से एक ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया. इस ग्रीन कॉरिडोर की मदद से एम्बुलेंस ने केवल चार मिनट में ही विद्यानगर मेन रोड से हवाई अड्डे की दूरी को कवर कर लिया.

पढ़ें: भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा कोरोना संक्रमित, सेल्फ आइसोलेट हुए

बता दें कि, कोरोना के सकारात्मक परीक्षण के बाद युवक को अपने फेफड़ों में संक्रमण का पता चला था. युवक को 57 दिनों तक राजकोट के एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा था. हालांकि, 57 दिनों के बाद युवक के फेफड़ों में कोई सुधार नहीं हुआ. इस बीच युवक को चेन्नई के एमजीएम अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया.

गुजरात: राजकोट का एक 30 वर्षीय व्यक्ति कोरोना संक्रमित था. संक्रमण के कारण उसके फेफड़ों ने काम करना बंद कर दिया. युवक के फेफड़े के प्रत्यारोपण करने के लिए उसे राजकोट से चेन्नई ले जाया गया. इस दौरान एक ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया, जिसके बाद उसे अस्पताल से राजकोट हवाई अड्डे पर ले जाया गया.

दरअसल, युवक के फेफड़े में संक्रमण के हो गया था, जिसके चलते उन्हें उच्च इलाज के लिए चेन्नई के एमजीएम अस्पताल ले जाया गया. मरीज को लेने के लिए एक एयर एम्बुलेंस आई. इसके साथ ही विद्यानगर अस्पताल से राजकोट हवाई अड्डे तक उसे पहुंचाने के लिए पुलिस की मदद से एक ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया. इस ग्रीन कॉरिडोर की मदद से एम्बुलेंस ने केवल चार मिनट में ही विद्यानगर मेन रोड से हवाई अड्डे की दूरी को कवर कर लिया.

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बता दें कि, कोरोना के सकारात्मक परीक्षण के बाद युवक को अपने फेफड़ों में संक्रमण का पता चला था. युवक को 57 दिनों तक राजकोट के एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा था. हालांकि, 57 दिनों के बाद युवक के फेफड़ों में कोई सुधार नहीं हुआ. इस बीच युवक को चेन्नई के एमजीएम अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया.

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