सागर : मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बीना का दाैरान किया. बीना के आगासोद में भारत ओमान रिफाइनरी लिमिटेड का दौरा कर उन्होंने रिफाइनरी के नजदीक चक गांव में 1000 बिस्तर के प्रस्तावित कोरोना अस्पताल की साइट का निरीक्षण किया और तैयारियों की समीक्षा की.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि कोरोना से हम दो मोर्चों पर लड़ाई लड़ रहे हैं. एक तो संक्रमण को रोकना है और जो संक्रमित हो चुके हैं, उन्हें बेहतर इलाज देना है. ऑक्सीजन की समस्या पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन की बड़ी समस्या है, लेकिन हम हर स्तर पर ऑक्सीजन लाने का प्रयास कर रहे हैं.
कोरोना से निपटने की दोहरी रणनीति
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा है कि कोरोना के खिलाफ युद्ध स्तर पर संघर्ष जारी है. लगातार हम यह प्रयास कर रहे हैं कि जो हमारे संक्रमित भाई बहन हैं, उन्हें बेहतर इलाज दे सकें. सरकार की दोहरी रणनीति है कि एक संक्रमण को बढ़ने से रोका जाए और दूसरी तरफ से संक्रमित रोगों के इलाज की लगातार व्यवस्था की जाए. मैं प्रदेश की जनता को बधाई देना चाहूंगा कि गांव-गांव में जनता ने जनता कर्फ्यू लगाकर अपने गांव और मोहल्लों को बंद कर सरकार के निर्णय पर सहमति जताई है.
तेजी से बढ़ रही है संक्रमितों की संख्या
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि हम संक्रमण की भी चेन को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं. इसके परिणाम भी सामने आ रहे हैं. हमारे प्रदेश में संक्रमितों की संख्या तेजी से नहीं बढ़ रही है.
पॉजिटिविटी दर लगातार नीचे जा रही है. मुझे विश्वास है कि जनता के सहयोग से हम जल्द कोरोना पर काबू पाएंगे, लेकिन दूसरी तरफ संक्रमितों के इलाज की लगातार व्यवस्था करना है. कोरोना की कौन सी लहर आ जाए, इसका ठिकाना नहीं है, इसलिए इलाज की भी बेहतर व्यवस्था करना है.
ऑक्सीजन की बड़े पैमाने पर जरूरत
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि ऑक्सीजन की कमी एक समस्या है. एक तरफ हम प्रदेश के बाहर से ऑक्सीजन ला रहे हैं. आज बोकारो से मध्य प्रदेश के लिए 6 टैंकर वाली रेल चली है.
वायु सेना के हवाई जहाजों से हम खाली टैंकर भेजकर दूसरी जगह से टैंकर भरवाकर लगातार मध्य प्रदेश लाने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन फिर भी बड़े पैमाने पर ऑक्सीजन की आवश्यकता है.
ऑक्सीजन आधारित अस्पताल बनाने का फैसला
सीएम शिवराज सिंह ने कहा कि सागर के बीना रिफाइनरी के पास पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन हैं, लेकिन इसे सिलेंडर में भरकर अस्पताल में सप्लाई नहीं किया जा सकता है.
इसलिए हमने विचार बनाया है, कि जहां ऑक्सीजन है, वहीं अस्पताल बनाते हैं. इसलिए कोरोना से पीड़ित भाई बहनों के लिए ऑक्सीजन पर आधारित अस्पताल बनाए जाने का फैसला लिया है. कई तकनीकी समस्याएं थी, इसलिए हमने कई लोगों को जोड़ा है.
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रक्षा मंत्रालय का डीआरडीओ टेक्निकल सपोर्ट करेगा. इसके साथ ही अहमदाबाद की एक टीम आई है, जो अस्पताल तक पाइप लाइन बिछाने का काम देखेगी.