कोटद्वार : देश में कोरोना की तीसरी लहर (Third wave of corona) को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Union Health Minister) ने सभी राज्यों में कड़े निर्देश दिये हैं. वहीं, तीसरी लहर की आशंका के बीच स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही उत्तराखंड (Uttarakhand) पर भारी पड़ सकती है. बीते दिनों कोरोना के मामलों (Corona Cases) में अचानक बढ़ोत्तरी देखी जा रही है. वहीं, पौड़ी गढ़वाल के कोटद्वार में कोरोना का डेल्टा प्लस वेरिएंट (Delta plus Variant) AY.12 का एक केस पाए जाने की पुष्टि हुई है. जिसके बाद स्वास्थ्य महकमे में हड़कप मचा हुआ है.
बता दें कि उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में कोरोना के डेल्टा प्लस वैरिएंट ने दस्तक दी थी. दिल्ली में हुई जीनोम सिक्वेंसिंग के बाद जिले में डेल्टा प्लस वेरिएंट के तीन नए मामले सामने आए थे. वहीं, कोटद्वार क्षेत्र में भी कोरोना के डेल्टा वेरिएंट AY.12 का केस सामने आने के बाद हड़कंप मचा हुआ है. पौड़ी गढ़वाल के सीएओ डॉ. मनोज शर्मा ने इसकी पुष्टि की है.
वहीं, पौड़ी जिले में कोरोना के डेल्टा वेरिएंट का केस मिलने के बाद प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए हैं. जिलाधिकारी डॉ. विजय कुमार जोगदंडे ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर पॉजिटिव मामलों के कांट्रेक्ट ट्रेसिंग बढ़ाने के निर्देश दिये हैं.
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बहरहाल, उत्तराखंड सरकार (Government of Uttarakhand) ने भी प्रतिदिन 40 हजार कोरोना टेस्ट का लक्ष्य रखा था. लेकिन प्रदेश में कोरोना के 76वें हफ्ते में कोरोना जांच में 62 प्रतिशत की कमी आई है. 76वें (22 से 28 अगस्त) हफ्ते में प्रदेश में कुल 1,06,756 सैंपल लिए गए हैं. इस हिसाब से देखा जाए तो प्रदेश में प्रतिदिन 15,250 ही टेस्ट किए जा रहे हैं. जो सरकार के तय लक्ष्य से काफी नीचे है. जो सही संकेत नहीं है.