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भविष्य में कोविड-19 सामान्य सर्दी-जुकाम वाला वायरस हो जाएगा : अध्ययन - न सकता है कोविड-19

कोविड-19 के लिए जिम्मेदार कोरोना वायरस अगले एक दशक में सामान्य सर्दी-जुकाम वाला वायरस रह जाएगा. एक अध्ययन में यह कहा गया है.

कोविड-19
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Published : May 21, 2021, 4:24 PM IST

Updated : May 21, 2021, 5:21 PM IST

नई दिल्ली : अगले दशक तक कोविड-19 के लिए जिम्मेदार कोरोना वायरस सामान्य सर्दी-जुकाम वाला वायरस रह जाएगा. एक अध्ययन में यह कहा गया है.

शोध पत्रिका 'वायरसेस' में प्रकाशित एक अध्ययन में गणितीय मॉडल के आधार पर लगाए गए अनुमान में कहा गया है कि मौजूदा महामारी के दौरान मिले अनुभवों से हमारा शरीर प्रतिरक्षा तंत्र में बदलाव कर लेगा.

अमेरिका में यूटा विश्वविद्यालय में गणित और जीव विज्ञान के प्रोफेसर फ्रेड अडलेर ने कहा, 'यह एक संभावित भविष्य को दर्शाता है जिसके समाधान के लिए अभी तक तमाम कदम नहीं उठाए गए हैं.'

पढ़ें - 24 घंटे में 2.59 लाख नए केस, 4,209 मौत, जानें राज्यों का हाल

अडलेर ने कहा, 'आबादी के बड़े हिस्से में प्रतिरक्षा तंत्र तैयार हो जाने से अगले दशक तक कोविड-19 बीमारी की गंभीरता घटती जाएगी.' अध्ययन में कहा गया है कि वायरस में आए बदलाव की तुलना में हमारे प्रतिरक्षा तंत्र में आए परिवर्तन की वजह से बीमारी की गंभीरता कम होती जाएगी.

इस अध्ययन के मुताबिक टीकाकरण से या संक्रमण के जरिए वयस्कों की प्रतिरक्षा बेहतर होने से अगले दशक तक इस वायरस के कारण गंभीर बीमारी नहीं होगी. हालांकि अध्ययनकर्ताओं ने कहा कि इस मॉडल में बीमारी के प्रत्येक मामलों पर गौर नहीं किया गया है. उदाहरण के तौर पर अगर वायरस का नया स्वरूप प्रतिरक्षा को भेद देता है तो कोविड-19 गंभीर रूप ले सकता है.

(पीटीआई)

नई दिल्ली : अगले दशक तक कोविड-19 के लिए जिम्मेदार कोरोना वायरस सामान्य सर्दी-जुकाम वाला वायरस रह जाएगा. एक अध्ययन में यह कहा गया है.

शोध पत्रिका 'वायरसेस' में प्रकाशित एक अध्ययन में गणितीय मॉडल के आधार पर लगाए गए अनुमान में कहा गया है कि मौजूदा महामारी के दौरान मिले अनुभवों से हमारा शरीर प्रतिरक्षा तंत्र में बदलाव कर लेगा.

अमेरिका में यूटा विश्वविद्यालय में गणित और जीव विज्ञान के प्रोफेसर फ्रेड अडलेर ने कहा, 'यह एक संभावित भविष्य को दर्शाता है जिसके समाधान के लिए अभी तक तमाम कदम नहीं उठाए गए हैं.'

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अडलेर ने कहा, 'आबादी के बड़े हिस्से में प्रतिरक्षा तंत्र तैयार हो जाने से अगले दशक तक कोविड-19 बीमारी की गंभीरता घटती जाएगी.' अध्ययन में कहा गया है कि वायरस में आए बदलाव की तुलना में हमारे प्रतिरक्षा तंत्र में आए परिवर्तन की वजह से बीमारी की गंभीरता कम होती जाएगी.

इस अध्ययन के मुताबिक टीकाकरण से या संक्रमण के जरिए वयस्कों की प्रतिरक्षा बेहतर होने से अगले दशक तक इस वायरस के कारण गंभीर बीमारी नहीं होगी. हालांकि अध्ययनकर्ताओं ने कहा कि इस मॉडल में बीमारी के प्रत्येक मामलों पर गौर नहीं किया गया है. उदाहरण के तौर पर अगर वायरस का नया स्वरूप प्रतिरक्षा को भेद देता है तो कोविड-19 गंभीर रूप ले सकता है.

(पीटीआई)

Last Updated : May 21, 2021, 5:21 PM IST
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