नई दिल्ली : भारत सरकार ने ई कॉर्बेवैक्स बूस्टर शॉट को मान्यता दे दी है. कोवैक्सिन और कोविशील्ड लेने वाले लोग अब कॉर्बेवैक्स बूस्टर डोज भी लगवा सकते हैं. भारत सरकार के आधिकारिक सूत्रों ने जानकारी दी है. जानकारी के मुताबिक, 18 साल से ज्यादा उम्र के व्यक्ति जिन्होंने कोवैक्सिन और कोविशील्ड लगवा लिया है, अब उनके लिए जैविक 'ई कॉर्बेवैक्स बूस्टर शॉट' उपलब्ध है. भारत सरकार ने ई कॉर्बेवैक्स बूस्टर शॉट को मान्यता दे दी है. जो लोग कोवैक्सिन और कोविशील्ड लगवा चुके हैं वो कॉर्बेवैक्स बूस्टर डोज लगवा सकते हैं. देश में ऐसा पहली बार होने जा रहा है, जब पहली और दूसरी खुराक के तौर पर दिए गए टीके से अलग कोई टीका बतौर ऐहतियाती खुराक लगाया जाएगा.
सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने टीकाकरण राष्ट्रीय तकनीकी परामर्श समूह (एनटीएजीआई) की सिफारिशों के आधार पर यह मंजूरी दी है. 18 वर्ष से अधिक आयु के उन लोगों को ऐहतियाती खुराक के तौर पर कॉर्बेवैक्स टीका लगाने पर विचार किया गया है, जिन्हें कोवैक्सीन या कोविशील्ड टीके की दूसरी खुराक लिए हुए छह महीने या 26 सप्ताह हो चुके हैं. इस आयु वर्ग के लोगों को पहले लगे टीके से अलग ऐहतियाती खुराक दी जाएगी.
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CORBEVAX booster shot approved for 18 years and above jabbed with Covaxin, Covishield
— ANI Digital (@ani_digital) August 10, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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गौरतलब है कि भारत का पहला स्वदेशी आरबीडी प्रोटीन सबयूनिट 'कॉर्बेवैक्स' टीका फिलहाल 12 से 14 वर्ष की आयु के बच्चों को लगाया जा रहा है. कोविड-19 कार्य समूह ने 20 जुलाई को हुई बैठक में तीसरे चरण के आंकडों की समीक्षा की थी. इसमें कोविशील्ड या कोवैक्सीन की दो खुराक ले चुके 18 से 80 वर्ष आयु के लोगों को कॉर्बेवैक्स टीका तीसरी खुराक के तौर पर दिए जाने के बाद उनकी प्रतिरोधक क्षमता पर होने वाले संभावित प्रभाव का आकलन किया गया था.
सूत्रों ने बताया कि आंकड़ों की पड़ताल करने के बाद सीडब्ल्यूजी ने पाया कि कोवैक्सीन या कोविशील्ड की दो खुराक लेने वालों को तीसरी खुराक के तौर पर कॉर्बेवैक्स टीका लगाया जा सकता है, जो (वायरस से लड़ने के लिए) उल्लेखनीय स्तर पर एंटीबॉडी पैदा करता है और तटस्थ आंकड़ों के मुताबिक यह रक्षात्मक भी है. गौरतलब है कि भारत के औषधि महानियंत्रक (जीसीजीआई) ने चार जून को 18 साल या इससे अधिक आयु के लोगों को तीसरी खुराक के तौर पर कॉर्बेवैक्स टीका लगाने की अनुमति दी थी.