ETV Bharat / bharat

सहकारिता क्षेत्र भारत को पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था, आत्म-निर्भर भारत बना सकता है: शाह - केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री

सहकारिता क्षेत्र भारत को पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने की क्षमता रखता है तथा यह कृषि क्षेत्र को आत्म-निर्भर बनाने में महत्वपूर्ण साबित होगा. उक्त बातें केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने अमूल के 75 वर्ष पूरे होने के मौके पर यहां आयोजित समारोह में कहीं.

अमित शाह
अमित शाह
author img

By

Published : Oct 31, 2021, 8:26 PM IST

आणंद (गुजरात) : केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने रविवार को कहा कि सहकारिता क्षेत्र भारत को पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने की क्षमता रखता है तथा यह कृषि क्षेत्र को आत्म-निर्भर बनाने में महत्वपूर्ण साबित होगा. शाह ने खेती और उससे जुड़े क्षेत्रों के विकास के लिए सहकारिता मॉडल को लागू करने की जरूरत पर भी जोर दिया, जो दुग्ध उत्पादक अमूल की सफलता का कारक है.

उन्होंने कहा, 'जैसा कि आज हम देख सकते हैं, लाल बहादुर शास्त्री का श्वेत क्रांति का सपना साकार हो रहा है. लेकिन समय इससे आगे देखने का आ गया है. हमें खेती और पशुपालन जैसे क्षेत्रों के उत्थान के लिए सहकारिता मॉडल को लागू करने की जरूरत है.' गृह मंत्री ने कहा, 'कृषि को आत्म-निर्भर बनाने में सहकारिता मॉडल महत्वपूर्ण साबित होगा.'

शाह अमूल के 75 वर्ष पूरे होने के मौके पर यहां आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे थे जिसकी शुरुआत आणंद में सरदार वल्लभभाई पटेल और खेड़ा जिला सहकारिता दुग्ध उत्पादक, जिसे अमूल डेयरी के नाम से जाना जाता है, के संस्थापक तथा सहकारिता क्षेत्र के नेता त्रिभुवनदास पटेल के मार्गदर्शन में सहकारिता आंदोलन के रूप में 1946 में हुई थी.

ये भी पढ़ें - लोकतंत्र की रक्षा करना ही सरदार पटेल को सच्ची श्रद्धांजलि : राहुल गांधी

गुजरात में करीब 36 लाख किसान परिवार वर्तमान में अमूल के साथ जुड़े हुए हैं. शाह ने कहा, 'आप 36 लाख तक सीमित मत रहिए. आज कई किसान जैविक खेती की ओर बढ़े हैं, लेकिन उनके पास भारत में तथा दुनिया में अपने कृषि उत्पाद बेचने के लिए कोई मंच नहीं है. क्या अमूल जैसे सहकारी संस्थान ऐसा करने में मदद कर सकते हैं? इस दिशा में सोचने का समय आ गया है. इससे किसानों की आय बढ़ेगी.'

उन्होंने कहा, 'बीजों के क्षेत्र में समय पर अनुसंधान नहीं किया गया. क्या सहकारिता क्षेत्र इस दिशा में काम कर सकता है. इस क्षेत्र को सब्जियों की नयी किस्म भी विकसित करनी चाहिए. इससे फायदा किसानों तक पहुंचेगा, निजी कंपनियों को नहीं. इससे किसानों की आय दोगुनी होने में भी मदद मिलेगी.' भारत को पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में सहकारिता आंदोलन का अहम योगदान रहने का विश्वास जताते हुए शाह ने कहा, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मानते हैं कि सहकारिता क्षेत्र आत्म-निर्भर भारत बनाने में अहम होगा.'

शाह ने महिलाओं के सशक्तीकरण में भी अमूल की भूमिका की सराहना की. उन्होंने कहा कि इस साल जुलाई में सृजित नया सहकारिता मंत्रालय अपना चार्टर तैयार कर रहा है. अमूल के 75 वर्ष पूरे होने के मौके पर शाह ने एक डाक टिकट भी जारी किया. उन्होंने अमूल ब्रांड के जैविक उर्वरक की भी शुरूआत की. अपने संबोधन के बाद शाह ने अमूल डेयरी परिसर का दौरा किया.

(पीटीआई भाषा)

आणंद (गुजरात) : केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने रविवार को कहा कि सहकारिता क्षेत्र भारत को पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने की क्षमता रखता है तथा यह कृषि क्षेत्र को आत्म-निर्भर बनाने में महत्वपूर्ण साबित होगा. शाह ने खेती और उससे जुड़े क्षेत्रों के विकास के लिए सहकारिता मॉडल को लागू करने की जरूरत पर भी जोर दिया, जो दुग्ध उत्पादक अमूल की सफलता का कारक है.

उन्होंने कहा, 'जैसा कि आज हम देख सकते हैं, लाल बहादुर शास्त्री का श्वेत क्रांति का सपना साकार हो रहा है. लेकिन समय इससे आगे देखने का आ गया है. हमें खेती और पशुपालन जैसे क्षेत्रों के उत्थान के लिए सहकारिता मॉडल को लागू करने की जरूरत है.' गृह मंत्री ने कहा, 'कृषि को आत्म-निर्भर बनाने में सहकारिता मॉडल महत्वपूर्ण साबित होगा.'

शाह अमूल के 75 वर्ष पूरे होने के मौके पर यहां आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे थे जिसकी शुरुआत आणंद में सरदार वल्लभभाई पटेल और खेड़ा जिला सहकारिता दुग्ध उत्पादक, जिसे अमूल डेयरी के नाम से जाना जाता है, के संस्थापक तथा सहकारिता क्षेत्र के नेता त्रिभुवनदास पटेल के मार्गदर्शन में सहकारिता आंदोलन के रूप में 1946 में हुई थी.

ये भी पढ़ें - लोकतंत्र की रक्षा करना ही सरदार पटेल को सच्ची श्रद्धांजलि : राहुल गांधी

गुजरात में करीब 36 लाख किसान परिवार वर्तमान में अमूल के साथ जुड़े हुए हैं. शाह ने कहा, 'आप 36 लाख तक सीमित मत रहिए. आज कई किसान जैविक खेती की ओर बढ़े हैं, लेकिन उनके पास भारत में तथा दुनिया में अपने कृषि उत्पाद बेचने के लिए कोई मंच नहीं है. क्या अमूल जैसे सहकारी संस्थान ऐसा करने में मदद कर सकते हैं? इस दिशा में सोचने का समय आ गया है. इससे किसानों की आय बढ़ेगी.'

उन्होंने कहा, 'बीजों के क्षेत्र में समय पर अनुसंधान नहीं किया गया. क्या सहकारिता क्षेत्र इस दिशा में काम कर सकता है. इस क्षेत्र को सब्जियों की नयी किस्म भी विकसित करनी चाहिए. इससे फायदा किसानों तक पहुंचेगा, निजी कंपनियों को नहीं. इससे किसानों की आय दोगुनी होने में भी मदद मिलेगी.' भारत को पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में सहकारिता आंदोलन का अहम योगदान रहने का विश्वास जताते हुए शाह ने कहा, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मानते हैं कि सहकारिता क्षेत्र आत्म-निर्भर भारत बनाने में अहम होगा.'

शाह ने महिलाओं के सशक्तीकरण में भी अमूल की भूमिका की सराहना की. उन्होंने कहा कि इस साल जुलाई में सृजित नया सहकारिता मंत्रालय अपना चार्टर तैयार कर रहा है. अमूल के 75 वर्ष पूरे होने के मौके पर शाह ने एक डाक टिकट भी जारी किया. उन्होंने अमूल ब्रांड के जैविक उर्वरक की भी शुरूआत की. अपने संबोधन के बाद शाह ने अमूल डेयरी परिसर का दौरा किया.

(पीटीआई भाषा)

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.