नई दिल्ली : राज्यसभा सदस्य कपिल सिब्बल ने मंगलवार को दावा किया कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार में भ्रष्टाचार के लिए दोषसिद्धि की दर ज्यादा थी. उन्होंने पूछा कि भ्रष्टाचार में शामिल लोगों को कौन 'बचा रहा' है. उनकी यह टिप्पणी तब आयी है जब एक दिन पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से कहा कि किसी भी भ्रष्ट व्यक्ति को बख्शा नहीं जाना चाहिए. सीबीआई के हीरक जयंती समारोह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने सोमवार को कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई के लिए आज राजनीतिक इच्छाशक्ति की कोई कमी नहीं है और अधिकारियों को बगैर हिचकिचाहट के भ्रष्ट लोगों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए, भले ही वे कितने भी ताकतवर हों.
सिब्बल ने ट्वीट किया कि प्रधानमंत्री ने सीबीआई से कहा : भ्रष्ट व्यक्ति को न छोड़ो, मार्च 2016 : जितेंद्र सिंह ने संसद में कहा : 2013 में भ्रष्टाचार के लिए 1,136 लोग दोषी करार, 2014 में 993, 2015 में 878, 2016 में 71 लोग दोषी करार. भ्रष्टाचार के लिए दोषसिद्धि यूपीए के दौरान अधिक रही. संप्रग के पहले और दूसरे कार्यकाल के दौरान केंद्रीय मंत्री रहे सिब्बल ने कहा कि लोग झूठ बोल सकते हैं लेकिन तथ्य नहीं. भ्रष्टाचारी को कौन बचा रहा है?
बता दें कि हाल के दिनों केंद्रीय जांच एजेंसियों के इस्तेमाल को लेकर सराकर और विपक्षी दलों में आरोप प्रत्यारोप का दौर बना हुआ है. दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद से ही विपक्षी पार्टियां जांच एजेंसियों के इस्तेमाल को लेकर सरकार पर हमलावर है.
(पीटीआई-भाषा)