अमेठी: फिल्म आदिपुरुष को लेकर विवाद बढ़ता ही जा रहा है. देश भर में फिल्म के डॉयलाग को लेकर लोग तीखी प्रतिक्रिया दे रहे हैं. इसके चलते फिल्म के डॉयलाग लिखने वाले राइटर मनोज मुंतशिर की कड़ी आलोचना की जा रही है. फिल्म के गाने भी मनोज ने ही लिखे हैं. इस बारे में जब ईटीवी भारत की टीम ने मनोज मुंतशिर के माता-पिता से बात की तो उन्होंने फिल्म की सराहना की. इसके साथ ही उन्होंने फिल्म का विरोध करने वालों को अज्ञान बताया. उन्होंने कहा कि फिल्म की पटकथा धार्मिक ग्रंथों पर आधारित है.
गौरतलब है कि टी-सीरीज की महत्वाकांक्षी फिल्म आदिपुरुष शुक्रवार सिनेमाघरों में रिलीज हुई. फिल्म रिलीज होते ही डॉयलाग राइटर और मशहूर गीतकार मनोज मुंतशिर हिंंदू धर्म संगठनों और संतों के निशानों पर आ गए. अमेठी के रहने वाले मनोज मुंतशिर का विरोध उनके गृह जनपद में भी भरपूर देखने को मिल रहा है. लोग फिल्म के लिए बुक एडवांस टिकट भी कैंसिल करा रहे हैं. वहीं, रिलीज के दूसरे दिन ही फिल्म के बॉक्स आफिस कलेक्शन में भी कमी आई है.
इस बारे में जब ईटीवी भारत ने मनोज मुंतशिर के पिता शिव प्रताप शुक्ला से बातचीत की तो उन्होंने कहा, 'आदिपुरुष फिल्म बहुत अच्छी फिल्म है. फिल्म की पटकथा वेदों और पुराणों को पढ़ने के बाद ही लिखी गई है. हम इसको अपने सनातन धर्म से जोड़कर देखते हैं. सबका अपना अलग-अलग नजरिया होता है. जो, जिस नजर से देखगा, उसे उसी नजर से दिखाई देगा. वैसे फिल्म बहुत अच्छी है. वहीं, उनकी मां ने भी फिल्म की प्रशंसा की. उन्होंने कहा लोग फर्जी का विवाद कर रहे हैं.
धर्म के साथ अन्यायः वहीं, इस फिल्म को लेकर संत समाज ने भी अपनी नाराजगी जाहिर की है. प्रसिद्ध संत मौनी स्वामी ने कहा, 'यह मन की वेदना है. हिंदू धर्म पर वार है. दुर्भाग्य है कि इसी धरती पर जन्म हुआ सनातन को मानने वाले परिवार का एक साक्षर व्यक्ति. हमारे धर्म शास्त्रों पर इतना आक्रमण करेगा. इसकी कल्पना तो की नहीं जा सकती थी. उसको देख करके ना तो सहने की क्षमता है. ना ही देखने के लिए आंखें तैयार होती हैं. उसे देखकर जो दर्द अपमान हमारे आराध्य का दिखाई देता है. ऐसा प्रतीत होता है कि इन्होंने अपनी कलम से उस इतिहास को लिखा है, जिससे हमारे सनातन धर्म का का पतन हो. लोगों में आक्रोश फैले. पैसा कमाने के लिए, अपना नाम चमकाने के लिए पूरे धर्म के साथ अन्याय किया है. सरकार को तत्काल संज्ञान लेना चाहिए. इस पर कार्रवाई करनी चाहिए.'
पूरे देश का सम्मान दांव परः मौनी महाराज ने कहा कि पूरा संत समाज इसकी निंदा करता है. इस पर कार्रवाई नहीं हुई, तो संत समाज आंदोलन करेगा. जिसकी पूर्ण जिम्मेदारी जिसने इसे लिखा है उसकी होगी. आदिपुरुष भगवान राम को उन्होंने मजाक बना दिया है. यह मजाक ही हमारे धर्म का अपमान है. फिल्म का लेखक आकर हमसे बहस करें. यदि उनके लेखनी में इतनी ताकत है तो किसी भी मंच पर वह आकर हमसे शास्त्रार्थ करें. यदि वे प्रमाण दे देंगे, तो हम अपना कासंभर छोड़ देंगे. व्यक्ति को इतना बेशर्म नहीं होना चाहिए कि खुद को चमकाने के लिए पूरे देश का मान सम्मान दांव पर लगा दे.'
अमेठी के लोगों में भी नाराजगीः वहीं, गौरीगंज के रहने वाले अरविंद सिंह ने कहा, 'बेहद दुख हो रहा है कि वह गौरीगंज के हैं. कभी अमेठी जिला उन पर गर्व करता था. लेकिन, पैसों की लालच में या फिर अपने ही धर्म के प्रति अज्ञानता में भगवान श्री राम के शौर्य पर बनाई गई फिल्म आदिपुरुष के डायलॉग लिख मारे. यहीं पर आपने अपने जीवन की सबसे बड़ी भूल कर डाली. हर धर्म परायण हिंदुस्तानी के लिए वह खलनायक बन गए हैं. उन्होंने सड़क छाप गुंडे मवालियों वाले डायलॉग भगवान हनुमान और अन्य पौराणिक चरित्रों के लिए लिखे हैं.'
बचपन से था लिखने का शौकः बता दें कि मनोज मुंतशिर शुक्ला का जन्म यूपी के अमेठी के गौरीगंज में 27 फरवरी 1976 को हुआ था. उनके पिता किसान है और मां शिक्षिका थी. उनकी पत्नी नीलम मुंतशिर भी लेखिका हैं. उनका एक बेटा भी है. मनोज का पूरा वास्तविक नाम मनोज शुक्ला है. छोटी उम्र से ही उन्हें कविताएं लिखने का शौक था. गौरीगंज के पैतृक आवास पर उनके माता पिता रहते हैं.
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