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उपभोक्ता अधिकारों के संरक्षण पर कितनी गंभीर है मोदी सरकार, संसद में दिए इस जवाब से समझिए - उपभोक्ता अधिकारों के संरक्षण

नरेंद्र मोदी सरकार ई-कॉमर्स के इस दौर में उपभोक्ता अधिकारों के संरक्षण पर कितनी गंभीर है ? संसद में भाजपा सांसद के एक सवाल पर दिए गए केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल के जवाब से इस बात को समझा जा सकता है. पीयूष गोयल ने कहा कि उपभोक्ताओं के साथ किसी भी तरह के फर्जीवाड़े को रोकने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है.

उपभोक्ता अधिकारों का संरक्षण
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Published : Aug 10, 2021, 11:40 AM IST

Updated : Aug 10, 2021, 12:29 PM IST

नई दिल्ली : केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल ने आज संसद में एक सवाल के जवाब में बताया कि सरकार उपभोक्ता अधिकारों के संरक्षण को लेकर पूरी तरह गंभीर है. उन्होंने बिहार की औरंगाबाद संसदीय सीट से भाजपा सांसद सुशील कुमार सिंह के सवाल के जवाब में कहा कि सरकार ने कई प्रावधान ऐसे बनाए हैं, जिनके तहत अगर किसी उपभोक्ता के साथ फर्जीवाड़ा होता है तो विक्रेता, उत्पादक और सामान डिलीवर करने वाले तक की जिम्मेदारी तय की जाएगी.

पीयूष गोयल का बयान

खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल ने देश में ई कॉमर्स प्लेटफॉर्म की अनुचित व्यापारिक पद्धतियों पर अंकुश लगाने और ई-कॉमर्स कंपनियों के विनियमन से संबंधित सुशील कुमार सिंह और चिंता अनुराधा के प्रश्नों के उत्तर दिए.

उन्होंने कहा, कंपनियां ई-कॉमर्स के माध्यम से आज छोटे दुकानदारों को समाप्त कर रही हैं. इसको लेकर पूरे विश्व की सरकारें चिंता जता रही हैं. मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियां धीरे-धीरे छोटे व्यवसायों को नष्ट कर रही हैं.

उन्होंने कहा, संयुक्त राज्य अमेरिका में भी, अधिकांश सामुदायिक दुकानें बंद हो गई हैं. भारत में, छोटे व्यवसायों में लगभग 13 करोड़ लोग कार्यरत हैं. ई-कॉमर्स कंपनियों को भारत में काम करने की अनुमति मिलने के बाद, उन्होंने अपने हितों को आगे बढ़ाने के लिए कानूनी जटिलताओं का सहारा लिया है. यह दुनिया भर में गंभीर चिंता का विषय है.

पढ़ें :- मानसून सत्र : भाजपा संसदीय दल की बैठक में शामिल हुए पीएम मोदी

मंत्री गोयल ने कहा, धीरे-धीरे, वे (ई-कॉमर्स कंपनियां) प्रतिस्पर्धा को नष्ट कर रहे थे और जब छोटे व्यवसाय नष्ट हो जाएंगे, तो उपभोक्ताओं के पास किसी भी चीज के लिए ज्यादा पैसे देने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा.

मंत्री ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय कुछ आरोपों की जांच कर रहा है. उन्होंने कहा, ई-कॉमर्स व्यवसायों ने प्रतिस्पर्धा आयोग द्वारा एक जांच को रोकने की कोशिश की. हालांकि, सोमवार (9 अगस्त) को, सुप्रीम कोर्ट ने फैसला किया कि प्रतिस्पर्धा आयोग को अपनी जांच करने की अनुमति दी जाएगी. उपभोक्ताओं को अच्छी सेवाएं मिले, यह सुनिश्चित करने के लिए सरकार कदम उठा रही है. हम उपभोक्ता शिकायतों को दूर करने के लिए ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर देयता तय कर रहे हैं.

वहीं, सांसद सुशील कुमार सिंह ने सवाल किया कि बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियों की तुलना में उपभोक्ताओं और छोटे व्यवसायों के हितों को सुरक्षित करने के लिए सरकार क्या कदम उठा रही है? इसके जवाब में मंत्री अश्विनी के. चौबे ने कहा, "वोकल फॉर लोकल" योजनाएं शुरू की गई हैं. उपभोक्ता संरक्षण (ई-कॉमर्स) नियम, 2020 भी लागू किया गया है.

नई दिल्ली : केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल ने आज संसद में एक सवाल के जवाब में बताया कि सरकार उपभोक्ता अधिकारों के संरक्षण को लेकर पूरी तरह गंभीर है. उन्होंने बिहार की औरंगाबाद संसदीय सीट से भाजपा सांसद सुशील कुमार सिंह के सवाल के जवाब में कहा कि सरकार ने कई प्रावधान ऐसे बनाए हैं, जिनके तहत अगर किसी उपभोक्ता के साथ फर्जीवाड़ा होता है तो विक्रेता, उत्पादक और सामान डिलीवर करने वाले तक की जिम्मेदारी तय की जाएगी.

पीयूष गोयल का बयान

खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल ने देश में ई कॉमर्स प्लेटफॉर्म की अनुचित व्यापारिक पद्धतियों पर अंकुश लगाने और ई-कॉमर्स कंपनियों के विनियमन से संबंधित सुशील कुमार सिंह और चिंता अनुराधा के प्रश्नों के उत्तर दिए.

उन्होंने कहा, कंपनियां ई-कॉमर्स के माध्यम से आज छोटे दुकानदारों को समाप्त कर रही हैं. इसको लेकर पूरे विश्व की सरकारें चिंता जता रही हैं. मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियां धीरे-धीरे छोटे व्यवसायों को नष्ट कर रही हैं.

उन्होंने कहा, संयुक्त राज्य अमेरिका में भी, अधिकांश सामुदायिक दुकानें बंद हो गई हैं. भारत में, छोटे व्यवसायों में लगभग 13 करोड़ लोग कार्यरत हैं. ई-कॉमर्स कंपनियों को भारत में काम करने की अनुमति मिलने के बाद, उन्होंने अपने हितों को आगे बढ़ाने के लिए कानूनी जटिलताओं का सहारा लिया है. यह दुनिया भर में गंभीर चिंता का विषय है.

पढ़ें :- मानसून सत्र : भाजपा संसदीय दल की बैठक में शामिल हुए पीएम मोदी

मंत्री गोयल ने कहा, धीरे-धीरे, वे (ई-कॉमर्स कंपनियां) प्रतिस्पर्धा को नष्ट कर रहे थे और जब छोटे व्यवसाय नष्ट हो जाएंगे, तो उपभोक्ताओं के पास किसी भी चीज के लिए ज्यादा पैसे देने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा.

मंत्री ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय कुछ आरोपों की जांच कर रहा है. उन्होंने कहा, ई-कॉमर्स व्यवसायों ने प्रतिस्पर्धा आयोग द्वारा एक जांच को रोकने की कोशिश की. हालांकि, सोमवार (9 अगस्त) को, सुप्रीम कोर्ट ने फैसला किया कि प्रतिस्पर्धा आयोग को अपनी जांच करने की अनुमति दी जाएगी. उपभोक्ताओं को अच्छी सेवाएं मिले, यह सुनिश्चित करने के लिए सरकार कदम उठा रही है. हम उपभोक्ता शिकायतों को दूर करने के लिए ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर देयता तय कर रहे हैं.

वहीं, सांसद सुशील कुमार सिंह ने सवाल किया कि बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियों की तुलना में उपभोक्ताओं और छोटे व्यवसायों के हितों को सुरक्षित करने के लिए सरकार क्या कदम उठा रही है? इसके जवाब में मंत्री अश्विनी के. चौबे ने कहा, "वोकल फॉर लोकल" योजनाएं शुरू की गई हैं. उपभोक्ता संरक्षण (ई-कॉमर्स) नियम, 2020 भी लागू किया गया है.

Last Updated : Aug 10, 2021, 12:29 PM IST
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