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Bharat Jodo Yatra: राहुल गांधी ने पलक्कड में आदिवासी समुदाय के प्रतिनिधियों से की मुलाकात - कांग्रेस नेता राहुल गांधी

कांग्रेस नेता राहुल गांधी की अगुवाई में 'भारत जोड़ो यात्रा' (Bharat Jodo Yatra) केरल में पलक्कड जिले के शोरनूर से सोमवार को फिर शुरू हुई. इस पदयात्रा काफी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भाग लिया.

Congresss Bharat Jodo Yatra reaches Palakkad
कांग्रेस की 'भारत जोड़ो यात्रा' पलक्कड पहुंची
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Published : Sep 26, 2022, 2:12 PM IST

Updated : Sep 26, 2022, 10:27 PM IST

पलक्कड (केरल): 'भारत जोड़ो यात्रा' (Bharat Jodo Yatra) के पलक्कड जिले में प्रवेश करने पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोमवार को आदिवासी समुदायों के नेताओं एवं प्रतिनिधियों से मुलाकात की. इस मुलाकात के दौरान एक प्रतिनिधि ने आदिवासी इलाकों में प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए कोचिंग केंद्र खोले जाने की आवश्यकता जताई. इस बातचीत की शुरुआत प्रतिनिधिमंडल ने भारत जोड़ो यात्रा को समर्पित एक गीत के साथ की. गांधी ने खासतौर से जिले के अट्टापाडी के आदिवासी नेताओं से मुलाकात की.

समुदाय के एक चिकित्सक ने आदिवासी औषधि को आयुष में शामिल करने की वकालत की और आदिवासी छात्रों को स्कूल तथा कॉलेज में पढ़ाई बीच में छोड़ने (डॉपआउट) से रोकने के लिए परामर्श कार्यक्रम लाने की जरूरत पर जोर दिया. राहुल गांधी ने कहा कि जिस शिक्षा प्रणाली में परीक्षाओं की रूपरेखा तय करते वक्त आदिवासियों पर ध्यान नहीं दिया जाता है, उसमें इस समुदाय से आने वाले छात्रों को नुकसान पहुंचता है. उन्होंने कहा, मेरा मानना है कि आदिवासी संस्कृति किसी भी दूसरी संस्कृति के जितनी महत्वपूर्ण है, उससे बेहतर नहीं लेकिन सभी संस्कृतियों के समान है.

गांधी ने कहा कि आदिवासी लोग वनों के सबसे अच्छे संरक्षक हैं और नौकरशाहों तथा विशेषज्ञों के मुकाबले बेहतर तरीके से पर्यावरण को समझते हैं. कांग्रेस नेता ने कहा, यह समझा जा सकता है कि आदिवासी छात्र ऐसी स्कूल व्यवस्था में घुटन महसूस करते होंगे जिसमें शिक्षा प्रणाली में उनकी परंपराओं तथा मान्यताओं को शामिल नहीं किया जाता है. हमें आदिवासी संस्कृति के तत्वों को हमारे पाठ्यक्रम में शामिल करना होगा.

आदिवासी प्रतिनिधियों ने सरकार द्वारा उनके प्रार्थना स्थलों को छीनने तथा उन्हें बाहर निकालने की भी शिकायत की. उन्होंने कहा कि उन्हें अब पूजा के लिए भुगतान करने को विवश किया जाता है और देवी-देवताओं की प्रतिमाओं को छूने भी नहीं दिया जाता है. उन्होंने बेहतर चिकित्सा सुविधाओं तथा अस्पतालों का भी अनुरोध किया क्योंकि उन्हें आपात स्थिति के दौरान बहुत दूरस्थ स्थानों पर जाना पड़ता है. उन्होंने गांधी से उनकी संस्कृति एवं परंपराओं को संरक्षित करने में मदद मांगी तथा एक संग्रहालय एवं कला केंद्र बनाने का भी अनुरोध किया. गांधी ने कहा कि यह सुनिश्चित करना बहुत आवश्यक एवं महत्वपूर्ण है कि आदिवासी युवक अपनी संस्कृति एवं परंपराओं पर गर्व करें.

ये भी पढ़ें-राहुल ने केरल के त्रिशूर में शुरू की भारत जोड़ो यात्रा, महंगाई के खिलाफ प्रदर्शन

आदिवासियों द्वारा एक नृत्य प्रस्तुति के साथ इस बैठक का समापन हुआ. गांधी की सुबह की पदयात्रा के दौरान राष्ट्रमंडल खेलों के रजत पदक विजेता अब्दुल्ला अबू-बकर भी उसमें शामिल हुए. पदयात्रा शाम को जिले के पत्ताम्बी से फिर शुरू हुई और यह रात को जिले के कोप्पम में रुकेगी.

कांग्रेस की 3,570 किलोमीटर लंबी और 150 दिनों तक चलने वाली 'भारत जोड़ो यात्रा' सात सितंबर को तमिलनाडु के कन्याकुमारी से शुरू हुई थी. यह यात्रा जम्मू-कश्मीर में संपन्न होगी. 'भारत जोड़ो यात्रा' 10 सितंबर की शाम को केरल पहुंची थी. एक अक्टूबर को कर्नाटक पहुंचने से पहले यह 19 दिनों में केरल के सात जिलों से गुजरते हुए 450 किलोमीटर की दूरी तय करेगी.

(पीटीआई-भाषा)

पलक्कड (केरल): 'भारत जोड़ो यात्रा' (Bharat Jodo Yatra) के पलक्कड जिले में प्रवेश करने पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोमवार को आदिवासी समुदायों के नेताओं एवं प्रतिनिधियों से मुलाकात की. इस मुलाकात के दौरान एक प्रतिनिधि ने आदिवासी इलाकों में प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए कोचिंग केंद्र खोले जाने की आवश्यकता जताई. इस बातचीत की शुरुआत प्रतिनिधिमंडल ने भारत जोड़ो यात्रा को समर्पित एक गीत के साथ की. गांधी ने खासतौर से जिले के अट्टापाडी के आदिवासी नेताओं से मुलाकात की.

समुदाय के एक चिकित्सक ने आदिवासी औषधि को आयुष में शामिल करने की वकालत की और आदिवासी छात्रों को स्कूल तथा कॉलेज में पढ़ाई बीच में छोड़ने (डॉपआउट) से रोकने के लिए परामर्श कार्यक्रम लाने की जरूरत पर जोर दिया. राहुल गांधी ने कहा कि जिस शिक्षा प्रणाली में परीक्षाओं की रूपरेखा तय करते वक्त आदिवासियों पर ध्यान नहीं दिया जाता है, उसमें इस समुदाय से आने वाले छात्रों को नुकसान पहुंचता है. उन्होंने कहा, मेरा मानना है कि आदिवासी संस्कृति किसी भी दूसरी संस्कृति के जितनी महत्वपूर्ण है, उससे बेहतर नहीं लेकिन सभी संस्कृतियों के समान है.

गांधी ने कहा कि आदिवासी लोग वनों के सबसे अच्छे संरक्षक हैं और नौकरशाहों तथा विशेषज्ञों के मुकाबले बेहतर तरीके से पर्यावरण को समझते हैं. कांग्रेस नेता ने कहा, यह समझा जा सकता है कि आदिवासी छात्र ऐसी स्कूल व्यवस्था में घुटन महसूस करते होंगे जिसमें शिक्षा प्रणाली में उनकी परंपराओं तथा मान्यताओं को शामिल नहीं किया जाता है. हमें आदिवासी संस्कृति के तत्वों को हमारे पाठ्यक्रम में शामिल करना होगा.

आदिवासी प्रतिनिधियों ने सरकार द्वारा उनके प्रार्थना स्थलों को छीनने तथा उन्हें बाहर निकालने की भी शिकायत की. उन्होंने कहा कि उन्हें अब पूजा के लिए भुगतान करने को विवश किया जाता है और देवी-देवताओं की प्रतिमाओं को छूने भी नहीं दिया जाता है. उन्होंने बेहतर चिकित्सा सुविधाओं तथा अस्पतालों का भी अनुरोध किया क्योंकि उन्हें आपात स्थिति के दौरान बहुत दूरस्थ स्थानों पर जाना पड़ता है. उन्होंने गांधी से उनकी संस्कृति एवं परंपराओं को संरक्षित करने में मदद मांगी तथा एक संग्रहालय एवं कला केंद्र बनाने का भी अनुरोध किया. गांधी ने कहा कि यह सुनिश्चित करना बहुत आवश्यक एवं महत्वपूर्ण है कि आदिवासी युवक अपनी संस्कृति एवं परंपराओं पर गर्व करें.

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आदिवासियों द्वारा एक नृत्य प्रस्तुति के साथ इस बैठक का समापन हुआ. गांधी की सुबह की पदयात्रा के दौरान राष्ट्रमंडल खेलों के रजत पदक विजेता अब्दुल्ला अबू-बकर भी उसमें शामिल हुए. पदयात्रा शाम को जिले के पत्ताम्बी से फिर शुरू हुई और यह रात को जिले के कोप्पम में रुकेगी.

कांग्रेस की 3,570 किलोमीटर लंबी और 150 दिनों तक चलने वाली 'भारत जोड़ो यात्रा' सात सितंबर को तमिलनाडु के कन्याकुमारी से शुरू हुई थी. यह यात्रा जम्मू-कश्मीर में संपन्न होगी. 'भारत जोड़ो यात्रा' 10 सितंबर की शाम को केरल पहुंची थी. एक अक्टूबर को कर्नाटक पहुंचने से पहले यह 19 दिनों में केरल के सात जिलों से गुजरते हुए 450 किलोमीटर की दूरी तय करेगी.

(पीटीआई-भाषा)

Last Updated : Sep 26, 2022, 10:27 PM IST
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