नई दिल्ली : जिग्नेश मेवानी के कांग्रेस में शामिल होने पर जाने-माने राजनीतिक विश्लेषक दिलीपभाई गोहिल ने कहा मेवाने से कांग्रेस को कुछ खास फायदा नहीं होगा. उन्होंने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि जिग्नेश मेवानी कोई खास बदलाव नहीं कर पाएंगे. कांग्रेस को कुछ खास फायदा नहीं होगा. क्योंकि दलितों और आदिवासियों का वोट कांग्रेस को ही जा रहा था, हालांकि कांग्रेस आलाकमान दलित चेहरे को आगे बढ़ा रही है. पंजाब के बाद खबर है कि उत्तर प्रदेश में दलित चेहरे को सामने लाया जाएगा.
कांग्रेस की अवधारणा यह हो सकती है कि राष्ट्रीय स्तर पर एससी, एसटी, ओबीसी और आदिवासियों की आवाज कांग्रेस है. इस प्रकार दलित वोट जो आम आदमी पार्टी को गया, उसे कांग्रेस में वापस लाया जा सकता है.
राजनीतिक विश्लेषक जयवंतभाई पंड्या ने ईटीवी भारत को बताया कि 2015 में गुजरात में तीन आंदोलन हुए, जिनमें पाटीदार आरक्षण, ओबीसी और दलित आंदोलन शामिल थे. दलित आंदोलन के नेता जिग्नेश मेवानी अब कांग्रेस में शामिल हो रहे हैं.
मेरे विचार से अगर जिग्नेश मेवानी कांग्रेस में शामिल होते हैं, तो इससे पार्टी को कोई फायदा नहीं होगा. बिना जनाधार के लोग कांग्रेस में कैसे बैठेंगे? जिग्नेश मेवानी ने दलितों के लिए क्या अच्छे काम किए? कांग्रेस आलाकमान को विचार करना चाहिए और तय करना चाहिए कि यह पार्टी के लिए कितना फायदेमंद होगा.
इससे पहले जिग्नेश मेवानी ने मीडिया को संबोधित करते हुए आइडिया ऑफ इंडिया की बात की और देश की स्थिति की तुलना आपातकाल से की.
जिग्नेश मेवानी ने कहा कि जो कहानी गुजरात से शुरू हुई, उसने मुल्क में उत्पात मचाया है. एक राष्ट्र के तौर पर भारत अभूतपूर्व क्राइसिस से गुजर रहा है. आइडिया ऑफ इंडिया पर हमला है.
उन्होंने केंद्र की सरकार पर अडानी के जरिये नशे का कारोबार फैलाने का आरोप लगाया. अडानी के पोर्ट पर 3000 किलो ड्रग्स मिलने का जिक्र करते हुए जिग्नेश ने आरोप लगाया कि सरकार युवाओं को नशे के हवाले में कर देना चाहती है.
पढ़ें - कांग्रेसी बनने के बाद बोले कन्हैया, बड़े जहाज को नहीं बचाया तो छोटी कश्तियां डूब जाएंगी
उन्होंने किसान आंदोलन को इग्नोर करने और सेंट्रल विस्टा का प्रोग्रेस को तवज्जो देने के लिए पीएम मोदी की आलोचना की.
इस मौके पर जिग्नेश ने स्पष्ट किया वह अपना अगला चुनाव कांग्रेस के टिकट पर ही लड़ेंगे. जिग्नेश मेवाणी ने कहा कि वह तकनीकी कारणों से औपचारिक रूप से कांग्रेस में शामिल नहीं हो सके. अभी वह निर्दलीय विधायक हैं. अगर वह किसी पार्टी में शामिल होते हैं, तो विधायक नहीं रह सकते.