नई दिल्ली : देश में डीजल और पेट्रोल की कीमतें आसमान छू रही हैं. देश के कई शहरों में पेट्रोल के दाम 100 रुपये प्रति लीटर के भी पार पहुंच चुके हैं. वहीं, आये दिन पेट्रोलियम कंपनियां हर रोज कीमतों में इजाफा कर रही हैं. इन बढ़ती कीमतों की मार से आम जनता परेशान है. वहीं, पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी (Petrol and diesel prices hiked) के खिलाफ कांग्रेस 11 जून (शुक्रवार) को देशभर के पेट्रोल पंपों के सामने देशव्यापी सांकेतिक विरोध प्रदर्शन करेगी.
बता दें कि कांग्रेस ने पेट्रोल एवं डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी को लेकर सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि 'कर वसूली महामारी की लहरें' लगातार आती जा रही हैं.
इसे लेकर पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने ट्वीट किया, कई राज्यों में अनलॉक की प्रक्रिया शुरू हो रही है. पेट्रोल पंप पर बिल देते समय आपको मोदी सरकार द्वारा किया गया महंगाई में विकास दिखेगा. टैक्स वसूली महामारी की लहरें लगातार आती जा रही हैं.
पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, भयंकर जनलूट - पिछले 13 महीने में पेट्रोल 25.72 रुपये, डीजल 23.93 रुपये प्रति लीटर महंगा हुआ! कई राज्यों में 100 रुपये प्रति लीटर पार हुआ.
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उन्होंने आरोप लगाया, पेट्रोल-डीज़ल में रिकॉर्ड तोड़ बढ़ोतरी के लिए कच्चे तेल की क़ीमतें नहीं, मोदी सरकार द्वारा बढ़ाए गए कर ज़िम्मेदार हैं.
गौरतलब है कि वाहन ईधन की कीमतों में रविवार को फिर वृद्धि हुई. इससे राजधानी दिल्ली में पेट्रोल का दाम 95 रुपये प्रति लीटर के पार चला गया. वहीं, डीजल पहली बार 86 रुपये प्रति लीटर को पार कर गया.
बता दें कि वाहन ईंधन कीमतों में चार मई से 20 बार बढ़ोतरी हुई है. इससे देश के विभिन्न हिस्सों में अब पेट्रोल ऐतिहासिक उच्चस्तर पर पहुंच गया है.
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने आरोप लगाया कि केन्द्र सरकार की गलत नीतियों के कारण पूरे देश में मंहगाई बेलगाम हो गई है तथा पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस सहित सभी आवश्यक वस्तुओं के दामों में बेतहाशा वृद्धि हो रही है.
उन्होंने कहा कि बढ़ती महंगाई के खिलाफ 11 जून को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के निर्देशानुसार राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी राज्य के सभी जिलों में पेट्रोल पम्पों के सामने विरोध प्रदर्शन करेगी.
वहीं, केन्द्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने सोमवार को देश में पेट्रोल, डीजल के दाम में हो रही वृद्धि के लिये वैश्विक बाजार में कच्चे तेल के दाम में आई तेजी को जिम्मेदार बताया.
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प्रधान ने माना कि हाल के दिनों में पेट्रोल, डीजल के दाम बढ़े हैं. उन्होंने कहा कि पेट्रोल, डीजल को माल एवं सेवाकर (जीएसटी) के दायरे में लाने के बारे में कोई भी निर्णय जीएसटी परिषद को लेना है.
माना जा रहा है कि पेट्रोल, डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने से इनके दाम में कमी आ सकती है.
उन्होंने कहा, पेट्रोलियम पदार्थों के दाम बढ़ने के पीछे मुख्य वजह अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम 70 डालर प्रति बैरल पर पहुंच जाना है. इससे घरेलू बाजार में भी दाम बढ़ गये, जिसका उपभोक्ताओं पर नकारात्मक असर पड़ा है. भारत अपनी कुल जरूरत का 80 प्रतिशत तेल आयात करता है.
उन्होंने कहा, पेट्रोल-डीजल के दाम वैश्विक बाजारों के अनुरूप चलते हैं. इस क्षेत्र प्रभारी होने के नाते मेरा यह मानना है कि ईंधन को जीएसटी के दायरे में लाया जाना चाहिये, लेकिन यह काम तभी हो पायेगा जब जीएसटी परिषद के सदस्यों के बीच इसको लेकर सहमति बनेगी. इस बारे में कोई भी निर्णय सामूहिक तौर पर जीएसटी परिषद ही ले सकती है.