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Womens Reservation Bill : महिला आरक्षण विधेयक पर श्रेय लेगी कांग्रेस, 25 सितंबर को 25 शहरों में 25 महिला नेता बताएंगी बिल की कमियां - विधेयक में कमियां बताना

महिला आरक्षण विधेयक का श्रेय कांग्रेस पार्टी लेगी. इसी के मद्देनजर पार्टी की 25 महिला नेता 25 शहरों में विधेयक की कमियों के बारे में जागरूक करेंगी. पढ़िए ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता अमित अग्निहोत्री की रिपोर्ट...

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 23, 2023, 6:36 PM IST

नई दिल्ली : कांग्रेस महिला आरक्षण विधेयक को लेकर भाजपा पर दबाव बढ़ाएगी और कानून का श्रेय लेने और भाजपा के विधेयक में कमियों को इंगित करने के लिए 25 सितंबर को 25 शहरों में 25 महिला नेताओं को तैनात करेगी. कांग्रेस का यह कदम महिला सांसदों और भाजपा नेताओं द्वारा लंबे समय से लंबित विधेयक को पारित करने के लिए पीएम मोदी की सराहना करने और इसे एक ऐतिहासिक कदम बताने के एक दिन बाद आया है. कांग्रेस पार्टी की 25 महिला नेता बताएंगी कि कांग्रेस ने ही पहली बार 2010 में राज्यसभा में विधेयक पारित किया था. लेकिन सदन में प्रचंड बहुमत होने के बाद भी भाजपा ने संसद में महिला आरक्षण विधेयक को पारित कराने में 9 साल लगा दिए.

कांग्रेस की महिला नेता लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत कोटा लागू करने से पहले जनगणना और निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन की पूर्व शर्तें रखने जैसे भाजपा के विधेयक की कमियों के बारे में भी बताएंगी, जिसमें कहा गया है कि पूरी प्रक्रिया में कई साल लग सकते हैं. इस दौरान कांग्रेस की महिला नेता इस बारे में भी बात करेंगी कि एससी, एसटी और ओबीसी समुदायों की महिलाएं इस अवसर से कैसे चूक जाएंगी क्योंकि राज्यसभा में कांग्रेस सदस्यों द्वारा लाए गए कई संशोधनों के बावजूद भाजपा के विधेयक में उनके लिए कोई प्रावधान नहीं है. हालांकि यह सब कांग्रेस नेता सोनिया गांधी द्वारा दिए गए भाषण पर आधारित होगा. इसमें महिला नेता बताएंगी कि यह हमारा बिल है और हमने पहले इस पर काम किया है.

इस संबंध में महाराष्ट्र कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष और कांग्रेस कार्यसमिति की विशेष आमंत्रित सदस्य प्रणीति शिंदे ने कोलकाता में कहा कि भाजपा महिला आरक्षण विधेयक को लेकर केवल दिखावा करती है. उन्होंने कहा कि हम यह भी मांग करेंगे कि विधेयक को तत्काल प्रभाव से लागू किया जाए. साथ ही एससी, एसटी और ओबीसी से संबंधित लोगों को भी समग्र कोटा के अंदर आरक्षण मिलना चाहिए. उन्होंने कहा कि हम उन योजनाओं पर भी प्रकाश डालेंगे जो हमारी राज्य सरकारें राज्यों में महिलाओं के लिए लागू कर रही हैं. इसीक्रम में एआईसीसी सोशल मीडिया प्रभारी सुप्रिया श्रीनेत उत्तर प्रदेश के लखनऊ में एक मीडिया सम्मेलन को संबोधित करेंगी.

सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि हालांकि भाजपा विधायक विधेयक के पारित होने से बहुत खुश थे और पार्टी में सबसे अधिक सशक्त थे लेकिन यह आश्चर्य की बात है कि जब महिलाओं पर अत्याचार हो और ऐसे मामलों में जहां उनकी पार्टी के नेता शामिल हों, तब बोलें. उन्होंने कहा कि महिलाओं के सशक्तिकरण का मतलब है कि वे अन्य महिलाओं के अधिकारों और उनके खिलाफ होने वाले किसी भी गलत काम के लिए बोलें. श्रीनेत ने कहा कि जब भी बिल लागू होगा निश्चित रूप से अधिक महिलाएं सशक्त होंगी, लेकिन ऐसे सशक्त कानून निर्माताओं को महिलाओं के खिलाफ अपराधों के खिलाफ भी आवाज उठानी चाहिए. उन्होंने कहा कि भाजपा सांसद आमतौर पर इस मुद्दे पर चुप रहते हैं.

कांग्रेस कार्यसमिति की सदस्य रजनी पाटिल ने बताया कि हमें खुशी है कि हमारा बिल पारित हो गया है लेकिन महिलाओं को लाभ पाने के लिए कब तक इंतजार करना होगा. उन्होंने कहा कि महिला आरक्षण कोट 2024 में ही उपलब्ध होना चाहिए. इनमें पूर्व महिला कांग्रेस प्रमुख शोभा ओझा चंडीगढ़ में, सीडब्ल्यूसी सदस्य अलका लांबा जयपुर में, सीडब्ल्यूसी नेता यशोमती ठाकुर रायपुर में, मुंबई इकाई प्रमुख वर्षा गायकवाड़ वाराणसी में, सीडब्ल्यूसी सदस्य रजनी पाटिल अहमदाबाद में, राज्यसभा सदस्य राज्यसभा सदस्य के रूप में प्रेस वार्ता करेंगी. वहीं मुंबई में अमी याग्निक, बेंगलुरु में सीडब्ल्यूसी सदस्य कुमारी शैलजा, हैदराबाद में महिला कांग्रेस प्रमुख नेट्टा डिसूजा, विजयवाड़ा में पंखुड़ी पाठक और तिरुवनंतपुरम में लोकसभा सांसद जोथिमणि मीडिया से मुखातिब होंगी.

ये भी पढ़ें - Women Reservation Bill: कांग्रेस ने कानून में निकालीं खामियां, सरकार से 2024 में कोटा लागू करने का आग्रह

नई दिल्ली : कांग्रेस महिला आरक्षण विधेयक को लेकर भाजपा पर दबाव बढ़ाएगी और कानून का श्रेय लेने और भाजपा के विधेयक में कमियों को इंगित करने के लिए 25 सितंबर को 25 शहरों में 25 महिला नेताओं को तैनात करेगी. कांग्रेस का यह कदम महिला सांसदों और भाजपा नेताओं द्वारा लंबे समय से लंबित विधेयक को पारित करने के लिए पीएम मोदी की सराहना करने और इसे एक ऐतिहासिक कदम बताने के एक दिन बाद आया है. कांग्रेस पार्टी की 25 महिला नेता बताएंगी कि कांग्रेस ने ही पहली बार 2010 में राज्यसभा में विधेयक पारित किया था. लेकिन सदन में प्रचंड बहुमत होने के बाद भी भाजपा ने संसद में महिला आरक्षण विधेयक को पारित कराने में 9 साल लगा दिए.

कांग्रेस की महिला नेता लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत कोटा लागू करने से पहले जनगणना और निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन की पूर्व शर्तें रखने जैसे भाजपा के विधेयक की कमियों के बारे में भी बताएंगी, जिसमें कहा गया है कि पूरी प्रक्रिया में कई साल लग सकते हैं. इस दौरान कांग्रेस की महिला नेता इस बारे में भी बात करेंगी कि एससी, एसटी और ओबीसी समुदायों की महिलाएं इस अवसर से कैसे चूक जाएंगी क्योंकि राज्यसभा में कांग्रेस सदस्यों द्वारा लाए गए कई संशोधनों के बावजूद भाजपा के विधेयक में उनके लिए कोई प्रावधान नहीं है. हालांकि यह सब कांग्रेस नेता सोनिया गांधी द्वारा दिए गए भाषण पर आधारित होगा. इसमें महिला नेता बताएंगी कि यह हमारा बिल है और हमने पहले इस पर काम किया है.

इस संबंध में महाराष्ट्र कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष और कांग्रेस कार्यसमिति की विशेष आमंत्रित सदस्य प्रणीति शिंदे ने कोलकाता में कहा कि भाजपा महिला आरक्षण विधेयक को लेकर केवल दिखावा करती है. उन्होंने कहा कि हम यह भी मांग करेंगे कि विधेयक को तत्काल प्रभाव से लागू किया जाए. साथ ही एससी, एसटी और ओबीसी से संबंधित लोगों को भी समग्र कोटा के अंदर आरक्षण मिलना चाहिए. उन्होंने कहा कि हम उन योजनाओं पर भी प्रकाश डालेंगे जो हमारी राज्य सरकारें राज्यों में महिलाओं के लिए लागू कर रही हैं. इसीक्रम में एआईसीसी सोशल मीडिया प्रभारी सुप्रिया श्रीनेत उत्तर प्रदेश के लखनऊ में एक मीडिया सम्मेलन को संबोधित करेंगी.

सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि हालांकि भाजपा विधायक विधेयक के पारित होने से बहुत खुश थे और पार्टी में सबसे अधिक सशक्त थे लेकिन यह आश्चर्य की बात है कि जब महिलाओं पर अत्याचार हो और ऐसे मामलों में जहां उनकी पार्टी के नेता शामिल हों, तब बोलें. उन्होंने कहा कि महिलाओं के सशक्तिकरण का मतलब है कि वे अन्य महिलाओं के अधिकारों और उनके खिलाफ होने वाले किसी भी गलत काम के लिए बोलें. श्रीनेत ने कहा कि जब भी बिल लागू होगा निश्चित रूप से अधिक महिलाएं सशक्त होंगी, लेकिन ऐसे सशक्त कानून निर्माताओं को महिलाओं के खिलाफ अपराधों के खिलाफ भी आवाज उठानी चाहिए. उन्होंने कहा कि भाजपा सांसद आमतौर पर इस मुद्दे पर चुप रहते हैं.

कांग्रेस कार्यसमिति की सदस्य रजनी पाटिल ने बताया कि हमें खुशी है कि हमारा बिल पारित हो गया है लेकिन महिलाओं को लाभ पाने के लिए कब तक इंतजार करना होगा. उन्होंने कहा कि महिला आरक्षण कोट 2024 में ही उपलब्ध होना चाहिए. इनमें पूर्व महिला कांग्रेस प्रमुख शोभा ओझा चंडीगढ़ में, सीडब्ल्यूसी सदस्य अलका लांबा जयपुर में, सीडब्ल्यूसी नेता यशोमती ठाकुर रायपुर में, मुंबई इकाई प्रमुख वर्षा गायकवाड़ वाराणसी में, सीडब्ल्यूसी सदस्य रजनी पाटिल अहमदाबाद में, राज्यसभा सदस्य राज्यसभा सदस्य के रूप में प्रेस वार्ता करेंगी. वहीं मुंबई में अमी याग्निक, बेंगलुरु में सीडब्ल्यूसी सदस्य कुमारी शैलजा, हैदराबाद में महिला कांग्रेस प्रमुख नेट्टा डिसूजा, विजयवाड़ा में पंखुड़ी पाठक और तिरुवनंतपुरम में लोकसभा सांसद जोथिमणि मीडिया से मुखातिब होंगी.

ये भी पढ़ें - Women Reservation Bill: कांग्रेस ने कानून में निकालीं खामियां, सरकार से 2024 में कोटा लागू करने का आग्रह

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