पटना: दिल्ली से 1800 किलोमीटर दूर तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और तेलंगाना के सीएम केसीआर के बीच मुलाकात हुई. इस मुलाकात ने कांग्रेस की त्योरी चढ़ा दी. एक ओर जहां केजरीवाल कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व से मिलने का वक्त मांग रहे हैं तो वहीं विपक्षी एकता को डवांडोल करने में लगे हैं. कांग्रेस अब केजरीवाल-केसीआर की मुलाकात को इसी नजरिए से देख रही है.
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''ये वही केजरीवाल हैं जो राजीव गांधी के भारत रत्न वापस लेने की मांग कर रहे थे. जिन्होंने सोनिया गांधी को दो दिन जेल भेजने का मांग किया था, ये वही केजरीवाल हैं, जो बीजेपी के तीन काला कानून को पास करने में मदद किया था. इसीलिए केजरीवाल पर विश्वास नहीं करना चाहिए. इसीलिए विपक्षी पार्टी को जो एकजुट करने की मुहिम में किसे शामिल किया जाएगा किसे नहीं ये बैठक के बात विचार करके किया जाएगा.''- आलोक शर्मा, राष्ट्रीय प्रवक्ता, कांग्रेस
कांग्रेस को KCR-केजरीवाल पर भरोसा नहीं : कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता आलोक शर्मा ने नीतीश की विपक्षी एकता की मुहिम को लेकर केसीआर और आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को निशाने पर लिया है. कांग्रेस ने KCR और अरविंद केजरीवाल को भरोसे के लायक नहीं बताया है. जबकि नीतीश ने विपक्षी एकता की शुरूआत ही केसीआर से मिलकर की थी. वहीं अरविंद केजरीवाल के साथ अब तक 2-2 बार मुलाकत भी कर चुके हैं. नीतीश ताल ठोंककर ये कहते भी आ रहे हैं कि वो अरविंद केजरीवाल के पीछे दीवाल की तरह खड़े हैं. तो क्या कांग्रेस इस तरह नीतीश की विपक्षी एकजुटता के प्रयास पर भी भरोसा नहीं करती ये भी सवाल उठने लगा है.
नीति आयोग बीजेपी का पॉलिटिकल टूल : आलोक शर्मा ने कहा की जहां तक नीति आयोग की बैठक की बात है, बीजेपी ने इसे भी पॉलिटिकल टूल बना लिया है. जिस राज्य में विपक्षी दलों की सरकार है, उसे कुछ नहीं दिया जा रहा है. यही कारण है की सभी विपक्षी पार्टी नीति आयोग के बैठक का विरोध कर रही हैं. कर्नाटक में भी वही हुआ, चुनाव से दो महीने पहले बीजेपी समझ गई की वो चुनाव हार रही है. तो पहले से केंद्रीय योजनाओं के पैसे बंद कर दिया गया. इसीलिए ये बात आप समझ लीजिए की नीति आयोग को भी बीजेपी पॉलटिकल टूल बनाकर अपने फायदे के हिसाब से इस्तेमाल कर रही है. जो की ठीक नहीं है.
कांग्रेस ने केजरीवाल को याद दिलाया 'भूतकाल' : बता दें कि अरविंद केजरीवाल केंद्र के उस अध्यादेश के खिलाफ समर्थन मांगने गए हैं जिसके जरिए केंद्र सरकार ने दिल्ली सरकार की ट्रांसफर पोस्टिंग का पावर ही छीन लिया है. ये अध्यादेश राज्यों की विधानसभाओं से पास न हो सके इसलिए अरविंद केजरीवाल ने कोलकाता सीएम ममता बनर्जी, उद्धव ठाकरे, शरद पवार से मुलाकात कर चुके हैं. इसी कड़ी में कांग्रेस शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात का वक्त भी मांगा है. लेकिन अब कांग्रेस केजरीवाल को उनका 'भूतकाल' याद दिला रही है.