नई दिल्ली: नतीजों के बाद विधायकों को एकजुट (keep legislators united) रखने के लिए कांग्रेस ने कमर कस ली है. सूत्रों के अनुसार इन तीनों राज्यों के प्रभारी और चुनाव पर्यवेक्षक आलाकमान के निर्देशानुसार इन प्रदेशों में मौजूद होंगे और तोड़-फोड़ की किसी भी चुनौती से निपटने के लिए प्रयास करेंगे.
सूत्रों ने बताया कि उत्तराखंड के लिए राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र हुड्डा को विशेष पर्यवेक्षक बनाया गया है जो मंगलवार को देहरादून पहुंच सकते हैं. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी जल्द ही उत्तराखंड पहुंचेंगे. उत्तरांखड विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के वरिष्ठ पर्यवेक्षक मोहन प्रकाश ने बताया कि वह भी मंगलवार को देहरादून पहुंच रहे हैं.
कांग्रेस सूत्रों ने यह भी बताया कि अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों में पार्टी के प्रतिनिधियों को भी तैनात किया जा रहा है जो खंडित जनादेश आने की स्थिति में निर्वाचित विधायकों को लेकर संबंधित प्रदेशों की राजधानियों में पहुंचेंगे जिसके बाद उन्हें जरूरत पड़ने पर जयपुर या रायपुर भी ले जाया जा सकता है. कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि हम नहीं चाहते कि कोई कोर कसर रह जाए. गोवा में 2017 में जो हुआ, वो इस बार नहीं हो सकेगा क्योंकि हम पूरी तैयारी कर रहे हैं.
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गोवा के पिछले विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस सबसे बड़े दल के रूप में उभरी थी, लेकिन भाजपा कुछ स्थानीय दलों के साथ मिलकर सरकार बनाने में सफल रही. गोवा और उत्तराखंड की विधानसभा के लिए 14 फरवरी और पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए 20 फरवरी को मतदान हुआ था. मतगणना 10 मार्च को होगी.
(पीटीआई-भाषा)