उदयपुर. जुलाई 2020 में राजस्थान के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व उप मुख्यमंत्री रहे सचिन पायलट की नाराजगी के चलते जब पहले समर्थक विधायक मानेसर चले गए ,तो लगातार ये आरोप लगे कि भाजपा ने कांग्रेस विधायकों के साथ खरीद-फरोख्त कर सरकार गिराने का प्रयास किया जा रहा है. आज करीब 2 साल निकल जाने के बाद भी इन आरोपों से कांग्रेस विधायक मुक्त नहीं हो पाई है. चिंतन शिविर (congress nav sankalp Shivir) के ठीक पहले रणदीप सिंह सुरजेवाला (Surjewala in Udaipur) ने आज एक बार फिर उस दर्द भरे दौर को कुरेदा है. प्रेस कॉन्फ्रेस में उन्होंने अपनी राय जाहिर की.
'70 साल में कांग्रेस ने ऐसा नहीं किया?': सुरजेवाला ने दावा किया कि कांग्रेस ने कभी ऐसा नहीं किया. 70 साल के इतिहास का जिक्र करते हुए मीडिया से पूछा- क्या 70 साल में कभी दिल्ली की सरकार ने 30-30 करोड़ (horse trading By BJP) में विधायक खरीद कर सरकारों को गिराने का षडयंत्र किया था, जिसका कोप भाजन राजस्थान भी बना था. वर्तमान परिस्थिति को उन्होंने चुनौती करार दिया. कहा- हमारे सामने तो चुनौती है ही क्योंकि हमें नफरत की खेती को काटकर वोट बटोरने की राजनीति के खिलाफ भी रास्ता ढूंढना है.
'जहर बो रही भाजपा': सुरजेवाला ने साम्प्रदायिक मुद्दे भुनाने का आरोप भाजपा पर लगाया. इसे चुनावी राज्यों में अपनाए गए पैटर्न का नाम दिया. बोले- जिन राज्यों में चुनाव है वहां हिंदू मुस्लिम करवाने का पैटर्न अपना रखा है. अब राजस्थान में यही हो रहा है. सबसे उदार,समावेशी और सनातन हिन्दू धर्म के नाम पर तुष्टीकरण की राजनीति की जा रही है. सुरजेवाला ने कहा की भाजपा को इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि कोरोना में आपके बच्चों को शिक्षा मिली या नहीं, भाजपा केवल उदार हृदय हिंदू धर्म (Surjewala on Hindu) का नाम लेकर उसके नाम पर नफरत की खेती कर रही है. हिन्दू धर्म एक सभ्यता है और सभ्यता को षड्यंत्रकारी तरीके से दूषित करने का और नफरत के सहारे बंटवारा कर जहर बोने का काम भाजपा कर रही है.
'अब इलेक्शन स्टेट में हिन्दू मुस्लिम': सुरजेवाला ने कहा कि क्या कारण है कि अब चुनाव खत्म होने के बाद उत्तराखंड, उत्तर उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में दंगे नहीं हो रहे. कर्नाटक और राजस्थान जहां 1 साल बाद चुनाव होने हैं वहां इस तरह के हालात बन रहे हैं. जहां चुनाव संपन्न हो गए हैं वहां भाजपा का एजेंडा समाप्त हो गया है. क्या ये एक पैटर्न नहीं बन गया है कि जहां चुनाव होता है वहां लोगों को भड़काने और तुष्टीकरण की राजनीति करने के लिए ऐसी घटनाएं होती है.