नई दिल्ली : कांग्रेस ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पद से तीरथ सिंह रावत के इस्तीफे के बाद शनिवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर 'सत्ता की बंदरबांट' करने का आरोप लगाया और दावा किया कि खिलौनों की तरह मुख्यमंत्री बदलने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा जिम्मेदार हैं.
पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि '2017 में बीजेपी ने उत्तराखंड में सरकार बनाई. लेकिन राज्य के विकास के लिए काम करने की बजाय वे सत्ता के भूखे रहे. पिछले साढ़े चार साल में 2 मुख्यमंत्री बदल गए है. अब उत्तराखंड की जनता चुनाव का इंतजार कर रही है ताकि वह स्थिर और प्रगतिशील सरकार के लिए कांग्रेस को मौका दे सके.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने आरोप लगाया कि भाजपा ने उत्तराखंड की जनता का अपमान किया है और राज्य को राजनीतिक अस्थिरिता में झोंक दिया है.
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, उत्तराखंड की देवभूमि, भाजपा की सत्ता की लालच, सत्ता की मलाई के लिए होड़ और भाजपा की विफलता का उदाहरण बनती जा रही है.
सुरजेवाला ने दावा किया, राज्य के लोगों ने पूर्ण बहुमत देकर भाजपा को सरकार बनाने का मौका दिया, लेकिन भाजपा ने सिर्फ सत्ता की मलाई बांटने और सत्ता की बंदरबाट करने का काम किया. भाजपा के लिए यह अवसर सत्ता की मलाई चखने का अवसर बन गया.
उन्होंने दिल्ली, कर्नाटक और मध्य प्रदेश में अतीत की भाजपा सरकारों में कई मुख्यमंत्रियों को बदलने जाने का उल्लेख करते हुए कहा, 'भाजपा का एक ही कार्यकाल में मुख्यमंत्री बदलने का इतिहास है. भाजपा खिलौनों की तरह मुख्यमंत्री बदलती है. यही उत्तराखंड में हो रहा है.'
सुरजेवाला ने कसा तंज
सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि इस स्थिति के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जेपी नड्डा जिम्मेदार हैं. उन्होंने भाजपा पर तंज कसते हुए कहा, भाजपा ने उत्तराखंड में पहले भी तीन-तीन मुख्यमंत्री बदले थे और इस बार भी तीसरा मुख्यमंत्री बनाने की तैयारी में हैं. हम तो कहेंगे कि अगले छह महीनों में दो-तीन और बदल दीजिए ताकि देश में सबसे ज्यादा मुख्यमंत्री बदलने का रिकॉर्ड बन जाए.
रावत ने साधा निशाना
कांग्रेस नेता हरीश रावत ने कहा कि कहा, 'भाजपा का हाईड्रामा उत्तराखंड की जनता का अपमान है. यह 2017 में सत्ता में आए थे. प्रधानमंत्री ने डबल इंजन की सरकार देने का वादा किया था. लेकिन उत्तराखंड के हिस्से दो पूर्व मुख्यमंत्री जुड़ गए और आज एक नेता और पूर्व मुख्यमंत्री होने के लिए चयनित होगा.' उन्होंने आरोप लगाया, 'भाजपा ने न तो उत्तराखंड की किसी समस्या का समाधान नहीं है. आज उत्तराखंड से पलायन नहीं रुका, राज्य में सबसे अधिक बेरोजगारी है. विकास पूरी तरह ठप्प है.'
हरीश रावत के मुताबिक, बुखार होने की वजह से वह संवाददाता सम्मेलन में नहीं पहुंच सके, इसलिए उन्होंने टेलीफोन के माध्यम से पत्रकारों से बातचीत की. कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव ने आरोप लगाया, 'यह भाजपा नेतृत्व की लापरवाही और नासमझी है. एक ऐसे मुख्यमंत्री को उत्तराखंड पर थोपा गया कि जो विधानसभा का सदस्य नहीं है. भाजपा ने खुशहाल देवभूमि को बदहाल करने के लिए यह सब किया है.'
भाजपा ने खुशहाल देवभूमि को बदहाल किया : यादव
कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव ने आरोप लगाया, 'यह भाजपा नेतृत्व की लापरवाही और नासमझी है. एक ऐसे मुख्यमंत्री को उत्तराखंड पर थोपा गया कि जो विधानसभा का सदस्य नहीं है. भाजपा ने खुशहाल देवभूमि को बदहाल करने के लिए यह सब किया है.'
पढ़ें : ...अगर ऐसा हुआ तो तीरथ के बाद क्या ममता भी छोड़ देंगी कुर्सी?
उत्तराखंड कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा, 'तीरथ सिंह रावत ने 10 मार्च को सीएम पद की शपथ ली थी. संविधान के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति सदन का सदस्य नहीं है तो उसे 6 महीने के भीतर निर्वाचित होना होगा. तीरथ सिंह रावत ने एक मौका था कि वह विधानसभा उपचुनाव लड़कर सदन के सदस्य बन सकते थे और इस संकट से बचा जा सकता था.'
ममता को रोकने के लिए किया ऐसा : महारा
उत्तराखंड विधानसभा में कांग्रेस के उप नेता प्रतिपक्ष करन महारा ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा का मुख्य उद्देश्य पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी को निशाना बनाना था, क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि उन्हें चुनाव में भी नहीं चुना जाना चाहिए. उन्होंने कहा, 'जिसने प्रधानमंत्री को चुनौती दी, हम सभी जानते हैं कि उसे बर्दाश्त नहीं किया गया. हमने देखा है कि लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी के साथ क्या हुआ था. अब पीएम उन्हें रोकने के लिए संवैधानिक निकायों का दुरुपयोग कर रहे हैं.'
तीरथ सिंह रावत ने दिया था इस्तीफा
गौरतलब है कि उत्तराखंड में पैदा हुए संवैधानिक संकट के बीच मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने चार माह से भी कम समय तक पद पर रहने के बाद शुक्रवार देर रात राज्यपाल बेबी रानी मौर्य को अपना इस्तीफा सौंप दिया.
राजभवन पहुंचकर अपना इस्तीफा देने के बाद मुख्यमंत्री रावत ने संवाददाताओं को बताया कि उनका इस्तीफा देने की मुख्य वजह संवैधानिक संकट था जिसमें निर्वाचन आयोग के लिए उपचुनाव कराना मुश्किल था.
उन्होंने कहा, संवैधानिक संकट की परिस्थितियों को देखते हुए मैंने अपना इस्तीफा देना उचित समझा.
(भाषा इनपुट के साथ)