अलप्पुझा (केरल) : कांग्रेस अध्यक्ष पद (Congress presidential poll) के लिए शशि थरूर (Shashi Tharoor) के किस्मत आजमाने की खबरें केरल में पार्टी के नेताओं को रास नहीं आई हैं और एक वरिष्ठ नेता ने मंगलवार को इसे तिरुवनंतपुरम के सांसद का निजी फैसला करार दिया. वहीं, पार्टी के एक अन्य नेता ने कहा कि राज्य इकाई केवल उसे ही वोट देगी जो नेहरू परिवार के महत्व को स्वीकार करता हो.
कोडिकुन्निल सुरेश और के. मुरलीधरन ने थरूर के चुनाव लड़ने के संकेत देने के बाद यहां 'भारत जोड़ो यात्रा' से इतर परोक्ष रूप से अप्रसन्नता जाहिर की. दोनों सांसदों ने स्पष्ट किया कि कांग्रेस की राज्य इकाई चाहती है कि राहुल गांधी पार्टी के शीर्ष पद को स्वीकार करें.
सुरेश ने यहां संवाददाताओं से कहा, 'अगर वह (राहुल) पद की जिम्मेदारी नहीं संभालना चाहते हैं तो किसी ऐसे व्यक्ति को पदासीन किया जाना चाहिए जो अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) में और पार्टी के अधिकतर नेताओं तथा कार्यकर्ताओं के बीच स्वीकार्य हो. केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी और हम सबकी यही इच्छा है.'
सात बार के लोकसभा सदस्य सुरेश ने कहा कि जहां तक थरूर की उम्मीदवारी की बात है तो यह निर्णय उन्होंने लिया है और यह अभी स्पष्ट नहीं है कि उन्होंने इस संबंध में पार्टी स्तर पर कोई विचार-विमर्श किया है या नहीं. उन्होंने कहा कि पार्टी अध्यक्ष के चुनाव में थरूर की उम्मीदवारी को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा.
पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश ने कहा कि जहां तक पार्टी की बात है, तो ऐसे व्यक्ति को चुनने की परंपरा रही है जो पार्टी में अधिकतर नेताओं और कार्यकर्ताओं की पसंद हो. उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि थरूर के चुनाव लड़ने से पार्टी में कोई संकट नहीं आएगा.'
मुरलीधरन ने कही ये बात : इस बीच, पार्टी के लोकसभा सदस्य के. मुरलीधरन ने कहा कि केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रतिनिधि उसी व्यक्ति को अपना वोट देंगे जो नेहरू-गांधी परिवार के महत्व को स्वीकार करता हो. उन्होंने यह इच्छा भी जताई कि राहुल गांधी को एक बार फिर से पार्टी की कमान संभालनी चाहिए. साथ ही, उन्होंने कहा कि उनका (राहुल का) अध्यक्ष बनने से इनकार करना सभी के लिए चिंता का विषय है.
मुरलीधरन ने संवाददाताओं से कहा, 'राहुल गांधी के अध्यक्ष पद ग्रहण करने से किसी कोई आपत्ति नहीं है. लेकिन इस पद को स्वीकार करना या नहीं करना, पूरी तरह उन्हीं पर निर्भर करता है.'
लोकसभा सदस्य ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव के बारे में तस्वीर तो अब 30 सितंबर को नामांकन की प्रक्रिया संपन्न होने के बाद ही साफ हो पाएगी. इसके अगले दिन 'भारत जोड़ो यात्रा' केरल की सीमा को पार कर कर्नाटक में प्रवेश कर जाएगी. मुरलीधरन ने कहा, 'वैसे भी, हम केवल उन्हें चुनेंगे जो नेहरू परिवार के महत्व को स्वीकार करते हैं.'
गौरतलब है कि कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए अगर चुनाव होता है तो यह 22 साल बाद इस तरह का मुकाबला होगा. सोमवार को वरिष्ठ नेता शशि थरूर के पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात कर चुनाव लड़ने की अपनी इच्छा जताने के बाद, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के भी चुनावी रण में उतरने के संकेत मिल रहे हैं.
22 सितंबर को जारी की जाएगी अधिसूचना : सूत्रों के मुताबिक, थरूर ने सोमवार को पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात कर उन्हें अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने की अपनी इच्छा से अवगत कराया, जिस पर सोनिया ने कहा कि उनकी भूमिका तटस्थ रहेगी. कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए अधिसूचना 22 सितंबर को जारी की जाएगी और नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया 24 से 30 सितंबर तक चलेगी. नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि आठ अक्टूबर है. एक से अधिक उम्मीदवार होने पर 17 अक्टूबर को मतदान होगा और नतीजे 19 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे.
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(पीटीआई-भाषा)