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मणिपुर: कांग्रेस पार्टी मतगणना से पहले उम्मीदवारों को एकजुट रखने की रणनीति पर कर रही है काम - मणिपुर कांग्रेस उम्मीदवार एकजुट रणनीति

मणिपुर में कांग्रेस 10 मार्च को होने वाली मतगणना से पहले अपने उम्मीदवारों को एकजुट रखने की रणनीति पर काम कर रही है (Congress planning to keep candidates together). पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने नाम न छापने की शर्त पर यह बात कही और कहा कि एआईसीसी (AICC ) के कुछ वरिष्ठ नेता बुधवार को राज्य में पहुंच रहे हैं.

Congress planning to keep candidates together to avoid poaching attempt
मणिपुर: कांग्रेस पार्टी मतगणना से पहले उम्मीदवारों को एकजुट रखने की रणनीति पर कर रही है काम
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Published : Mar 9, 2022, 1:09 PM IST

इंफाल: मणिपुर में कांग्रेस 10 मार्च को होने वाली मतगणना से पहले अपने उम्मीदवारों को एकजुट रखने की रणनीति पर काम कर रही है (Congress planning to keep candidates together). पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने नाम न छापने की शर्त पर यह बात कही और कहा कि एआईसीसी (AICC ) के कुछ वरिष्ठ नेता बुधवार को राज्य में पहुंच रहे हैं.

10 मार्च को विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद भाजपा द्वारा उम्मीदवारों के कथित अवैध खरीद- फरोख्त को रोकने के लिए यह कदम उठाया गया. जिस पार्टी ने 2017 तक लगातार तीन बार राज्य पर शासन किया था, वह 2017 में बीजेपी से पिछला विधानसभा चुनाव हार गई थी. इस साल पार्टी ने मणिपुर की 60 विधानसभा सीटों पर 53 उम्मीदवारों को उतारा है.

ये भी पढ़ें- एग्जिट पोल : यूपी में क्यों नहीं बही 'बदलाव की बयार'

कांग्रेस पार्टी ने पिछले साल असम विधानसभा चुनाव के दौरान भी इसी तरह की रणनीति अपनाई थी. ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) के साथ गठबंधन में असम विधानसभा चुनाव लड़ने वाली पार्टी ने भाजपा द्वारा कथित खरीद- फरोख्त से बचने के लिए मतगणना से पहले अपने (कांग्रेस) और एआईयूडीएफ उम्मीदवारों को राजस्थान भेज दिया था.

इंफाल: मणिपुर में कांग्रेस 10 मार्च को होने वाली मतगणना से पहले अपने उम्मीदवारों को एकजुट रखने की रणनीति पर काम कर रही है (Congress planning to keep candidates together). पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने नाम न छापने की शर्त पर यह बात कही और कहा कि एआईसीसी (AICC ) के कुछ वरिष्ठ नेता बुधवार को राज्य में पहुंच रहे हैं.

10 मार्च को विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद भाजपा द्वारा उम्मीदवारों के कथित अवैध खरीद- फरोख्त को रोकने के लिए यह कदम उठाया गया. जिस पार्टी ने 2017 तक लगातार तीन बार राज्य पर शासन किया था, वह 2017 में बीजेपी से पिछला विधानसभा चुनाव हार गई थी. इस साल पार्टी ने मणिपुर की 60 विधानसभा सीटों पर 53 उम्मीदवारों को उतारा है.

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कांग्रेस पार्टी ने पिछले साल असम विधानसभा चुनाव के दौरान भी इसी तरह की रणनीति अपनाई थी. ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) के साथ गठबंधन में असम विधानसभा चुनाव लड़ने वाली पार्टी ने भाजपा द्वारा कथित खरीद- फरोख्त से बचने के लिए मतगणना से पहले अपने (कांग्रेस) और एआईयूडीएफ उम्मीदवारों को राजस्थान भेज दिया था.

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