नई दिल्ली: चंद्रयान-3 की सफलता का जश्न जहां पूरे देश में जोर-शोर से मनाया जा रहा है और देश की सत्ताधारी पार्टी भी देश के अलग-अलग भागों में इसकी सफलता पर कार्यक्रमों के आयोजन कर रही है, वहीं कांग्रेस लगातार मून मिशन को आगे बढ़ाने का श्रेय अपनी पार्टी के पूर्व प्रधानमंत्रियों को दे रही है, साथ ही इसरो के स्थापना का सारा क्रेडिट भी पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को दे रही है.
कांग्रेस पार्टी का मानना है कि आज चंद्रयान-3 मिशन की सफलता भी उसी वजह से हो पाई है, लेकिन बीजेपी, कांग्रेस सहित विपक्षी पार्टियों के बयान पर ज्यादा टिप्पणी करने से बचती हुई दिखाई दे रही है. मगर जहां तक बात मून मिशन पर श्रेय लेने की है तो कांग्रेस भी इसमें कहीं पीछे नहीं रहना चाहती है. एक के बाद एक ट्वीट के माध्यम से कांग्रेस देशवासियों को यह जताने में कहीं पीछे नहीं रहना चाहती कि आज जो चंद्रयान-3 की सफलता पर भारतीय जनता पार्टी की सरकार श्रेय ले रही है, उसकी सफलता के पीछे कांग्रेस के पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू या श्रीमती इंदिरा गांधी और उन तमाम लोगों की मेहनत भी छिपी है, तभी यह संभव हो पाया है.
गुरुवार को चंद्रयान की सफलता के बाद जब भाजपा मुख्यालय में इस पर राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा से प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ये सवाल किया गया तो उन्होंने इस पर टिपण्णी करते हुए कहा कि इस मुद्दे पर जहां अलग-अलग देशों से प्रधानमंत्री को शुभकामनाएं मिल रही और ये भारत के लिए गर्व का विषय है, ऐसे में यह मुद्दा आपसी आरोप-प्रत्यारोप का नहीं और इस मुद्दे पर सभी को सबसे पहले ये सोचना है कि हम सब भारतीय है.
उन्होंने कहा कि इसमें कोई दो-राय नहीं है कि देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के समय स्पेस रिसर्च की आधारशिला रखी गई थी और उन्हीं के समय में ही इसरो का बेस भी तैयार किया गया था. जिसने बाद में इंदिरा गांधी के कार्यकाल में आकार लिया. इंदिरा गांधी के समय में ही देश का पहला उपग्रह आर्यभट्ट और दूसरा उपग्रह भास्कर स्पेस में छोड़ा गया और भारत ने वैश्विक स्तर पर बड़ी उपलब्धि हासिल भी की थी.
पात्रा ने कहा कि यही वजह है कि कांग्रेस बार-बार ट्वीट कर इस सफलता से पहले की सफलताओं और कार्यों को लोगों को ट्विटर पर बता रही है और शायद यही वजह है कि बीजेपी फिलहाल इस डिबेट में फंसना नहीं चाहती. भविष्य में जाकर चंद्रयान-3 की सफलता को भारतीय जनता पार्टी भले ही मोदी सरकार की बड़ी उपलब्धियां में से एक इस मुद्दे को गिनाए, लेकिन फिलहाल इस मुद्दे पर देश के अंदर राजनीतिक बयानबाजी में फंसकर इतनी बड़ी सफलता को आरोप-प्रत्यारोप के मुद्दे में नहीं जाने देना चाहती.