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कांग्रेस पार्टी के नेता शशि थरूर ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को कहा धन्यवाद, जानें है इसकी वजह

कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने अपनी एक सोशल मीडिया पोस्ट में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को धन्यवाद दिया है. उन्होंने कैंसर पीड़ित एक बच्चे की दवा पर जीएसटी पर छूट देने के लिए उनको शुक्रिया कहा है.

Shashi Tharoor and Nirmala Sitharaman
शशि थरूर और निर्मला सीतारमण
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Published : Mar 29, 2023, 10:25 PM IST

Updated : Mar 29, 2023, 10:37 PM IST

नई दिल्ली: कांग्रेस पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के बीच इन दिनों कांग्रेस नेता व सांसद राहुल गांधी की अयोग्यता के मुद्दे को लेकर बयानों की जंग चल रही है. लेकिन इन सबके बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और लोकसभा सांसद शशि थरूर ने इस वादयुद्ध के बीच भाजपा और कांग्रेस के बीच सहयोग का एक दुर्लभ उदाहरण साझा किया. उन्होंने हाल ही में अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक पोस्ट किया है.

अपने ट्विटर अकाउंट पर उन्होंने एक कहानी साझा की कि कैसे उन्होंने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की मदद से एक परिवार को अपनी बेटी को कैंसर की खतरनाक बिमारी से बचाने में मदद की है. थरूर ने अपने इस पोस्ट में खुलासा किया है कि उन्होंने सीतारमण को लिखा था कि एक कैंसर रोगी के लिए कुछ आवश्यक जीवन रक्षक दवाओं के लिए जीएसटी से छूट दी जाए और उनका वह अनुरोध स्वीकार कर लिया गया था.

थरूर ने सीतारमण और उनके निजी सचिव सरन्या भूटिया को धन्यवाद देते हुए कहा कि उन्होंने सरकार में, राजनीति में और सबसे बढ़कर मानवता में मेरे विश्वास की पुष्टि की है. उन्होंने बताया कि एक युवा जोड़ा, जो अपनी बच्ची की मदद के लिए थरूर के पास आया था. उनकी बच्ची हाई-रिस्क न्यूरोब्लास्टोमा नामक दुर्लभ प्रकार के कैंसर से पीड़ित थी. उसकी जान बचाने का एकमात्र तरीका दीनटुक्सिमाब बीटा (क़रज़ीबा) का एक शॉट था, जिसकी कीमत 10 लाख रुपये प्रति शीशी है.

उन्होंने बताया कि बच्ची के माता-पिता किसी तरह दवा आयात करने के लिए धन जुटाने में कामयाब रहे, लेकिन वे मुंबई हवाईअड्डे पर इसकी रिहाई के लिए आवश्यक 7 लाख रुपये जीएसटी का भुगतान करने में असमर्थ थे. भुगतान किए जाने तक सीमा शुल्क उनकी खेप जारी नहीं करेगा. थरूर, जो परिवार की दुर्दशा से हिल गए थे, उन्होंने मानवीय आधार पर जीएसटी छूट का अनुरोध करते हुए सीतारमण को पत्र लिखा.

हालांकि, पत्र पर तुरंत ध्यान नहीं दिया गया और स्थिति अत्यावश्यक हो गई, क्योंकि दवा खराब होने वाली थी और सीमा शुल्क की हिरासत में खराब हो जाएगी. थरूर ने स्थिति स्पष्ट करने के लिए सीतारमण को फोन करने का फैसला किया. उन्होंने कहा कि 'मैंने उन्हें बताया कि यह बच्चा तुरंत अपने अधिकार का प्रयोग करने पर निर्भर करता है.' सीतारमण के साथ थरूर की बातचीत के आधे घंटे के भीतर, उन्हें उनकी निजी सचिव सरन्या भूटिया का फोन आया.

पढ़ें: Summit For Democracy : भारत लोकतंत्र की जननी, प्राचीन काल से ही रहा है नेताओं के निर्वाचन का विचार: प्रधानमंत्री मोदी

स्थिति पर केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड के साथ चर्चा की गई, और 'मानवीय आधार' पर जीएसटी में छूट दी गई. थरूर ने लिखा कि 'परिवार इंजेक्शन लगवाएगा, बच्चा जीवित रहेगा और हमारा राजकोष एक छोटे बच्चे को जीवन और खुशी देने के लिए जीएसटी आय में 7 लाख रुपये का त्याग करेगा.'

नई दिल्ली: कांग्रेस पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के बीच इन दिनों कांग्रेस नेता व सांसद राहुल गांधी की अयोग्यता के मुद्दे को लेकर बयानों की जंग चल रही है. लेकिन इन सबके बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और लोकसभा सांसद शशि थरूर ने इस वादयुद्ध के बीच भाजपा और कांग्रेस के बीच सहयोग का एक दुर्लभ उदाहरण साझा किया. उन्होंने हाल ही में अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक पोस्ट किया है.

अपने ट्विटर अकाउंट पर उन्होंने एक कहानी साझा की कि कैसे उन्होंने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की मदद से एक परिवार को अपनी बेटी को कैंसर की खतरनाक बिमारी से बचाने में मदद की है. थरूर ने अपने इस पोस्ट में खुलासा किया है कि उन्होंने सीतारमण को लिखा था कि एक कैंसर रोगी के लिए कुछ आवश्यक जीवन रक्षक दवाओं के लिए जीएसटी से छूट दी जाए और उनका वह अनुरोध स्वीकार कर लिया गया था.

थरूर ने सीतारमण और उनके निजी सचिव सरन्या भूटिया को धन्यवाद देते हुए कहा कि उन्होंने सरकार में, राजनीति में और सबसे बढ़कर मानवता में मेरे विश्वास की पुष्टि की है. उन्होंने बताया कि एक युवा जोड़ा, जो अपनी बच्ची की मदद के लिए थरूर के पास आया था. उनकी बच्ची हाई-रिस्क न्यूरोब्लास्टोमा नामक दुर्लभ प्रकार के कैंसर से पीड़ित थी. उसकी जान बचाने का एकमात्र तरीका दीनटुक्सिमाब बीटा (क़रज़ीबा) का एक शॉट था, जिसकी कीमत 10 लाख रुपये प्रति शीशी है.

उन्होंने बताया कि बच्ची के माता-पिता किसी तरह दवा आयात करने के लिए धन जुटाने में कामयाब रहे, लेकिन वे मुंबई हवाईअड्डे पर इसकी रिहाई के लिए आवश्यक 7 लाख रुपये जीएसटी का भुगतान करने में असमर्थ थे. भुगतान किए जाने तक सीमा शुल्क उनकी खेप जारी नहीं करेगा. थरूर, जो परिवार की दुर्दशा से हिल गए थे, उन्होंने मानवीय आधार पर जीएसटी छूट का अनुरोध करते हुए सीतारमण को पत्र लिखा.

हालांकि, पत्र पर तुरंत ध्यान नहीं दिया गया और स्थिति अत्यावश्यक हो गई, क्योंकि दवा खराब होने वाली थी और सीमा शुल्क की हिरासत में खराब हो जाएगी. थरूर ने स्थिति स्पष्ट करने के लिए सीतारमण को फोन करने का फैसला किया. उन्होंने कहा कि 'मैंने उन्हें बताया कि यह बच्चा तुरंत अपने अधिकार का प्रयोग करने पर निर्भर करता है.' सीतारमण के साथ थरूर की बातचीत के आधे घंटे के भीतर, उन्हें उनकी निजी सचिव सरन्या भूटिया का फोन आया.

पढ़ें: Summit For Democracy : भारत लोकतंत्र की जननी, प्राचीन काल से ही रहा है नेताओं के निर्वाचन का विचार: प्रधानमंत्री मोदी

स्थिति पर केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड के साथ चर्चा की गई, और 'मानवीय आधार' पर जीएसटी में छूट दी गई. थरूर ने लिखा कि 'परिवार इंजेक्शन लगवाएगा, बच्चा जीवित रहेगा और हमारा राजकोष एक छोटे बच्चे को जीवन और खुशी देने के लिए जीएसटी आय में 7 लाख रुपये का त्याग करेगा.'

Last Updated : Mar 29, 2023, 10:37 PM IST
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