नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता विनय कुलकर्णी को भाजपा कार्यकर्ता की हत्या मामले में जमानत दे दी है. सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति यूयू ललित की अगुवाई वाली पीठ ने विनय कुलकर्णी को धारावाड़ न जाने का निर्देश दिया है. क्योंकि सभी गवाह वहीं के हैं और सीबीआई ने उनके साथ छेड़छाड़ की आशंका जताई है.
उन्हें सप्ताह में दो बार पुलिस और सीबीआई को रिपोर्ट करने के लिए भी कहा गया है. अगर सीबीआई को पता चलता है कि कुलकर्णी द्वारा जमानत का दुरुपयोग किया जा रहा है, तो वह इसके खिलाफ अपील कर सकती है.
मामले की सुनवाई मंगलवार को आंशिक रूप से की गई और फिर बुधवार को समाप्त हुई. सीबीआई ने अपने रुख को बरकरार रखा कि कुलकर्णी हत्या में शामिल हैं, सबूतों के साथ छेड़छाड़ की गई है और गवाहों को बरगलाया जा सकता है.
सीबीआई ने अदालत से कहा था कि अगर कुलकर्णी धारवाड़ जाते हैं तो वह फिर से गवाहों के साथ छेड़छाड़ करेंगे, इसलिए अदालत ने उन्हें बेंगलुरू की तरह कहीं और रहने के लिए कहा है. कुलकर्णी के वकीलों से जस्टिस यूयू ललित ने कहा कि आप एक राजनीतिक पदाधिकारी हैं, आप बेंगलुरु में रह सकते हैं.
जिला पंचायत चुनावों में अपने कांग्रेस प्रतिद्वंद्वी को हराने के बाद 15 जून 2016 को कुलकर्णी पर भाजपा कार्यकर्ता योगेश गौदार की हत्या के मामले में आरोपी हैं.