प्रयागराज : कांग्रेस की महासचिव यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी (Congress general secretary Priyanka Gandhi) ने गंगा के बीच में किया हुआ वादा पूरा कर दिया है. प्रियंका गांधी वाड्रा ने संगम में नाव चलाने वाले नाविक सुजीत निषाद को नई नाव दिलवाई है. नई नाव मिलने से सुजीत निषाद और उसका परिवार बेहद खुश और उत्साहित है.
मौनी अमावस्या के दिन प्रियंका गांधी ने किया था वादा
दरअसल, माघ मेले के दौरान कांग्रेस की यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा 11 फरवरी को संगम नगरी प्रयागराज पहुंची थी. यहां पर उन्होंने अरैल घाट से संगम तक का सफर सुजीत निषाद की नाव में ही सवार होकर तय किया था. इसी दौरान सुजीत ने प्रियंका को अपना दर्द बताया था कि उसके पास अपनी नाव नहीं है और वो किराए की नाव चलाता है. जिसके बाद प्रियंका गांधी ने सुजीत को नई नाव दिलवाने का वादा किया था. कांग्रेस महासचिव की तरफ से नाव बनाने के लिए करीब एक लाख रुपये सुजीत को दिए गए थे. जिसकी मदद से सुजीत ने नई नाव तैयार करवाई है. सुजीत के पास अब अपनी खुद की नाव हो गई है. अपनी खुद की नाव से सवारियों को संगम तक का सफर कराने से सुजीत की ज्यादा कमाई होने लगी है. क्योंकि अब सुजीत को नाव का किराया नहीं देना पड़ता है, जिससे उसकी कमाई बढ़ गई है.
नाव में लिखवाया प्रियंका गांधी वाड्रा का नाम
सुजीत को कांग्रेस पार्टी की महासचिव की तरफ से नई नाव दी गयी है, जिस वजह से उत्साहित होकर उसने अपनी पूरी नाव को ही कांग्रेस के रंग में रंगवा दिया है. इसके साथ ही नाव के ऊपर प्रियंका गांधी वाड्रा के द्वारा सप्रेम भेंट दिया जाना भी लिखा हुआ है. इसके साथ ही कांग्रेस के झंडे के रंग में रंगी हुई दिख रही है. नाविक सुजीत का कहना है कि दीदी ने अपना वादा पूरा किया है, जिससे उसके परिवार में खुशियां छा गई है. सुजीत का कहना है कि वह और उसके परिवार वाले अब कांग्रेस को ही वोट देंगे. इसके साथ ही अपने समाज और दूसरे लोगों से भी कांग्रेस को वोट देने के लिए अपील भी करेंगे. सुजीत का कहना है कि नई नाव मिलने से उसे जीविका चलाने का स्थानीय सहारा मिल गया है.
निषाद समुदाय को साधने का प्रयास
गौरतलब है कि प्रियंका गांधी ने नाविक से किये हुए वादे को पूरा करके कहीं न कहीं यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में निषाद समुदाय को साधने का एक बार फिर प्रयास किया है. इससे पहले फरवरी महीने में नावों को तोड़ने के मामले के बाद भी प्रियंका गांधी निषाद समुदाय को साधने के लिए नाविकों से मिलकर उनका दर्द जानने के लिए बसवार गांव भी गई थी. यहां पर उन्होंने निषाद समुदाय के हक के लिए हर लड़ाई लड़ने का वादा किया था. प्रियंका गांधी ने अपने वादे को 6 माह बाद पूरा कर सुजीत निषाद को नई नाव की सौगात दी है. लेकिन इस एक नाव के सहारे प्रियंका गांधी वॉड्रा निषाद समुदाय को कांग्रेस पार्टी के साथ किस हद तक जोड़ पाती हैं ये आने वाला वक्त बताएगा.