नई दिल्ली : राम मंदिर से जुड़े कथित जमीन घोटाले को लेकर विपक्षी पार्टियों द्वारा मंदिर ट्रस्टी के बहाने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधने का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ कि कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने भाजपा पर भ्रष्टाचार का एक और आरोप लगाया है.
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि राजस्थान में भाजपा की निलंबित मेयर सौम्या गुर्जर के पति राजाराम गुर्जर का कथित तौर पर वायरल वीडियो और ऑडियो सार्वजनिक करते हुए उन्हें भ्रष्टाचार में आकंठ लिप्त बताया.
जारी किए गए वीडियो में राजाराम गुर्जर कचरा साफ करने वाली कंपनी बीवीजी नागपुर के प्रतिनिधि से बात करते नजर आ रहे हैं. इन वीडियो में बीजेपी-आरएसएस नेता 276 करोड़ रुपये के भुगतान के लिए 10% कमीशन मांग रहे हैं.
पवन खेड़ा ने कहा कि आप भगवान राम के नाम पर भ्रष्टाचार में लिप्त नहीं हो सकते हो. भारत के लोग आपको माफ नहीं करेंगे. यह वह संगठन है जिसमें खुद को पंजीकृत करने का नैतिक साहस नहीं है. जिसमें आयकर देने की शालीनता नहीं है, जिसके पास सदस्यता रजिस्टर रखने का औचित्य नहीं है. ताकि यदि सदस्य रंगे हाथ पकड़ा जाए जो इनकार करना आसान हो जाए.
वसुंधरा राजे के कार्यकाल में बीवीजी कंपनी को कूड़ा उठाने का ठेका दिया गया था, जिसके बिल के भुगतान के लिए निलंबित मेयर सौम्या गुर्जर और भाजपा के तीन कार्यकर्ताओं पर नगर आयुक्त के साथ मारपीट का आरोप लगा था. एक अन्य ऑडियो में, भाजपा नेता राजा राम एक कचरा साफ करने वाली कंपनी के एक कर्मचारी पर चिल्ला रहे थे और उनसे भुगतान जारी करने के लिए भाजपा के वरिष्ठ नेताओं नितिन गडकरी और देवेंद्र फडणवीस से बात ना करने को कह रहे थे.
क्या है मामला
जयपुर ग्रेटर नगर निगम से जुड़ा एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. वीडियो निवर्तमान महापौर सौम्या गुर्जर (Somya Gurjar) के पति राजाराम गुर्जर (Rajaram Gurjar) का बताया जा रहा है. हालांकि ईटीवी भारत इस वायरल वीडियो की पुष्टि नहीं करता है.
वायरल वीडियो में बीवीजी के अधिकारियों से 20 करोड़ रुपए के कमीशन पर बात हो रही है. बीवीजी कंपनी का करीब 276 करोड़ रुपए का पेमेंट बताया जा रहा है. वायरल वीडियो में बकाया पेमेंट रिलीज कराने के लिए राजाराम गुर्जर और बीवीजी (BVG कंपनी) के अधिकारियों के बीच बात हो रही है. पेमेंट के बदले 20 करोड़ रुपए रिश्वत की डील हो रही है.
दरअसल, साल 2017 में तत्कालीन महापौर अशोक लाहोटी ने राजधानी में BVG कंपनी के जरिए डोर टू डोर कचरा संग्रहण करने की योजना की शुरुआत की थी. तभी से इस व्यवस्था का विवादों के साथ चोली दामन का साथ रहा, जो अब तक जारी है. बीते कुछ महीनों से तो विवाद और गर्मा सा गया है. राजधानी में करीब 527 डोर टू डोर कचरा संग्रहण करने वाली गाड़ियां संचालित हैं. इनमें से BVG की गाड़ियां महज 106 हैं, जबकि 421 गाड़ियां उन वेंडर्स की हैं जिन्हें BVG ने सबलेट किया है, जोकि नियम विरुद्ध है. निगम की दलील है कि कंपनी की तरफ से डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण योजना के तहत जो सेवा दी गई वो तय मानकों पर नहीं थी इसलिये ये पेमेंट रोकी गई है. कुल मिलाकर ये 276 करोड़ रुपये बीवीजी कंपनी द्वारा डोर टू डोर कचरा संग्रहण योजना के तहत दी गई सेवा के बदले मांग रही है.
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वायरल वीडियो में तारीख भी लिखी हुई आ रही है, जो कि 20 अप्रैल 2021 का बताया जा रहा है. ग्रेटर नगर निगम (Greater Nagar Nigam) में चल रही पॉलिटिक्स के बीच एक नया मामला उजागर हुआ है. वीडियो को लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं तेज हो गई हैं. सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो को लेकर लोगों में भी कई तरह की चर्चाएं हो रही है.
पिछले दिनों बीवीजी कंपनी का बकाया भुगतान नहीं होने की वजह से कंपनी के कर्मचारी हड़ताल पर चले गए थे, जिसकी वजह से शहर में सफाई व्यवस्था चरमरा गई थी.
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