वाराणसी : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली के लिए किसानों के फसलों को काटने को निंदाजनक करार देते हुये वरिष्ठ कांग्रेस नेता अजय राय (ajay rai) ने कहा कि अनाज की बाली फूट रही फसलों को काट कर वहां राजनीतिक रैली आयोजित करना शर्मनाक अनैतिकता की पराकाष्ठा है.
पूर्व मंत्री अजय राय ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'अभी आये वैश्विक भूख इंडेक्स में भारत का स्थान पिछड़ता जा रहा है. इस हालात में किसान के पसीने एवं पूंजी से खड़ी हुई और अनाज की हरी बालियां लग चुकी फसल को काट कर वहां छद्म राजनीतिक मंसूबे के लिये जनता की गाढ़ी कमाई से रैली करना शर्मनाक ही नहीं, पाप और अनैतिकता की पराकाष्ठा भी है.'
राय ने कहा, 'भले ही किसानों को उनकी फसलों की कीमत प्रशासन दे रहा है, लेकिन वह जनता का ही पैसा है और उसे नैतिकता की कसौटी पर एक अक्षम्य अपराध कहा जायेगा.'
उन्होंने आरोप लगाया, 'लगभग तैयार हो चुकी खड़ी फसल को पैसे देकर नष्ट कराना अन्नपूर्णा का ही नहीं, किसान और किसान के बहे पसीने का भी अपमान है. लगातार किसान, कृषि और कृषि उत्पादन को रौंद रही सरकार के इस कारनामे की कांग्रेस कड़ी निंदा करती है.'
उन्होंने कहा, 'कई लोगों की जिंदगी ले लेना अथवा जीवन देने वाली अन्नपूर्णा मां को काट कर हर जगह मुआवजे की रकम अदा कर कर्तव्य की इति श्री मान लेने का चलन, भाजपा सरकार की सोच एवं चरित्र को उजागर करता है.'
उन्होंने कहा कि भारत की संस्कृति में अनाज के दाने को अन्नपूर्णा मां मानकर पूजा जाता है और अनाज का गिरा दाना भी उठाकर माथे लगाया जाता है और इसके साथ ही अनाज की फसलों एवं फल लगे वृक्षों की पूजा की जाती है. उन्होंने कहा कि हम मान रहे हैं कि वाराणसी में कांग्रेस की विगत सफल रैली से भी बड़ी रैली करना, सूबे की भाजपा सरकार के लिये बड़ी राजनीतिक प्रतिष्ठा का विषय बना हुआ है, लेकिन रैली के लिए और भी बड़े मैदान हैं.
राय ने कहा कि अगर मैदान नहीं भी हैं, तो उतनी ही बड़ी या कुछ छोटी ही रैली कर लेने और अन्नपूर्णा के धर्म का पालन करने से भाजपा सरकार की राजनीतिक शान घट नहीं जायेगी.
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(पीटीआई-भाषा)