नई दिल्ली : कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश में राज्य इकाई प्रमुख की नियुक्ति किए जाने के बाद से आक्रामक रुख अपनाते हुए कहा है कि पार्टी राज्य की सभी 80 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की योजना बना रही है. इसी कड़ी में राज्य इकाई के नए प्रमुख अजय राय ने 3 अक्टूबर को सीतापुर से 2024 लोकसभा चुनाव की तैयारियों की जिलेवार समीक्षा शुरू करते हुए कहा कि हम सभी 80 सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं. राय द्वारा दावा किए जाने के बाद कि आने वाले दिनों में कई प्रमुख बसपा और सपा नेताओं के कांग्रेस में शामिल होने की संभावना है. पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि पश्चिमी यूपी में प्रभाव रखने वाले पूर्व बसपा नेता इमरान मसूद के जल्द ही सबसे पुरानी पार्टी में शामिल होने की संभावना है.
इस संबंध में राज्य के वरिष्ठ नेता पीएल पुनिया ने बताया कि हां यह सही है. मसूद के पार्टी में शामिल होने की संभावना है. मैं यह नहीं कह रहा हूं कि उनका पूरे राज्य में प्रभाव है, लेकिन निश्चित रूप से पश्चिमी यूपी के सहारनपुर क्षेत्र और उसके आसपास की लगभग सात या आठ विधानसभा सीटों पर उनका प्रभाव है. वहीं राज्यसभा सदस्य और राज्य के वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि मैंने भी ऐसा सुना है. इमरान मसूद एक प्रभावशाली नेता हैं.
पुनिया ने कहा कि कांग्रेस आने वाले दिनों में यूपी में खुद को और अधिक आक्रामक रूप से पेश करेगी और दावा किया कि मुस्लिम राष्ट्रीय चुनावों के लिए सबसे पुरानी पार्टी का समर्थन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि मुसलमानों का कहना है कि हम 2024 में भाजपा को हराने के लिए कांग्रेस का समर्थन करेंगे, भले ही सबसे पुरानी पार्टी अपने दम पर लोकसभा चुनाव लड़े. लेकिन वे यह भी बताते हैं कि यह अच्छा होगा अगर भारत गठबंधन एक साथ चुनाव लड़े. कांग्रेस के दिग्गज नेता ने कहा कि कई बसपा और सपा नेताओं के पश्चिमी यूपी में सबसे पुरानी पार्टी में शामिल होने की संभावना है क्योंकि मतदाताओं ने मायावती की योजना को समझ लिया है.
पुनिया ने कहा कि मायावती बीजेपी का समर्थन करती हैं और मतदाताओं ने यह देखा है. मसूद ने 2022 के विधानसभा चुनावों से पहले बसपा में शामिल होने के लिए कांग्रेस छोड़ दी थी, लेकिन पार्टी विरोधी गतिविधियों (कांग्रेस नेताओं की प्रशंसा पढ़ें) के कारण अगस्त में मायावती ने उन्हें निष्कासित कर दिया था. तभी से अटकलें लगाई जा रही हैं कि वह कांग्रेस में लौटने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन जहां नरेंद्र मोदी के खिलाफ वाराणसी से 2014 का लोकसभा चुनाव लड़ने वाले अजय राय ने सहयोगी दलों सपा और रालोद के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाया है, वहीं प्रमोद तिवारी अपनी प्रतिक्रिया में सतर्क दिखे. प्रमोद तिवारी ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर भारत गठबंधन है और राज्य में सीट बंटवारे पर चर्चा हो रही है. हम उन सीटों पर मजबूती से चुनाव लड़ेंगे जो हमें मिलेंगी लेकिन मैं संख्या का अनुमान नहीं लगाना चाहता.
पार्टी के सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस उन 80 सीटों में से 23 सीटें मांग रही है जो उसने 2009 के लोकसभा चुनावों में जीती थीं. जिस दिन राय ने पदभार संभाला था, उन्होंने यह कहकर हलचल पैदा कर दी थी कि पूर्व पार्टी प्रमुख राहुल गांधी अपनी पारंपरिक सीट अमेठी से चुनाव लड़ेंगे और यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा वाराणसी में पीएम मोदी को चुनौती दे सकती हैं. तिवारी ने कहा कि देखिए, गांधी परिवार के सदस्यों से जुड़े फैसले परिवार ही लेता है, कोई एआईसीसी या पीसीसी नेता नहीं.
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