नई दिल्ली : कांग्रेस ने गुरुवार को कहा कि उसे चुनावी राज्य मध्य प्रदेश में भारी समस्या का सामना करना पड़ रहा है, जहां हाल ही में पार्टी टिकटों के लिए भीड़ देखी गई है (Congress facing rush of ticket seekers in Madhya Pradesh).
मध्य प्रदेश के एआईसीसी प्रभारी जेपी अग्रवाल ने ईटीवी भारत से कहा कि 'राज्य की अधिकांश विधानसभा सीटों पर टिकट चाहने वालों की भीड़ है. हम जल्द ही टिकटों के लिए आवेदन लेना शुरू करेंगे.' उनके अनुसार, टिकट चाहने वालों की भीड़ मतदाताओं के बीच इस धारणा के मजबूत होने के कारण है कि सबसे पुरानी पार्टी राज्य में वापसी की राह पर है.
अग्रवाल ने कहा कि 'राज्य में मतदाताओं का मूड स्विंग है. वे बीजेपी से नाराज हैं. सत्ताधारी दल के नेताओं को भी इसका एहसास हो गया है और इसलिए वे कांग्रेस में शामिल होने के लिए कतार में हैं.'
अग्रवाल ने कहा कि 'यह अच्छा है जब एक सीट पर कई मजबूत उम्मीदवार हों. सर्वोत्तम उम्मीदवारों की पहचान के लिए राज्य और केंद्र दोनों स्तरों पर सर्वेक्षण पहले से ही चल रहे हैं.'
एआईसीसी प्रभारी ने कहा कि हालांकि चल रहे सर्वेक्षण आंतरिक अभ्यास हैं, औपचारिक प्रक्रिया तब शुरू होगी जब पार्टी प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे मध्य प्रदेश के लिए स्क्रीनिंग पैनल का नाम घोषित करेंगे.
अग्रवाल ने कहा कि 'स्क्रीनिंग पैनल राज्य इकाई द्वारा अनुमोदित संभावित उम्मीदवारों के नामों की समीक्षा करेगा. टिकटों को अंतिम रूप देने से पहले शॉर्टलिस्ट किए गए नामों की केंद्रीय चुनाव समिति द्वारा जांच की जाएगी.'
उन्होंने कहा कि 'टिकट वितरण हमारी जीत की कुंजी होगी और केवल सर्वश्रेष्ठ उम्मीदवारों को ही मौका मिलना चाहिए. यदि किसी सीट पर कई मजबूत दावेदार हैं, तो उनके बीच आम सहमति बनाने में मदद के लिए एआईसीसी पर्यवेक्षकों को तैनात किया जाएगा.'
कांग्रेस के दिग्गज नेता ने बताया कि पार्टी 2018 में 114/230 सीटों के साथ सबसे बड़ी सीट बनकर उभरी थी. भाजपा के पास 104 सीटें थीं. इस बार पार्टी का लक्ष्य 150 सीटों का है. उस लक्ष्य को पूरा करने के लिए पार्टी यह भी तलाश रही है कि उन कठिन सीटों को कैसे जीता जाए जो कांग्रेस वर्षों से हार रही है.
66 सीटों के सर्वेक्षण के लिए चार वरिष्ठ नेता तैनात : अग्रवाल ने कहा कि 'कठिन 66 सीटों के सर्वेक्षण के लिए चार वरिष्ठ नेताओं को तैनात किया गया है. वे जल्द ही एक रिपोर्ट सौंपेंगे.' उपयुक्त उम्मीदवारों की पहचान करने के लिए जमीनी स्तर पर काम करने के अलावा, अग्रवाल ने एआईसीसी सचिवों को उन्हें आवंटित जिलों का दौरा करने के लिए भी कहा है और राज्य इकाई को सभी जिलों में संगठनात्मक पदों को भरने के लिए कहा है.
अग्रवाल ने कहा कि 'हम चाहते हैं कि संगठन मजबूत हो. मैंने कहा है कि स्थानीय नियुक्तियों सहित सभी कमियों को जल्द से जल्द पूरा किया जाना चाहिए.'
एआईसीसी प्रभारी ने पार्टी कार्यकर्ताओं से महिलाओं को 1,500 रुपये प्रति माह भत्ता योजना और 500 रुपये में एलपीजी सिलेंडर के लिए बड़ी संख्या में नामांकन करने और उन्हें अन्य गारंटी जैसे 100 यूनिट तक मुफ्त बिजली और 200 यूनिट तक आधा बिल के बारे में समझाने के लिए भी कहा है. इसके साथ ही कृषि ऋण माफी योजना को फिर से शुरू करना और सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना को वापस लाना आदि शामिल है.
अग्रवाल ने कहा कि 'मैंने कार्यकर्ताओं से मतदाताओं तक पहुंचने और दोनों योजनाओं के लिए अधिकतम नामांकन सुनिश्चित करने को कहा है. इसी तरह की योजनाओं से हमें कर्नाटक में मदद मिली और हम एमपी में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे.'
उन्होंने कहा कि 'मैंने कार्यकर्ताओं से मतदाताओं को भाजपा सरकार की विफलताओं के बारे में बताने के लिए भी कहा है, चाहे वह नौकरियों में भ्रष्टाचार हो, महाकाल मंदिर की दोषपूर्ण मूर्तियां, किसानों को उचित पारिश्रमिक और कानून व्यवस्था की स्थिति हो.'