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पुडुचेरी चुनाव : कांग्रेस और द्रमुक ने सीट बंटवारे को लेकर की वार्ता

पुडुचेरी में विधानसभा की कुल 30 सीटें पर छह अप्रैल को चुनाव होगा. इस केंद्र शासित प्रदेश में कांग्रेस और द्रमुक ने गठंबधन में चुनाव लड़ने की घोषणा की है, लेकिन सीट बंटवारे पर अभी समझौता नहीं हो सका है. दोनों दलों के बीच अब तक दो दौर की वार्ता हो चुकी है.

पुडुचेरी चुनाव
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Published : Mar 8, 2021, 10:39 PM IST

पुडुचेरी : केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी में छह अप्रैल को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए सीट बंटवारे को लेकर सोमवार को कांग्रेस और द्रमुक ने दूसरे दौर की बातचीत की. दोनों पार्टियों के बीच जल्द ही समझौता होने की संभावना है.

पहले दौर की बातचीत के एक दिन बाद दोनों पार्टियों के नेताओं ने पुडुचेरी में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के दफ्तर में फिर से वार्ता की. करीब 45 मिनट के विचार-विमर्श के बाद पूर्व मुख्यमंत्री वी नारायणसामी ने पत्रकारों से कहा कि द्रमुक के प्रतिनिधियों ने उन्हें बताया है कि वे कितनी सीटों पर चुनाव लड़ना चाहते हैं.

इस केंद्र शासित प्रदेश में विधानसभा की 30 सीटें है, जिनपर छह अप्रैल को चुनाव होगा.

द्रमुक की मांग को सार्वजनिक करने से इनकार हुए नारायणसामी ने कहा कि वह आखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के समक्ष पूरा ब्यौरा रखेंगे.

सीट बंटवारे की बातचीत में कांग्रेस की ओर से प्रदेश कांग्रेस प्रमुख एवी सुब्रमण्यम और अन्य नेताओं ने हिस्सा लिया, जबकि द्रमुक की ओर से उसके संयोजक एसपी शिवकुमार और आर शिवा ने वार्ता की.

उन्होंने कहा कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव दिनेश गुंडू राव चेन्नई में द्रमुक प्रमुख एमके स्टालिन से बातचीत करेंगे और मंगलवार तक सीट बंटवारे पर निर्णय हो जाएगा.

2016 में कांग्रेस-द्रमुक मिलकर लड़े थे चुनाव
वर्ष 2016 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 21 सीटों पर चुनाव लड़ा था जबकि द्रमुक ने नौ सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे. चुनाव में कांग्रेस के 15 उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की थी जबकि द्रमुक के टिकट पर दो प्रत्याशी विधानसभा पहुंचे थे.

इस बीच गठबंधन को लेकर चुप्पी साधे रहे एआईएनआरसी के संस्थापक नेता एन रंगासामी ने अपनी पार्टी के पदाधिकारियों के साथ कई दौर की वार्ता की है और इस बात पर चर्चा की है कि क्या पार्टी को भाजपा से समझौता करना चाहिए या 2016 की तरह अकेले चुनावी रण में उतरना चाहिए.

रंगासामी के करीबी सूत्रों ने बताया कि अबतक कोई फैसला नहीं हुआ है.

एआईएनआरसी और भाजपा में पेंच फंसा
बताया जाता है कि नारायणसामी नीत पूर्व सरकार के मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने के बाद भगवा दल में शामिल हुए नम: शिवायम को भाजपा द्वारा मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार पेश करने से रंगासामी खुश नहीं हैं.

एआईएनआईसी ने पुडुचेरी की एकमात्र सीट से 2019 का लोकसभा चुनाव भाजपा और अन्नाद्रमुक के साथ गठबंधन करके लड़ा था लेकिन उसे चुनाव हारना पड़ा था और कांग्रेस ने यह सीट जीती थी.

पुडुचेरी : केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी में छह अप्रैल को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए सीट बंटवारे को लेकर सोमवार को कांग्रेस और द्रमुक ने दूसरे दौर की बातचीत की. दोनों पार्टियों के बीच जल्द ही समझौता होने की संभावना है.

पहले दौर की बातचीत के एक दिन बाद दोनों पार्टियों के नेताओं ने पुडुचेरी में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के दफ्तर में फिर से वार्ता की. करीब 45 मिनट के विचार-विमर्श के बाद पूर्व मुख्यमंत्री वी नारायणसामी ने पत्रकारों से कहा कि द्रमुक के प्रतिनिधियों ने उन्हें बताया है कि वे कितनी सीटों पर चुनाव लड़ना चाहते हैं.

इस केंद्र शासित प्रदेश में विधानसभा की 30 सीटें है, जिनपर छह अप्रैल को चुनाव होगा.

द्रमुक की मांग को सार्वजनिक करने से इनकार हुए नारायणसामी ने कहा कि वह आखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के समक्ष पूरा ब्यौरा रखेंगे.

सीट बंटवारे की बातचीत में कांग्रेस की ओर से प्रदेश कांग्रेस प्रमुख एवी सुब्रमण्यम और अन्य नेताओं ने हिस्सा लिया, जबकि द्रमुक की ओर से उसके संयोजक एसपी शिवकुमार और आर शिवा ने वार्ता की.

उन्होंने कहा कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव दिनेश गुंडू राव चेन्नई में द्रमुक प्रमुख एमके स्टालिन से बातचीत करेंगे और मंगलवार तक सीट बंटवारे पर निर्णय हो जाएगा.

2016 में कांग्रेस-द्रमुक मिलकर लड़े थे चुनाव
वर्ष 2016 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 21 सीटों पर चुनाव लड़ा था जबकि द्रमुक ने नौ सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे. चुनाव में कांग्रेस के 15 उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की थी जबकि द्रमुक के टिकट पर दो प्रत्याशी विधानसभा पहुंचे थे.

इस बीच गठबंधन को लेकर चुप्पी साधे रहे एआईएनआरसी के संस्थापक नेता एन रंगासामी ने अपनी पार्टी के पदाधिकारियों के साथ कई दौर की वार्ता की है और इस बात पर चर्चा की है कि क्या पार्टी को भाजपा से समझौता करना चाहिए या 2016 की तरह अकेले चुनावी रण में उतरना चाहिए.

रंगासामी के करीबी सूत्रों ने बताया कि अबतक कोई फैसला नहीं हुआ है.

एआईएनआरसी और भाजपा में पेंच फंसा
बताया जाता है कि नारायणसामी नीत पूर्व सरकार के मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने के बाद भगवा दल में शामिल हुए नम: शिवायम को भाजपा द्वारा मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार पेश करने से रंगासामी खुश नहीं हैं.

एआईएनआईसी ने पुडुचेरी की एकमात्र सीट से 2019 का लोकसभा चुनाव भाजपा और अन्नाद्रमुक के साथ गठबंधन करके लड़ा था लेकिन उसे चुनाव हारना पड़ा था और कांग्रेस ने यह सीट जीती थी.

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