सरगुजा: कांग्रेस के संभागीय सम्मेलन में प्रदेश के सबसे अहम सवाल से पर्दा लगभग उठ गया है. सरकार और कांग्रेस से लगातार नाराज नजर आने वाले मंत्री टीएस सिंहदेव ने कार्यकर्ताओं के सामने बंद कमरे में कई भ्रम तोड़े. ये बात प्रदेश की सियासत के लिए सबसे अहम इसलिए है क्योंकि बार बार यह बात उठती है कि 2018 के चुनाव में कांग्रेस के संकट मोचन रहे टीएस सिंहदेव क्या 2023 में भी कांग्रेस का साथ देंगे. विपक्ष भी इसी आस में थी कि सिंहदेव की नाराजगी का फायदा उनको मिलेगा. लेकिन आज कार्यकर्ताओ के सामने सिंहदेव ने स्पष्ट कर दिया कि वो कांग्रेस छोड़कर कहीं नहीं जाने वाले हैं.
दिल्ली के होटल में भाजपा नेताओं से मिलने गए थे टीएस सिंहदेव: कार्यकर्ता सम्मेलन में स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव कहा कि "दिल्ली के होटल अशोका में मैं भाजपा के बड़े नेताओं से मिलने भी गया था. शायद ही ऐसी कोई पार्टी हो जहां से ऑफर ना आया हो, लेकिन मैं कहीं नहीं जाने वाला. कांग्रेस पार्टी के सिपाही के रूप में काम करता रहा हूं और आगे भी करता रहूंगा. मैं, राजेश तिवारी और भूपेश बघेल की बहुत अच्छी दोस्ती है. हम तीनों ने साथ मिलकर काम किया."
"भूपेश भाई के व्यवहार में कभी कोई कमी नहीं देखी मैंने, चाहे वो सार्वजनिक मंच हो या और कोई जगह. कुछ लोग हैं जो आपस में दरार पैदा कराकर खुद आगे बढ़ना चाहते हैं. इसलिए कई तरह की बातें होती हैं." -टीएस सिंहदेव, स्वास्थ्य मंत्री
कांग्रेस के भीतर गुटबाजी को लेकर कही ये बात: भूपेश बघेल और राजेश तिवारी के साथ काम करने का अनुभव साझा करते हुए टीएस सिंहदेव ने कहा कि "14 में 14 सीट जीतना कठिन काम था. सबने मिलकर मेहनत की इसलिए ऐसे परिणाम आए. कांग्रेस में एक बात बुरी है जो मैं कहना चाहूंगा कोई रिकार्डिंग कर रहे हों प्लीज मत करिएगा, वो है गुटबाजी. उस समय हम लोगों में कोई गुटबाजी नहीं थी. एक साथ मिलकर काम किया और आगे भी एक साथ काम करने की जरूरत है."
अगर बात उठ गई है तो खुलकर चर्चा हो: सम्मेलन से बाहर आने के बाद सिंहदेव ने इस विषय पर मीडिया के सवालों का भी जवाब दिया. कहा "वो भी आफ द रिकॉर्ड ही है. राजेश तिवारी जी ने कुछ बातों को उठाया. पुराने साथी रहे हैं, आज भी पारिवारिक मधुर संबंध है. उन्होंने बात को उठाया तो मुझे लगा की अगर बात उठ गई है तो खुलकर साथियों के बीच में चर्चा हो जाए."
छत्तीसगढ़ में सरकार बनाने का दावा: स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनने का दावा किया है. साथ ही बीजेपी के कमजोर होने की भी बात कही है. लंबे समय से सस्पेंस और भूपेश बघेल से मतभेद की अफवाहों पर टीएस सिंहदेव ने अब लगभग पूर्ण विराम लगा दिया है. विधानसभा चुनाव से पहले सिंहदेव को अपने खेमे में करने की ताक में बैठी बीजेपी के लिए झटका माना जा रहा है.