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मृतकों का सही आंकड़ा पता करने के लिए 'कोविड आयोग' और 'कोविड मुआवजा कोष' का गठन हो: कांग्रेस

कांग्रेस ने कहा है कि केंद्र सरकार को कोरोना महामारी के कारण जान गंवाने वाले लोगों का सही आंकड़ा पता करने के लिए 'कोविड आयोग' का गठन करना चाहिए. इसके अलावा पार्टी ने कहा कि इससे प्रभावित परिवारों को चार-चार लाख रुपये की सहायता रशि देने के उद्देश्य से एक 'कोविड मुआवजा कोष' भी बनाया जाना चाहिए.

Congress spokesperson Gaurav Vallabh talking to reporters
संवाददाताओं से बात करते कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ .
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Published : Nov 26, 2021, 2:27 AM IST

नई दिल्ली : कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को कहा कि केंद्र सरकार को कोरोना महामारी के कारण जान गंवाने वाले लोगों का सही आंकड़ा पता करने के लिए 'कोविड आयोग' का गठन करना चाहिए और प्रभावित परिवारों को चार-चार लाख रुपये की सहायता रशि देने के उद्देश्य से एक 'कोविड मुआवजा कोष' भी बनाना चाहिए.

पार्टी प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें यह काम जल्दी करना चाहिए ताकि आगे चलकर उन्हें कृषि कानूनों के मुद्दे की तरह इसको लेकर माफी नहीं मांगनी पड़े. उन्होंने संवाददाताओं से कहा, 'हमने दो मांग की है. पहली यह कि एक आयोग बनाकर पता किए जाए कि कोरोना से कितने लोगों की मौत हुई. मृत्यु का सही आंकड़ा सामने आना चाहिए. अमेरिका के अखबार लिखते हैं कि भारत में कोरोना महामारी से 45-50 लाख लोगों की मौत हुई. लेकिन भारत सरकार आंकड़े छिपाती है.'

वल्लभ ने कहा, 'सरकार कोविड के कारण जान गंवाने वालों के परिवार को चार-चार लाख रुपये नहीं देना चाहती है. हमारी मांग है कि ये मुआवजा दिया जाए और इसके लिए कोविड मुआवजा कोष बनाया जाए.'

उन्होंने यह भी कहा, 'सरकारी आंकड़े के मुताबिक, 4.67 लाख लोगों की मौत कोरोना के कारण हुई. एनडीएमए (राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण) कानून के तहत मुआवजे की 75 प्रतिशत राशि केंद्र सरकार को देनी है और 25 प्रतिशत राशि राज्य सरकारों को देनी है. यानी केंद्र सरकार को कुल 14 हजार करोड़ रुपये देने होंगे. यदि सरकार विज्ञापन देना बंद कर दे और प्रधानमंत्री के लिए हवाई जहाज नहीं खरीदे तो यह पैसा लोगों को दिया जा सकता है.'

ये भी पढ़ें - केंद्र- छत्तीसगढ़ में कई विषयों पर सहमति नहीं, PM को पत्र लिख रहे CM पर जवाब न मिलने से पिस रही जनता

वल्लभ के मुताबिक, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखकर कहा है कि केंद्र सरकार कोविड में जान गंवाने वाले हर व्यक्ति के परिवार को चार लाख रुपये की मदद दे और वो इसके लिए राज्य सरकार का हिस्सा देने को तैयार हैं.

पार्टी प्रवक्ता ने प्रधानमंत्री पर कटाक्ष करते हुए कहा, 'हम चाहते हैं कि प्रधानमंत्री को सुबह-सुबह माफी नहीं मांगनी पड़े. इसलिए वह हमारी मांगें स्वीकार करें. राहुल गांधी और कांग्रेस का यह ट्रैक रिकॉर्ड है कि उन्होंने जो मुद्दा उठाया है, उस पर अपनी मांग पूरी करवाई है. टीकाकरण के समय ऐसा हुआ और अब किसान आंदोलन के समय भी हुआ कि सरकार को मांगें माननी पड़ी.'

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी बुधवार को कहा था कि सरकार को कोविड-19 के कारण जान गंवाने वालों के सही आंकड़े बताने चाहिए और हर प्रभावित परिवार को चार लाख रुपये का मुआवजा देना चाहिए. उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने सितंबर महीने में उच्चतम न्यायालय को बताया था कि राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) ने कोविड-19 से जान गंवा चुके लोगों के परिजन को 50-50 हजार रुपये की अनुग्रह राशि देने की सिफारिश की है.

केंद्र ने यह भी कहा था कि कोविड-19 राहत कार्य में शामिल रहने या महामारी से निपटने के लिए तैयारियों से जुड़ी गतिविधियों में शामिल रहने के चलते संक्रमण से जान गंवाने वालों के परिजनों को भी अनुग्रह राशि दी जाएगी.

नई दिल्ली : कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को कहा कि केंद्र सरकार को कोरोना महामारी के कारण जान गंवाने वाले लोगों का सही आंकड़ा पता करने के लिए 'कोविड आयोग' का गठन करना चाहिए और प्रभावित परिवारों को चार-चार लाख रुपये की सहायता रशि देने के उद्देश्य से एक 'कोविड मुआवजा कोष' भी बनाना चाहिए.

पार्टी प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें यह काम जल्दी करना चाहिए ताकि आगे चलकर उन्हें कृषि कानूनों के मुद्दे की तरह इसको लेकर माफी नहीं मांगनी पड़े. उन्होंने संवाददाताओं से कहा, 'हमने दो मांग की है. पहली यह कि एक आयोग बनाकर पता किए जाए कि कोरोना से कितने लोगों की मौत हुई. मृत्यु का सही आंकड़ा सामने आना चाहिए. अमेरिका के अखबार लिखते हैं कि भारत में कोरोना महामारी से 45-50 लाख लोगों की मौत हुई. लेकिन भारत सरकार आंकड़े छिपाती है.'

वल्लभ ने कहा, 'सरकार कोविड के कारण जान गंवाने वालों के परिवार को चार-चार लाख रुपये नहीं देना चाहती है. हमारी मांग है कि ये मुआवजा दिया जाए और इसके लिए कोविड मुआवजा कोष बनाया जाए.'

उन्होंने यह भी कहा, 'सरकारी आंकड़े के मुताबिक, 4.67 लाख लोगों की मौत कोरोना के कारण हुई. एनडीएमए (राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण) कानून के तहत मुआवजे की 75 प्रतिशत राशि केंद्र सरकार को देनी है और 25 प्रतिशत राशि राज्य सरकारों को देनी है. यानी केंद्र सरकार को कुल 14 हजार करोड़ रुपये देने होंगे. यदि सरकार विज्ञापन देना बंद कर दे और प्रधानमंत्री के लिए हवाई जहाज नहीं खरीदे तो यह पैसा लोगों को दिया जा सकता है.'

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वल्लभ के मुताबिक, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखकर कहा है कि केंद्र सरकार कोविड में जान गंवाने वाले हर व्यक्ति के परिवार को चार लाख रुपये की मदद दे और वो इसके लिए राज्य सरकार का हिस्सा देने को तैयार हैं.

पार्टी प्रवक्ता ने प्रधानमंत्री पर कटाक्ष करते हुए कहा, 'हम चाहते हैं कि प्रधानमंत्री को सुबह-सुबह माफी नहीं मांगनी पड़े. इसलिए वह हमारी मांगें स्वीकार करें. राहुल गांधी और कांग्रेस का यह ट्रैक रिकॉर्ड है कि उन्होंने जो मुद्दा उठाया है, उस पर अपनी मांग पूरी करवाई है. टीकाकरण के समय ऐसा हुआ और अब किसान आंदोलन के समय भी हुआ कि सरकार को मांगें माननी पड़ी.'

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी बुधवार को कहा था कि सरकार को कोविड-19 के कारण जान गंवाने वालों के सही आंकड़े बताने चाहिए और हर प्रभावित परिवार को चार लाख रुपये का मुआवजा देना चाहिए. उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने सितंबर महीने में उच्चतम न्यायालय को बताया था कि राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) ने कोविड-19 से जान गंवा चुके लोगों के परिजन को 50-50 हजार रुपये की अनुग्रह राशि देने की सिफारिश की है.

केंद्र ने यह भी कहा था कि कोविड-19 राहत कार्य में शामिल रहने या महामारी से निपटने के लिए तैयारियों से जुड़ी गतिविधियों में शामिल रहने के चलते संक्रमण से जान गंवाने वालों के परिजनों को भी अनुग्रह राशि दी जाएगी.

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