नई दिल्ली : कांग्रेस ने गुजरात के मुंद्रा बंदरगाह पर करीब 3000 किलोग्राम हेरोइन बरामद किये जाने को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा और कहा कि उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों का एक आयोग गठित करके इस मामले की जांच होनी चाहिए. कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने यह दावा भी किया कि पहले भी इस बंदरगाह के जरिए बड़े बड़े पैमाने पर ड्रग्स की तस्करी की गई और नरेंद्र मोदी सरकार देश की सुरक्षा करने में विफल हो गई है और कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस मामले पर देश को जवाब देना चाहिए.
अधिकारियों ने बताया कि राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) ने गुजरात के कच्छ जिले में मुंद्रा बंदरगाह से 2,988.21 किलोग्राम हेरोइन जब्त की है जिसकी कीमत ₹15000 करोड़ है. इस बंदरगाह के परिचालन का स्वामित्व अडाणी समूह के पास है. अडाणी समूह के एक प्रवक्ता ने इस घटनाक्रम पर कहा था कि बदंरगाहों के परिचालन में परिचालक कंपनियों की भूमिका सीमित होती है तथा कंटेनरों की छानबीन एवं जब्ती का काम सरकारी एजेंसियां ही करती हैं.
राहुल गांधी ने सरकार पर साधा निशाना
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने गुजरात के मुंद्रा बंदरगाह पर करीब 3000 किलोग्राम हेरोइन बरामद किए जाने को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा और सवाल किया कि क्या इस जहर से सैकड़ों परिवारों के बर्बाद होने के लिए केंद्र सरकार जिम्मेदार नहीं है? उन्होंने ट्वीट किया, 'देश को घुन लगा है और केंद्र सरकार मित्रों की गोद में सो रही है. क्या इस ज़हर से सैकड़ों परिवारों के बर्बाद होने के लिए केंद्र सरकार जिम्मेदार नहीं है?
राहुल गांधी ने एक अन्य ट्वीट में दावा किया, मोदी सरकार सिर्फ़ मित्रों के साथ है. लेकिन देश अधिकार और आत्मसम्मान के लिए सत्याग्रह कर रहे किसान-मज़दूर-विद्यार्थी के साथ है. और मैं हमेशा देश के साथ हूं और रहूंगा.
सरकार की तरफ से इस मामले में कोई प्रतिक्रिया नहीं
कांग्रेस महासचिव सुरजेवाला ने संवाददाताओं से कहा, '3000 किलोग्राम हेराइन की बरामदगी ड्रग तस्करी का अब तक का सबसे बड़ा मामला है. यह कोई पहली बार नहीं है कि इस बंदरगाह के माध्यम से ड्रग्स लाया गया हो. सामाचार पत्रों के मुताबिक, अडाणी मुंद्रा बंदरगाह से जून, 2021 में इसी प्रकार 25,000 किलोग्राम हेरोइन ड्रग ‘सेमीकट टेलकम पाउडर ब्लॉक्स’ के नाम पर आए थे.
उनके मुताबिक,उस समय भी ड्रग्स आंध्र प्रदेश की उसी तथाकथित कंपनी के नाम पर लाए गए थे, जिनके नाम पर इस बार 3,000 किलोग्राम हेरोइन लाई गई थी. और दावा किया हेरोइन की पुरानी खेप बाजार में पहुंच चुकी होगी और हिंदुस्तान के नौजवानों को नशे की आग में झोंक रही है. यह भी याद रहे कि जुलाई, 2021 में भी दिल्ली पुलिस ने भी 354 किलोग्राम हेरोइन की ₹2,500 करोड़ लागत की ड्रग्स की बरामदगी की थी. मई महीने में भी दिल्ली पुलिस ने 125 किलोग्राम हेरोइन पकड़ी थी.
कांग्रेस नेता ने सरकार से किया सवाल
सुरजेवाला ने सवाल किया कि ₹1,75,000 करोड़ के 25,000 किलोग्राम हेरोइन ड्रग्स कहां गए? नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो, डीआरआई, ईडी, सीबीआई, आईबी, क्या सोए पड़े हैं या फिर उन्हें मोदी जी के विपक्षियों से बदला लेने से फुर्सत नहीं? क्या यह सीधे-सीधे देश के युवाओं को नशे में धकेलने का षड़यंत्र नहीं? क्या यह राष्ट्रीय सुरक्षा से खिलवाड़ नहीं, क्योंकि यह सारे ड्रग्स के तार तालिबान और अफगानिस्तान से जुड़े हैं?'
उन्होंने यह भी पूछा, क्या ड्रग माफिया को सरकार में बैठे किसी सफेदपोश का और सरकारी एजेंसियों का संरक्षण प्राप्त है? अडाणी मुंद्रा पोर्ट की जांच क्यों नहीं की गई? क्या प्रधानमंत्री और सरकार देश की सुरक्षा में विफल नहीं हो गए हैं? क्या ऐसे में पूरे मामले की जांच उच्चतम न्यायालय के वर्तमान न्यायाधीशों का आयोग बनाकर जांच नहीं होनी चाहिए?'
कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि मादक पदार्थों की तस्करी सरकार की नाक के नीचे हो रही है और इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई. उन्होंने यह सवाल भी किया कि आखिर ड्रग तस्कर गुजरात के बंदरगाह का उपयोग क्यों कर रहे हैं? उधर, अडाणी समूह के एक प्रवक्ता ने इस पूरे मामले पर बयान जारी कर कहा, 16 सितंबर, 2021 को डीआरआई और सीमा शुल्क विभाग के संयुक्त अभियान में अफगानिस्तान से आए दो कंटेनरों में बड़ी मात्रा में हेरोइन होने का पता चला. ये कंटनेर मुंद्रा बंदरगाह के डीपी वर्ल्ड टर्मिनल पर पहुंचे थे.
हम डीआरआई और सीमा शुल्क विभाग का धन्यवाद करते हैं और बधाई देते हैं कि उन्होंने गैरकानूनी ड्रग्स और आरोपियों को पकड़ा.' उन्होंने कहा, भारत सरकार के सक्षम प्राधिकार जैसे सीमा शुल्क विभाग और डीआरआई कार्गो को खोलते हैं, छानबीन करते हैं और जब्त करते हैं.
बंदरगाह परिचालक किसी कंटेनर की जांच नहीं करता है. बंदरगाह को चलाने में इनकी भूमिका सीमित होती है. प्रवक्ता ने कहा, 'हम आशा करते हैं कि इस बयान से उन दुर्भावनापूर्ण और फर्जी दुष्प्रचार पर विराम लगेगा, जो अडाणी समूह के खिलाफ सोशल मीडिया पर चलाया जा रहा है.
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(पीटीआई-भाषा)