ETV Bharat / bharat

Congress Comments of Chandrayan3 : अंतरिक्ष में सफलता के पीछे नेहरू की आत्मनिर्भरता की सोच : रमेश - इसरो में पीएम मोदी

अंतरिक्ष में भारत की कामयाबी और इसरो की आत्मनिर्भरता की ऊंचाइयों पर कांग्रेस नें कहा कि यह नेहरू की दूरदर्शी सोच का ही परिणाम है जो हम आज यहां तक पहुंचें हैं नेहरू ने शुरु से ही आत्मनिर्भरता पर जोर दिया था.

congress on self reliance in space
jairam ramesh on aatmnirbhar
author img

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 26, 2023, 12:35 PM IST

नई दिल्ली : कांग्रेस ने शनिवार को कहा कि देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत को आत्म-निर्भर बनाने की सोच और आलोचनाओं के बावजूद दुनिया की बड़ी शक्तियों से सहयोग नहीं लेने के उनके फैसले के कारण अंतरिक्ष अन्वेषण में इतने अच्छे परिणाम मिल रहे हैं. कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि पाकिस्तानी मीडिया में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की शानदार उपलब्धियों पर काफी टिप्पणी की गई है और इस तथ्य को लेकर दुःख जताया गया है कि पाकिस्तान की अंतरिक्ष एजेंसी 'स्पेस एंड अपर एटमॉसफेयर रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन' की स्थापना 1961 के अंत में ही हो गई थी, जबकि भारत में भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष अनुसंधान समिति (इन्कोस्पार) की स्थापना उसके बाद 1962 के फरवरी महीने में हुई थी, लेकिन दोनों की उपलब्धियों में जमीन-आसमान का अंतर है.

रमेश ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, 'इसरो की सफलता के पीछे की जिस मुख्य वजह को नहीं पहचाना जा रहा है, वह यह है कि नेहरू ने पहले दिन से ही आत्मनिर्भरता पर जोर दिया था, जबकि दिल्ली में कुछ आवाजें अधिक अमेरिकी भागीदारी की वकालत कर रही थीं. कुछ ऐसे भी लोग थे, जो तत्कालीन सोवियत संघ के साथ घनिष्ठ सहयोग की बात कर रहे थे.' उन्होंने कहा कि लेकिन पहले नेहरू और फिर पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी इस बात को लेकर बिल्कुल स्पष्ट थीं कि अंतरिक्ष कार्यक्रम को भारतीय पेशेवरों द्वारा तैयार, नियंत्रित और संचालित किया जाना चाहिए.

कांग्रेस नेता ने कहा कि इसके लिए वे होमी भाभा, विक्रम साराभाई, सतीश धवन, पी एन हक्सर और कई अन्य लोगों से निश्चित रूप से सलाह लेते थे और वे उनसे प्रभावित थे. उन्होंने कहा, 'नेहरू युग में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के लिए मजबूत नींव रखी गई और विशाल बुनियादी ढांचे का निर्माण हुआ. ऐसा उन तीखी आलोचनाओं के बावजूद किया गया, जिनमें कहा जाता था कि एक बेहद गरीब देश होने के कारण भारत के लिए इस तरह का निवेश करना घातक होगा.'

पढ़ें: PM Modi Visit ISRO : इसरो में पीएम मोदी ने चंद्रयान-3 लैंडिंग स्पेस को शिव शक्ति नाम दिया

रमेश ने कहा, 'बावजूद इसके यह एक आत्मनिर्भर और वैज्ञानिक रूप से उन्नत राष्ट्र का दृष्टिकोण ही है, जो आज भरपूर लाभ दे रहा है.'

(पीटीआई)

नई दिल्ली : कांग्रेस ने शनिवार को कहा कि देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत को आत्म-निर्भर बनाने की सोच और आलोचनाओं के बावजूद दुनिया की बड़ी शक्तियों से सहयोग नहीं लेने के उनके फैसले के कारण अंतरिक्ष अन्वेषण में इतने अच्छे परिणाम मिल रहे हैं. कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि पाकिस्तानी मीडिया में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की शानदार उपलब्धियों पर काफी टिप्पणी की गई है और इस तथ्य को लेकर दुःख जताया गया है कि पाकिस्तान की अंतरिक्ष एजेंसी 'स्पेस एंड अपर एटमॉसफेयर रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन' की स्थापना 1961 के अंत में ही हो गई थी, जबकि भारत में भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष अनुसंधान समिति (इन्कोस्पार) की स्थापना उसके बाद 1962 के फरवरी महीने में हुई थी, लेकिन दोनों की उपलब्धियों में जमीन-आसमान का अंतर है.

रमेश ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, 'इसरो की सफलता के पीछे की जिस मुख्य वजह को नहीं पहचाना जा रहा है, वह यह है कि नेहरू ने पहले दिन से ही आत्मनिर्भरता पर जोर दिया था, जबकि दिल्ली में कुछ आवाजें अधिक अमेरिकी भागीदारी की वकालत कर रही थीं. कुछ ऐसे भी लोग थे, जो तत्कालीन सोवियत संघ के साथ घनिष्ठ सहयोग की बात कर रहे थे.' उन्होंने कहा कि लेकिन पहले नेहरू और फिर पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी इस बात को लेकर बिल्कुल स्पष्ट थीं कि अंतरिक्ष कार्यक्रम को भारतीय पेशेवरों द्वारा तैयार, नियंत्रित और संचालित किया जाना चाहिए.

कांग्रेस नेता ने कहा कि इसके लिए वे होमी भाभा, विक्रम साराभाई, सतीश धवन, पी एन हक्सर और कई अन्य लोगों से निश्चित रूप से सलाह लेते थे और वे उनसे प्रभावित थे. उन्होंने कहा, 'नेहरू युग में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के लिए मजबूत नींव रखी गई और विशाल बुनियादी ढांचे का निर्माण हुआ. ऐसा उन तीखी आलोचनाओं के बावजूद किया गया, जिनमें कहा जाता था कि एक बेहद गरीब देश होने के कारण भारत के लिए इस तरह का निवेश करना घातक होगा.'

पढ़ें: PM Modi Visit ISRO : इसरो में पीएम मोदी ने चंद्रयान-3 लैंडिंग स्पेस को शिव शक्ति नाम दिया

रमेश ने कहा, 'बावजूद इसके यह एक आत्मनिर्भर और वैज्ञानिक रूप से उन्नत राष्ट्र का दृष्टिकोण ही है, जो आज भरपूर लाभ दे रहा है.'

(पीटीआई)

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.